खराब हेल्थकेयर के कारण हर साल भारत का घाटा 60 लाख करोड़ रू. से अधिक : वजिरानी
नई दिल्ली : 10वां मेडटेक कान्फरेंस आॅफ कन्फेडरेशन आॅफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) केंद्र एवं राज्य सरकारों के अधिकारियों, मेडिकल प्रौद्योगिकी क्षेत्र के साहसियों और विश्वभर के विचारशील अगुवाओं को एक साथ लाने का गवाह बना, इसमें नियामक वातारण से मिले अवसरों का कैसे अधिकतम उपयोग किया जाए ऐसे नेटवर्क और भारतीय मेडटेक इंडस्ट्री जिन चुनौतियों का सामना कर रही है, उस बारे में विमर्श किया गया। नई दिल्ली में 7 सितम्बर को हुए कान्फरेंस ने उच्च पदांे पर आसीन महानुभावों के लिए मेडटेक सेक्टर की फंडिंग, मेडिकल प्रौद्योगिकी के लिए मेक-इन-इंडिया की भूमिका का अनुमान लगाने, मेडिकल डिवाइस पाॅलिसी ढ़ाचे को मजबूत बनाने, रक्षात्मक हेल्थ के महत्व, सरकारी कदमों और पहले ही रोगों का पता चले इसके लिए नई प्रौद्योगिकी तथा मूल्य आधारित हेल्थकेयर की ओर कदम बढ़ाने जैसे अनेक पहलुओं पर सरकार को अपनी सिफारिशें रखने का एक मंच तैयार किया है।
अपने मुख्य संबोधन में ट्रांसएशिया बायो-मेडिकल्स लि. के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुरेश वजिरानी ने कहा कि,‘‘ हमारे प्रधानमंत्री का विजन सभी के लिए अर्फोडेबल हेल्थकेयर प्रदान करने का है, यह एक गहरा आर्थिक यथायोग्य भी है। खराब हेल्थकेयर बुनियादीसंरचना के कारण उत्पादकता नुकसान से हर साल 60 लाख करोड़ रू से अधिक घाटा भारत को होता है। सभी के लिए अर्फोडेबल हेल्थकेयर प्रदान करने के लिए हमें ‘मेक इन इंडिया’ को अपनी मेडिकल प्रौद्योगिकी जरूरत बनानी होगी। यदि भारत का 70 फीसदी मेडिकल उपकरणों का आयात किया जाता है, तब हेल्थकेयर को अर्फोडेबल नहीं बना सकते है। अतः भारत को स्थानीय रोग रोकथाम के आधार पर प्राथमिकता वाले मेडिकल प्रौद्योगिकी अपनाने और लक्षित क्षेत्र में निवेश का संवंर्धन करने की जरूरत है।’’
मेडिकल टैक्नोलाजी इंडस्ट्रियल पाक्र्स की स्थापना को इंडस्ट्रियल गलियारों और प्रौद्योगिकीगत अंतरण संस्थानों के साथ जोड़ना एक सकारात्मक कदम है। आगे एफडीआई, पीपीपी को प्रोत्साहित करने में सरकार के प्रयासों और उल्टा शुल्क ढ़ाचे में सुधार करना इस क्षेत्र के विकास के लिए सभी पुरोगामी है।’’
सरकार को अपनी सिफारिशें आगे रखने पर श्री वजिरानी के साथ जिन्होंने मंच साझा किया उनमें इस सेक्टरों से शामिल अग्रणियों मंे भारत सरकार की स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल, सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी, पोलिमेडीक्योर लि. के प्रबंध निदेशक हिमांशू बैद, सीआईआई हेल्थकेयर कौंसिल के चेयरमैन और सीएमडी, मेदांता-द मेडिसिटी डां. नरेश त्रेहन, बोस्टन साइंस्टिफिक इंडिया प्रा. लि. के वाइस प्रेसीडेट एवं प्रबंध निदेशक श्री प्रबल चक्रबर्ती रहे है।