व्यापार

भविष्य को ध्यान में रख, एमजी मोटर ने अपना भारत का गेमप्लान तैयार किया

नई दिल्ली। एमजी मोटर इंडिया ने आज भारतीय बाजार के लिए अपनी आक्रामक व्यापार योजना की घोषणा की। अपने हॉलोल संयंत्र के उन्नयन के साथ – एक नई प्रेस शॉप के निर्माण और असेम्बली लाइनों और अन्य सुविधाओं में सुधार सहित – तेजी से बढ़ते हुए, एमजी मोटर इंडिया ने स्थानीयकरण का उच्च स्तर हासिल करने के लिए विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं के साथ वार्ता शुरू की है।
एमजी मोटर इंडिया ने अपने संभावित डीलरों को 28 मार्च को मुंबई में, 6 अप्रैल को दिल्ली में और 16 अप्रैल को बेंगलुरु में आयोजित होने वाले अपने डीलर रोड शो में आमंत्रित करना भी शुरू कर दिया है। कंपनी ऐसे भागीदारों को तलाश रही है जिनमें विकास की भूख है और जिनमें एक अलग सेवा प्रतिबद्धता दिखाने की क्षमता है जो उद्योग के मानकों को पार कर जाती है और नए मानक बनाती है।
‘मेक इन इंडिया’ पहल के हिस्से के रूप में, कार निर्माता ने यह भी घोषणा की है कि भारत में इसका पहला वाहन 2019 की दूसरी तिमाही से पहले ही लॉन्च किया जाएगा। आगे बढ़ते हुए कंपनी भारतीय बाजार में हर वर्ष एक नया उत्पाद पेश करने की योजना बना रही है। अपनी मूल कंपनी एसएआईसी के मजबूत आर एंड डी के प्रयासों के निर्देशन में, एमजी मोटर इंडिया नए ऊर्जा वाहनों की पेशकश करने पर भी सक्रिय रूप से विचार कर रही है और व्यावसायिक रूप से प्रौद्योगिकी को लागू करने के लिए शामिल सभी हितधारकों के साथ काम करने की इच्छुक है।
कंपनी की बाजार योजनाओं पर टिप्पणी करते हुए, एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव छाबा ने कहा, ‘एमजी ब्रांड अपने महान ब्रिटिश विरासत को संजोते हुए भविष्य की अविश्वसनीय तकनीक को अपनाने की कोशिश करता है। हम अपनी भारत की रणनीति पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और भविष्य को अपनाने के लिए एक मजबूत संगठन का निर्माण कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य ऐसे वाहन प्रदान करना है, जो एक प्रीमियम छवि और महान महत्त्व के साथ नए जमाने के और अत्यंत समकालीन होंगे।’
एमजी मोटर इंडिया एक भविष्य के लिए तैयार संगठन का निर्माण करने की कोशिश कर रहा है, जो न केवल एक युवा और स्मार्ट वर्क कल्चर के मामले में, बल्कि विविधता के मामले में भी उद्योग का मानक तय करता हैय कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या में 22 प्रतिषत कर्मचारी पहले से ही महिला कर्मचारी हैं। ‘हम निकट भविष्य में महिला कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि करना चाहते हैं। इससे बहुत फर्क पड़ेगा और उन्हें कंपनी की चालक की सीट पर बैठा देगा, इस प्रकार इस उद्योग की एकरसता को तोड़ देगा,’ छाबा ने कहा।

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