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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से 2021 तक भारत में इनोवेशन की दर दोगुनी से ज्यादा हो जाएगी : माईक्रोसॉफ्ट-आईडीसी अध्ययन

नई दिल्ली। देश के बिजनेस लीडर्स के मुताबिक 2021 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) भारत में संस्थानों में इनोवेशन की दर (2.2 गुना) एवं कर्मचारी की उत्पादकता (2.3 गुना) को दोगुना से ज्यादा कर देगी। माईक्रोसॉफ्ट एवं आईडीसी एशिया/पैसिफिक – फ्यूचर रेडी बिजनेस: एसेसिंग एशिया पैसिफिक्स ग्रोथ पोटेंशियल थ्रू एआई (भविष्योन्मुख बिजनेस: एआई द्वारा एशिया पैसिफिक में विकास की सामर्थ्य का आंकलन) के अध्ययन में भारत में 200 बिजनेस लीडर्स और 202 कर्मियों के बीच सर्वे किया गया। ये परिणाम माईक्रोसॉफ्ट इंडिया की नेशनल टेक्नॉलॉजी ऑफिसर, रोहिणी श्रीवत्स और रंगनाथ सदाशिव, डायरेक्टर, इंटरप्राईज, आईडीसी द्वारा गिरीश नायक, चीफ – सर्विस, ऑपरेशंस एवं टेक्नॉलॉजी, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की मौजूदगी में जारी किए गए।
इस सर्वे में 15 देशों के मध्यम और बड़े आकार के संस्थानों में 1560 नेतृत्वकर्ताओं से बात की गई। इसमें सामने आया कि सर्वे में शामिल 77 प्रतिशत बिजनेस लीडर्स इस बात पर सहमत थे कि एआई से उनके संस्थानों में प्रतिस्पर्धात्मकता आई, इसके बाद भी भारत में केवल एक तिहाई संस्थानों ने एआई का उपयोग प्रारंभ किया है। जिन कंपनियों ने एआई को अपना लिया है, उन्हें 2021 तक अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता में 2.3 गुना वृद्धि की उम्मीद है।
नए अध्ययन के परिणाम जारी करते हुए डॉ. रोहिनी श्रीवत्स, नेशनल टेक्नॉलॉजी ऑफिसर, माईक्रोसॉफ्ट इंडिया ने कहा, ‘‘आज हर कंपनी एक सॉफ्टवेयर कंपनी है और हर इंटरैक्शन एक डिजिटल इंटरैक्शन बनता जा रहा है। इस नई दुनिया में सफल होने के लिए संस्थानों को सर्वश्रेष्ठ टेक्नॉलॉजी को तीव्रता से अपनाना होगाय दूसरा, उन्हें अपनी खुद की अद्वितीय डिजिटल क्षमताएं विकसित करनी होंगी। वो बिजनेस और अर्थव्यवस्थाएं, जिन्होंने एआई को नहीं अपनाया है, उन्हें वो प्रतिस्पर्धी फायदे खोने का जोखिम है, जो लीडर्स को मिलते हैं। व्यापारिक संगठनों को नई संस्कृति अपनानी होगी, जिसमें इनोवेशन और निरंतर लर्निंग संस्थानागत संस्कृति के अभिन्न हिस्से हों। इससे चुस्ती, अनुकूलन और वृद्धि का मंच तैयार होगा।’’
पिछले साल जिन संस्थानों ने एआई अपनाया, उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में 8 प्रतिशत से 22 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली। वो तीन साल की अवधि में कम से कम 2.1 गुना सुधार की उम्मीद कर रहे हैं, तथा सर्वाधिक वृद्धि की उम्मीद ऊँचे मार्जिन एवं ऊँची प्रतिस्पर्धात्मकता में होने की है। वैहिकल इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेस करने और पॉलिसी रिन्यू करने के लिए एआई का क्रियान्वयन करने वाले नए समाधान का प्रदर्शन करते हुए गिरीश नायक, चीफ-सर्विस, ऑपरेशंस एवं टेक्नॉलॉजी, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (जो भारत में बीएफएसआई स्पेस में एआई का क्रियान्वयन करने में अग्रणी है) ने कहा, ‘‘हम उच्च क्वालिटी की कार डैमेज इवैल्युएशन सेवाएं प्रदान करने के लिए एआई की सामर्थ्य को पहचानते हैं। इस टेक्नॉलॉजी में डेटा बहुत तेजी से निर्मित होता है, जिससे यह हमें बहुत सटीकता के साथ वाहन की जाँच करने एवं क्लेम प्रोसेस करने में मदद करती है। एआई में माईक्रोसॉफ्ट की विशेषज्ञता हमें यह परिवर्तन लाने में मदद कर रही है और हम सेवा की गुणवत्ता से समझौता किए बिना ग्राहकों की मांग ज्यादा तेजी से पूरी कर पा रहे हैं।’’
अध्ययन में देश में एआई की सफलता सुनिश्चित करने वाले छः महत्वपूर्ण पक्षों का आंकलन किया गया। अध्ययन के अनुसार भारत को अपने निवेश, डेटा एवं कार्ययोजना का निर्माण करने की जरूरत है, ताकि यहां एआई का तीव्रता से प्रसार हो सके। अध्ययन में देश को एआई के लिए तैयार बनाने के लिए सांस्कृतिक परिवर्तन तथा कर्मचारियों को कौशल एवं पुनः कौशल प्रदान करने की जरूरत पर बल दिया गया। आईडीसी इंडिया के डायरेक्टर, इंटरप्राईज, रंगनाथ सदाशिव ने बताया, ‘‘एआई की दौड़ में सफल होने के लिए भारत को अपनी तैयारी में काफी सुधार की जरूरत है। लीडर्स को एआई को अपनी कार्ययोजना का मुख्य हिस्सा बनाने और लर्निंग की संस्कृति का विकास करने की जरूरत है। इस परिवर्तनकारी टेक्नॉलॉजी में निवेश दीर्घकालिक सफलता के लिए निरंतर होना चाहिए। प्रतिभाओं एवं टूल्स के विकास, एआई मॉडलों की स्थापना एवं निरीक्षण तथा मजबूत डेटा प्रसार और सशक्त प्रशासन इसके लिए बहुत जरूरी हैं।’’

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