D2C स्टार्ट-अप ‘द बेटर होम’ भारत की पहली FMCG कंपनी है, जो अपने पैकेजिंग मैटेरियल्स का 100% रिसाइकल करती है
नई दिल्ली। भारत की सर्कुलर इकोनॉमी में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए ‘द बेटर होम’ देश का पहला सस्टेनेबल-केंद्रित ब्रांड बन गया है, जो अपने सभी पैकेजिंग मैटेरियल्स के रिसाइकल के लिए प्रोग्राम चलाता है। बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ‘द बेटर होम’ ने इसे एक महत्वाकांक्षी प्रोग्राम ‘टेक बैक प्रोग्राम’ के माध्यम से शुरू किया है। कंपनी इससे सभी कस्टमर को उनके द्वारा इस्तेमाल किये गए सभी पैकेजिंग को कंपनी में रिसाइकल करने के लिए भेजने में सक्षम बनाता है।
भारत के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार भारत में हर दिन लगभग 26,000 टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है – यह कचरा 9,000 एशियाई हाथियों के वजन के करीब होता है। इसमें से 10,000 टन अंकलेक्टेड प्लास्टिक होता है जो प्राकृतिक वातावरण में जाके खत्म होता है। इसलिए D2C ब्रांड ‘द बेटर होम’ ने अपने पर्यावरण को बचाने के लिए और देश द्वारा सर्कुलर इकोनॉमी प्रैक्टिस को अपनाने के लिए इस रिसाइकल सेटअप को बदलाव के लिए स्थापित किया है। ‘द बेटर होम’ कंपनी एक लोकल वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के साथ मिलकर एक रीसाइक्लिंग कार्यक्रम चलाती है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) 2030 को ध्यान में रखते हुए रीसाइक्लिंग पहल ग्रीन इकोनॉमी के लिए कम्पनी की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
द बेटर होम पहले ही 58,000 यूनिट्स क्लीनर्स को भारत के 360 शहरों में अब तक भेज चुका है। इसके अलावा कंपनी ने हजारों कस्टमर से अपने रीसाइक्लिंग पहल के तहत बातचीत की है। कंज्यूमर्स को इकोलोजिक्ली सेफ क्लीनिंग प्रोडक्ट्स प्रदान करके कंपनी ने 45 मिलियन दूषित पानी को पिछले 6 महीने में समुद्र में जाने से रोका है।
द बेटर होम कोविड-19 महामारी के पहले फरवरी में लांच हुआ था। कंपनी के फाउंडर और सीईओ धीमंत पारेख ने कहा, ‘यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है कि लोग प्रोडक्ट को पसंद कर रहें हैं। हमने पिछले 4 महीने में 7000 घरों को इको फ्रेंडली में अडॉप्ट करने में मदद की है। हमारी बिक्री हर महीने दोगुनी हो रही है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहें हैं, हमारा मूल उद्देश्य अभी भी स्थिरता (सस्टेंबिलिटी) और प्रभाव(इम्पैक्ट) पर बना हुआ है, और जो भी चीज हम करते हैं सभी चीजों में यही भावना रहती है। हमारी पहली किट रीयूजेबल बोतलों में आती है जिसमे प्लास्टिक नहीं होती है, हमारे सेकेंडरी पैकेजिंग में प्लास्टिक की टेप भी नही होती है सभी बाद की किट रिफिल पाउच में आती हैं जिन्हें सेल्फ-एड्रेस्ड लिफाफे के साथ भेजा जाता है ताकि हम इसे रीसाइक्लिंग के लिए इकठ्ठा कर सकें। फिर हम उन्हें एक लाइसेंस प्राप्त वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी को डिस्पोज करने की जिम्मेदारी देते हैं। इसलिए हमारी कोई भी पैकेजिंग कभी भी लैंडफिल या सागर में नहीं फेंकी जाती है। इसके अलावा कन्वेंशनल क्लीनर से हमारे कस्टमर द्वारा इको फ्रेंडली प्रोडक्ट को यूज करने से 45 मिलियन लीटर से ज्यादा दूषित पानी समंदर में जाने से बचाया है और यह तो अभी मात्र शुरुआत है।’
द बेटर होम के को-फाउंडर अनुराधा पारेख ने कहा, ‘एसडीजी सभी जीवित प्राणियों के लिए बेहतर और स्वस्थ जीवन के उद्देश्य से बना हैं और पर्यावरण के प्रति जागरूक और जिम्मेदार इंटरप्राइजेज के रूप में हम उन्हें हर संभव तरीके से मदद देने की दिशा में काम कर रहे हैं। बेटर होम क्लीनर हार्श और खतरनाक मेडिकल से फ्री होता है। फर्श क्लीनर और हमारे लांड्री क्लीनर का इस्तेमाल करने से निकले हुए वेस्ट पदार्थ को बगीचे में सुरक्षित रूप से रीसाइकल किया जा सकता है। हम जिन्दगी के सोल्यूशन के लिए सामग्री और पैकेजिंग से वैल्यू चेन में रिस्पोंसिबल प्रोडक्शन के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे प्रोडक्ट हमारे जल निकायों (वाटर बॉडीज) पर प्रभाव को कम करके यूजर्स को ज्यादा संसाधन-कुशल बनाने में मदद करते हैं और जिम्मेदार खपत का एक आसान विकल्प बनाते हैं। यह बदले में समुद्री जीवन की रक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा हम अपनी सप्लाई चेन के माध्यम से देश भर में छोटे और मध्यम भारतीय व्यवसायों के साथ साझेदारी करते हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के पूर्ण और प्रोडक्टिव एम्प्लोयीमेंट और सभी के लिए सही काम को 2030 तक प्रदान करने के लिए काम करता है।’