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हीरो साइकिल्स ने महिलाओं के अग्रणी वैश्विक संस्था इनरव्हील के साथ मिलाया हाथ

गाजियाबाद। वैश्विक साइकिल ब्रांड हीरो साइकिल्स ने समाज के गरीब तबके की अधिक से अधिक महिलाओं तक साइकिल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से महिलाओं की अग्रणी संस्था इनर व्हील के साथ हाथ मिलाया है। इस पहल का लक्ष्य है आर्थिक-सामाजिक रूप से पिछडी महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके लिए शैक्षिक व आर्थिक अवसरों को हासिल करना और सुगम बनाना।
इस पहल के तहत, 264 हीरो एम्प्रेस साइकिले महिलाओं व लड़कियों को प्रदान की गई हैं। आर्थिक-सामाजिक रूप से पिछड़े तबके की इन महिलाओं व लड़कियों को इससे यातायात में सुगमता होगी और वे आत्मनिर्भर बनेंगी। इसके तहत ग्रेटर नोयडा स्थित गौर इंटरनेशनल स्कूल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। “ताल” नाम के इस कार्यक्रम में इनरव्हील संस्था की प्रतिनिधि मिस ममता गुप्ता भी मौजूद रही।
श्री पंकज एम मुंजाल, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, एचएमसी, हीरो मोटर्स कंपनी, का कहना है कि “इस बात के बहुत सारे साक्ष्य हैं कि यदि किसी महिला को साइकिल मिल जाए तो वह काफी सशक्त हो जाती है। हमने देखा है कि कैसे बिहार में लड़कियों के लिए साइकिल उपलब्ध कराए जाने से उनमें स्कूल बीच में छोडने का ट्रेंड कम हुआ है। साइकिल होने से लड़कियाँ पैदल की तुलना में जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंच पाती हैं और यह यातायात का काफी सस्ता विकल्प भी है। साइकिल उन्हे यह स्वतंत्रता प्रदान करती है कि वे अपनी सुविधा के हिसाब से जल्द से जल्द अपने लक्ष्य तक पहुंच सकेँ, चाहे बात स्कूल जाने की हो अथवा काम पर। हमेँ इनर व्हील के इस बेहतरीन पहल का हिस्सा बनने के पर बेहद खुशी है।“
इनरव्हील सबसे बडी ऑल- वीमेन संस्था है जिसका प्रतिनिधित्व 109 देशों में है। इनर व्हील का सबसे अधिक ग्रामीण इलाकोँ से सम्बंधित कार्यक्रमों पर बल देता है जिसका उद्देश्य है दिल्लीध्एनसीआर के आस-पास के पिछडे गांवों में रहने वाली महिलाओं को जीवन स्तर में सुधार हेतु सहायता प्रदान करना।
इनरव्हील इंडिया की राष्ट्रीय प्रतिनिधि मिस ममता गुप्ता ने कहा, “इनरव्हील सिर्फ एक संस्था नहीं है, यह महिलाओं का एक संयुक्त संगठन है जिसमें तमाम देशों की महिलाएँ एक-दूसरे के साथ जुडती हैं। हमारे ग्रामीण आउटरीच कार्यक्रम के जरिए हम यह प्रयास करते हैं कि सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछडी महिलाओं के जीवन में सकारामक बदलाव लाएँ। इनमेँ से बहुत सारी महिलाओं तक साइकिल की उपलब्धता से उनके जीवन में अत्यधिक बदलाव आएगा। इससे न सिर्फ महिलाओं के लिए काम करने के अवसर बढेंगे और यातायात का सुगम साधन मिलेगा बल्कि सड़कों पर उनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार से भी वे सुरक्षित होंगी और इससे उनका आत्मविश्वास और आत्मसम्मान भी बढ़ेगा।“

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