व्यापार

दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले रॉ मैटिरियल की कीमतें बढ़ी

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण दवाओं को तैयार करने में इस्तेमाल होने वाला रॉ मैटिरियल काफी महंगा हो गया है। दवा निर्माताओं का कहना है कि इनकी कीमत कई गुना महँगी हो गई है, एथोमाइजिन के रॉ मैटेरियल की कीमत पहले 7000 थी जो अब बढ़कर 15000 रुपये प्रति किलो हो गई है, पैरोसिटामोल में इस्तेमाल होने वाला रॉ मैटेरियल 250 से बढ़कर 500 रुपये किलो हो गया है, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का रॉ मैटिरियल 8000 रुपये से बढ़कर 80000 रुपये प्रति किलो हो गया है, सिफोरॉक्सीमएक्सिल के रॉ मैटिरियल की कीमत 9000 से बढ़कर 16000 रुपये प्रति किलो हो गया है। अन्य कई मैटिरियल के दाम भी 10 से 15 गुना तक अधिक हो गए हैं। दरअसल चीन से रॉ मैटिरियल आना पूरी तरह बंद है, ऐसे में देश में बचा स्टॉक कई गुना मंहगा हो गया है। दूसरी तरफ देश में सरकार ड्रग प्राइज कंट्रोल ऑर्डर लागू कर चुकी है, जिससे दवा कंपनियों को ये उत्पाद नियंत्रित कीमत पर बेचने हैं। इससे दवा निर्माताओं के सामने संकट आ गया है।

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