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एसपीवी के संस्थापक सदस्यों, रानी फंड एवं पीवीआर नेस्ट ने दिल्ली डिपार्टमेंट ऑफ वूमैन एंड चाईल्ड डेवलपमेंट (डीडब्लूसीडी) के साथ साझेदारी की

नई दिल्ली। दिल्ली डिपार्टमेंट ऑफ वूमैन एंड चाईल्ड डेवलपमेंट (डीडब्लूसीडी) ने जनसेवी पारिवारिक ट्रस्ट, द रानी फंड एवं पीवीआर सिनेमाज के सीएसआर आर्म, पीवीआर नेटवर्क फॉर इनेबलमेंट ऑफ सोशल ट्रांसफॉर्मेशन (नेस्ट) के साथ गठबंधन में ‘पालन’ और स्पेशल पर्पज वैहिकल (एसपीवी) का सफर शुरू किया। यह अभियान कोविड-19 से प्रभावित बच्चों को तत्काल राहत प्रदान करेगा। श्री राजेंद्र पाल गौतम, महिला व बाल विकास मंत्री, दिल्ली एनसीटी सरकार ने मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह की अध्यक्षता की। समारोहस्थल पर पीवीआर प्लाजा, कनॉट प्लेस में मौजूद दिल्ली सरकार के अन्य अधिकारियों में, डॉ. रश्मि सिंह (आईएएस), स्पेशल सेक्रेटरी कम डायरेक्टर, डीडब्लूसीडी एवं डॉ. अमित सेन, सीनियर चाईल्ड एवं एडोलेसेंट सायकियाट्रिस्ट एवं डायरेक्टर चिल्ड्रन फर्स्ट मौजूद थे।
डब्लूसीडी विभाग ने विभिन्न अंशधारकों, जैसे डीसीपीसीआर, सीडब्लूसी, डीसीपीयू, चाईल्डलाईन, आंगनवाड़ी एवं सहेली समन्वय केंद्र फील्ड कर्मियों के साथ गठबंधन में उन बच्चों का डेटाबेस भी बनाया है, जो कोविड-19 की महामारी के दौरान अपने माता-पिता में से किसी एक को खो चुके हैं या फिर अनाथ हो गए हैं। विभाग ने अन्य बच्चों का डेटाबेस भी बनाया है, जिन्हें देखभाल व सुरक्षा की जरूरत है। परिणामस्वरूप, ‘पालन’ प्रोजेक्ट डीडब्लूसीडी द्वारा रानी फंड एवं पीवीआर नेस्ट के साथ गठबंधन में लॉन्च किया गया। इन बच्चों की मदद के लिए यह सीएसआर गठबंधन का इस्तेमाल कर डाइनामिक रिस्पॉन्स अभियान के रूप में शुरू किया गया। इस परियोजना की स्थापना स्टेट चाईल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी (एससीपीएस), डब्लूसीडी विभाग द्वारा एसपीवी प्रोजेक्ट की प्रक्रिया के तहत की गई, ताकि कोविड प्रभावित बच्चों को व्यवहारिक केयर व सुरक्षा दी जा सके।
स्पेशल पर्पज वैहिकल (एसपीवी) फंड रेजिंगद्व निवेश एवं परियोजना विकास की प्रक्रिया को सरल बनाने की विधि है। एसपीवी समिति नियमित तौर पर मिलकर कार्यक्रम के लिए आवश्यक शुरुआत करती है। फंड रिसोर्स मोबिलाईजेशनय प्रोजेक्ट डेवलपमेंटः जरूरतमंद बच्चों का व्यवहारिक विकासय जागरुकता, संचार एवं विजिबिलिटी रणनीति के मैंडेट के साथ विभिन्न संगठनों से टीम के सदस्यों का गठन किया जाता है।
श्री राजेंद्र पाल गौतम, डब्लूसीडी मंत्री, दिल्ली एनसीटी सरकार ने कहा, ‘‘हम कॉर्पोरेट्स का उनके सीएसआर फंड के साथ स्वागत करते हैं। हम उन्हें पालन एसपीवी प्रोजेक्ट में योगदान व सहयोग देने के प्रयास में महिला व बाल विकास के लिए दिल्ली विभाग से गठबंधन करने के लिए आमंत्रित करते हैं।’’
‘पालन’ बच्चों को कस्टमाईज्ड सहयोग प्रदान करने के लिए जरूरत के आंकलन व चुनौतियों की प्रतिक्रिया पर आधारित है। यह सहयोग ‘बच्चों पर केंद्रित’ है, न कि योजना पर केंद्रित। इस कार्यक्रम की अद्वितीयता यह है कि इसमें रिस्पॉन्स तत्काल मिलता है। यह बच्चों को तत्काल वित्तीय एवं सामाजिक-आर्थिक सहयोग प्रदान कर बच्चों की बदलती जरूरतों को पूरा करता है। यह प्रोजेक्ट विभिन्न संगठनों एवं कॉर्पोरेट्स द्वारा सीएसआर के तहत बहुमूल्य योगदान से संचालित होता है। जैसे द रानी फंड एवं पीवीआर नेस्ट समाज के समग्र विकास के लिए आज के समय में पब्लिक-प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के महत्व पर रोशनी डालते हैं।
डॉ. रश्मि सिंह, (आईएएस), स्पेशल सेक्रेटरी कम डायरेक्टर, डीडब्लूसीडी एवं डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वैलफेयर, दिल्ली एनसीटी सरकार ने कहा, ‘‘कोविड के कारण माता-पिता में से किसी एक के नुकसान यस आजीविका के नुकसान ने इस बच्चों को बहुत नाजुक बना दिया है। हमें खुशी है कि दिल्ली चाईल्ड वैलफेयर फंड को बढ़ाने में कॉर्पोरेट रुचि ले रहे हैं और अन्य कॉर्पोरेट्स को इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं।’’
नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाईल्ड राईट्स (एनसीपीसीआर) ने सुप्रीम कोर्ट को दी गई अपनी हाल की रिपोर्ट में इस त्रासदी के विस्तार व गहराई का विवरण दिया। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अप्रैल, 2020 से 23 जुलाई, 2021 के बीच 6,855 बच्चे अनाथ हुए, 274 बच्चे लावारिस पाए गए, और 68,128 बच्चों ने अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया।
मिस नयना बिजली, फाउंडिंग सदस्य, रानी फंड ने कहा, ‘‘कोविड-19 से प्रभावित हुए नाजुक बच्चों का सहयोग करने के लिए सामंजस्यपूर्ण एवं विशाल टास्क फोर्स की जरूरत है। रानी फंड मौजूदा साझेदारियों द्वारा इन अभियानों को सहयोग देना चाहता है, जो लंबे समय से चल रहे हैं। यह फंड सरकारी प्रक्रिया के माध्यम से इन बच्चों तक संसाधन पहुंचाना चाहता है। यह एक मानसिकता वाले कॉर्पोरेट्स एवं संसाधनों से युक्त एनजीओ के साथ नेटवर्क बना इस दिशा में योगदान देगा।’’
कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों को बाल श्रम एवं तस्करी के जोखिम से बचाए जाने के साथ एक तत्कालिक मदद ट्रॉमा काउंसलिंग के रूप में दी जानी जरूरी है। एक साल में पूरा जीवन बदल जाने के बाद इन बच्चों के पास इतना गहरा आघात सहने के लिए बहुत कम भावनात्मक संसाधन हैं, इसलिए यह जरूरी है कि उनकी मानसिक व भावनात्मक जरूरतों व सेहत का भी ख्याल रखा जाए।
मिस दीपा मेनन, फाउंडर हेड, पीवीआर नेस्ट ने कहा, ‘‘हमें रानी फंड और दिल्ली डिपार्टमेंट ऑफ वूमैन एंड चाईल्ड डेवलपमेंट के साथ साझेदारी करने की खुशी है। वो इन बच्चों के जीवन में परिवर्तन लाने का महान काम कर रहे हैं। हमें विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए पब्लिक-प्राईवेट-पार्टनरशिप मॉडल में गहन अनुभव है और कोविड के समय में, जब फंड सीमित हो गए हैं, तो इस तरह की परियोजनाएं चलाने के लिए सहयोग का तरीका सबसे अच्छा है। बच्चों को अपनी पूरी क्षमता का विकास करने में मदद करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।’’

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