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युनिकस ओलम्पियाड ने नया ट्रेंड स्थापित करते हुए छात्रों के लिए निःशुल्क नॉन-रूटीन मैथमेटिक्स ओलम्पियाड लांच किया

नई दिल्ली। पहली ऑनलाइन ओलंपियाड परीक्षा, यूनिकस ओलंपियाड ने हाल ही में 3 से 10 कक्षाओं के छात्रों के लिए नॉन-रूटीन मैथमेटिक्स ओलंपियाड (UNRMO) को लांच किया है। यह नया ओलंपियाड छात्रों के मूल सिद्धांतों को जांचने और उन्हें मैथमेटिक्स परीक्षा में नॉन-रूटीन प्रश्नों के अभ्यस्त बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। ओलंपियाड का पहला लेवल सभी छात्रों के लिए निशुल्क है और जब से यह लांच हुआ है तब से इसे काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।
नॉन-रूटीन मैथमेटिक्स परीक्षा छात्रों को उनके सोचने की क्षमता, क्रियेटिविटी, लोजिकल रीजनिंग और उनकी एनालिटिकल स्किल्स में वृद्धि करता है। नॉन-रूटीन मैथमेटिक्स प्रश्नों को हल करने के लिए छात्रों को यह पता लगाना होता है कि दिए गए प्रश्न में कौन सा कांसेप्ट लगेगा और छात्र को कांसेप्ट को समझने के बाद इन प्रश्नों को हल करने की जरुरत होती है। ऐसे सवालों को हल करने के लिए कोई स्टैण्डर्ड तरीका नहीं होता है। जब छात्र इस तरह के सवालों में लगातार जूझते रहेंगे तो उनमें इन्हें हल करने की स्किल पैदा होगी और इन पूछे गए सवालों को हल करने से उनमे आत्मविश्वास पैदा होगा।
ओलंपियाड सक्सेस के मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन गोदावत जी ने कहा, ‘मैथमेटिक्स का उपयोग हर जगह होता है। दूरी, समय या आपके द्वारा प्लान किये टूर का हिसाब करने के लिए आपको मैथमेटिक्स की जरुरत पड़ती है। ज्यामिति और त्रिकोणमिति मैथमेटिक्स का इस्तेमाल खेलों में होता है। मैथमेटिक्स हर जगह मौजूद है। मैथमेटिकल कांसेप्ट को समझने और मैथमेथमेटिक्स को महसूस करने के लिए आपको एक अलग नजरियें की जरुरत होती है। तभी आपके दिमाग में सवाल पैदा होगा कि जब हमारे पास पहले से ही रूटीन मैथमेटिक्स है तो नॉन-रूटीन मैथमेटिक्स की क्या जरूरत है? या हमने नॉन-रूटीन मैथमेटिक्स का कांसेप्ट क्यों बनाया? कांस्पेट को समझकर उसे अमल में लाना मैथमेटिक्स के इस्तेमाल की सिद्ध की गयी रणनीति होती है। नॉन-रूटीन मैथमेटिक्स से सवालों को हल करने से फंडामेंटल्स पर पकड़ बनाने का सबसे अच्छा मेथड है। नॉन-रूटीन मैथमेटिक्स परीक्षा छात्रों को उनके सोचने की क्षमता, क्रियेटिविटी, लोजिकल रीजनिंग और उनकी एनालिटिकल स्किल्स में वृद्धि करता है।’
यूनिकस नॉन-रूटीन मैथमेटिक्स ओलंपियाड 2 लेवल की परीक्षा होती है। यह परीक्षा सर्दियों में होती है। लेवल 1 और लेवल 2 परीक्षा का डिफीकल्टी लेवल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले कुछ सबसे प्रसिद्ध मैथमेटिक्स ओलंपियाड के बराबर होता है। परीक्षा में आने वाला सवाल नॉन-कन्वेंशनल टाइप का होता है। परीक्षा एमसीक्यू प्रकृति की होती है और हर परीक्षा 60 मिनट की होती है। हर लेवल में 20 प्रश्न होते हैं – 10 क्लासिक सेक्शन (3 अंक प्रत्येक) और 10 स्कॉलर सेक्शन (6 अंक प्रत्येक प्रश्न के होते हैं)।
क्लासिक सेक्शन के प्रश्न नॉन-रूटीन मैथमेटिक्स से सम्बंधित होते हैं और स्कॉलर सेक्शन के प्रश्न एचओटीएस (हाई ऑर्डर थिंकिंग क्येस्चन) के होते हैं। हर गलत उत्तर पर निगेटिव मार्किंग होती है और 1ध्3 नंबर कट जाता है। सभी यूनिकस ओलंपियाड परीक्षा की तारीखें निश्चित हो चुकी हैं। आप परीक्षा का पूरा टाइम टेबल यहाँ से चेक कर सकते हैं। https://www.unicusolympiads.com/exam-dates
अमर हारोलिकर (आल इंडिया सीए इंटर में 15वें नंबर) ने कहा कि नॉन-रूटीन मैथमेटिक्स एल्गोरिदम और लर्निंग प्रोसीजर से कहीं ज्यादा है। अमर यूनीकस के सलाहकार बनकर खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। अमर एक विख्यात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एनालिटिक्स प्रैक्टिशनर और लीडर है। उन्हें इस क्षेत्र में बीस साल का अनुभव है। अमर का शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही गहरा लगाव है वो भी शिक्षा के कन्फ्लुएंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में लगाव और ज्यादा है। उनका मानना है कि यूनीकस ओलंपियाड के पास ओलंपियाड फील्ड में बहुत ज्यादा आइडिया है।

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