संपादकीय

कहीं कमजोर ना पड़ जाए संघर्ष

-रमेश सर्राफ धमोरा
स्वतंत्र पत्रकार (झुंझुनू, राजस्थान)

देश में पिछले डेढ़ महीने से लाॅकडाउन लगा हुआ है। 4 मई से कई तरह की रियायतों के साथ लगातार तीसरी बार दो सप्ताह का लाॅकडाउन लगाया गया है। तीसरी बार लाकडाउन लागू करने से पहले केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के प्रभाव के अनुसार देश को रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन में बांट दिया है। इन जोन में कोरोना के कम ज्यादा प्रभाव के हिसाब से विभिन्न प्रकार की छूट दी गई है।
रेड जोन वाले जिलों को कोरोना संक्रमण की दृष्टि से खतरनाक मानते हुए वहां पूर्ववत जारी बंदिशे यथावत रखी गई है। जबकि ऑरेंज जोन वाले जिलों में कोरोना का कम प्रभाव मानते हुए वहां कई क्षेत्रों में काम करने की छूट दी गई है। इस जोन में कई तरह के सामान वाली दुकानों को खोलने की छूट दी गई है। ऑरेंज जोन में दोपहिया व निजी चार पहिया वाहनों को भी चलने की छूट दी गई है। ग्रीन जोन में आने वाले जिलों को अधिकांश बंदिशों से मुक्त कर दिया गया है। वहां पर निजी वाहनो के साथ ही क्षमता से आधी सवारियों के साथ सार्वजनिक परिवहन वाहनों को भी चलाने की छूट दी गई है। वहां सभी प्रकार की दुकानों, कारखानों, विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य करने की भी छूट दी गई है।
अचानक लाॅकडाउन लागू होने से देश के विभिन्न स्थानों पर फंसे दूसरे प्रांतों के श्रमिकों, विद्यार्थियों, पर्यटको व अन्य लोगों को वहां से निकालकर उनके घरों तक पहुंचाने के बढ़ते दबाव के चलते केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को आपसी सहमति के आधार पर ऐसे लोगों को उनके घरों घरों तक पहुंचाने की भी छूट प्रदान की है। इसके साथ ही राज्य सरकारों की मांग पर केंद्र सरकार ने 1 मई श्रम दिवस के दिन से निश्चित स्थानों पर श्रमिक विशेष रेल चलाना भी शुरू किया है। जिसके अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों को रेलगाड़ी के माध्यम से एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश के निर्धारित स्टेशन तक छोड़ने की सुविधा प्रदान की गई है। इसमें दोनों प्रदेशों की राज्य सरकारों की सहमति आवश्यक है। रेल सेवा चलने से काफी संख्या में श्रमिक देश के एक स्थान से दूसरे स्थान पर अपने घरों तक पहुंच रहें हैं।
केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को आपसी सहमति से लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने की छूट के बाद लाखों की संख्या में लोग एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में जा रहे हैं। काफी संख्या में लोग श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों, सरकारी व निजी बसों तथा अपने निजी वाहनों से आवागमन कर रहे हैं। इससे पूरे देश में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। दूसरे प्रदेशों में रह रहा हर व्यक्ति इस प्रयास में लगा है कि कैसे भी करके वह अपने घर पहुंचे। इस दौरान कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। लोगों की समुचित रूप से चिकित्सकीय जांच भी नहीं हो पा रही है। इस से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में एकाएक काफी अधिक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लोगों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ गया है। बहुत से लोग तो अपने निजी वाहनों से अपने घरों तक पहुंच भी गए है। उन्होंने ना तो कहीं सरकारी स्तर पर अपने आने की सूचना दर्ज करवायी है और ना ही अपनी चिकित्सकीय जांच करवाई है।
सरकार द्वारा प्रवासी लोगों को अपने घरों तक जाने की छूट देने से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पिछले डेढ़ महीने से जो प्रयास किए जा रहे थे वह कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं। सरकार द्वारा बनाए गए रेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन में दी गई छूट से तो पहले ही सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ रही थी। रही सही कसर बाहर से आने वाले लोगों ने पूरी कर दी है। शराब ठेकों पर शराब की बिक्री की छूट देने से सरकारी नियमों का खुलकर उल्लघंन हो रहा है। देश भर में शराब के ठेकों पर लगी लंबी-लंबी कतारें सरकारों को मुंह चिढ़ा रही है। मगर राजस्व अर्जन के चक्कर में सरकार शराब ठेकों पर व्याप्त अव्यवस्थाओं को नजर अंदाज कर रही है।
लाॅकडाउन के प्रथम दो चरणों में सरकार ने कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक काबू पा लिया था। मगर लॉकडाउन के तीसरे चरण में देश में बनाये गये तीन तरह के जोन व उन में दी जा रही छूट के कारण सरकार व जनता द्वारा अब तक की गई पूरी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। सरकार द्वारा दी गई छूट का लोग दुरुपयोग कर रहे हैं। लाकडाउन में रियायतें देने से लोग कोरोना को लेकर लापरवाह हो गए हैं। लागों ने ऐसा मान लिया है कि अब कोरोना का कोई डर नहीं है। इस कारण ना तो फेस मास्क का उपयोग कर रहे हैं और ना ही सोशल डिस्टेंस मेंटेन कर रहे हैं। निजी वाहनों व परिवहन बसों में भी लोग पूरी तरह भर भर कर यात्रा कर रहे हैं। बाजारों में दुकानों पर भारी भीड़ देखी जा सकती है। जहां किसी भी तरह का कोई सोशल डिस्टेंस नहीं रखा जा रहा है।
अन्य प्रदेशों से अपने घरों को लौटे काफी लोग करोना पॉजिटिव निकल रहे हैं। जिसके चलते प्रशासन में घबराहट व्याप्त हो रही है। तेलंगाना सरकार ने तो कोरोना के बढ़ते संक्रमण के खतरे को भांपते हुए ही लाकडाउन को 27 मई तक बढ़ा दिया है। वही राजस्थान सरकार ने तत्काल प्रभाव से प्रदेश की सभी अंतर राज्य सीमा पूरी तरह सील करा दी है। प्रदेश में बाहर से आने वाले वाहनों को सिर्फ जिला कलेक्टर की संस्तुति पर राज्य सरकार द्वारा जारी पास से ही प्रवेश देने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। यदि अन्य किसी अधिकारी ने दूसरे प्रांतों से आने वाले लोगों को राजस्थान आने का पास जारी कर दिया तो उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी। पंजाब सरकार ने भी नांदेड़ से लौटे सिख श्रद्धालुओं में भारी संख्या में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद बाहर से आने वालो के नियमों को कड़ा कर दिया है। वहां कर्फ्यू में दी जा रही छूट को भी कम कर दिया गया है। इसी तरह गुजरात के अहमदाबाद शहर को आगामी 15 मई तक पूर्णतया सील कर दिया गया है। वहां फल, सब्जी व दवा की दुकानो के अलावा अन्य सभी दुकानों को बंद रखा जायेगा। वहां किसी प्रकार के आवागमन की अनुमति भी नहीं है।
कोरोना का संक्रमण कम होने के बजाय और तेज होता जा रहा है। ऐसे में हमें पहले से ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। वरना पिछले डेढ़ महीने से घरों में बंद रहने की हमारी पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। आगे चलकर हो सकता है कि करोना और ज्यादा भयावह रूप धारण कर ले। तब हमें और अधिक कड़ी पाबंदियां के साथ घरों में रहना पड़ सकता है। इससे अच्छा है कि हम अभी से सरकार द्धारा लगायी गयी पाबंदियो का पालन करें तथा कोरोना को हराने में सरकार का सहयोग करें। तभी हम कोरोना पर काबू पाकर सुरक्षित रह सकते हैं।

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