मनोरंजन

फिर से फुकरापंती करने आए फुकरे

फिल्म समीक्षा

फिल्म का नाम : फुकरे रिटर्न
फिल्म के कलाकार : पुलकित सम्राट, वरुण शर्मा, मनजोत सिंह, अली फजल, ऋचा चड्ढा, प्रिया आनंद, पंकज त्रिपाठी
फिल्म के निर्देशक : मृगदीप सिंह लाम्‍बा
जॉनर : कॉमेडी, थ्रिलर
रेटिंग : 3.5/5
साल 2013 की हिट फिल्म फुकरे का सीक्वल है फुकरे रिटर्न्स। फिल्म में एक बार फिर से आपको पुरानी स्टार कास्ट नजर आएगी। अगर आपने फिल्म का पहला हिस्सा नहीं भी देखा है तो आप आराम से इसके सीक्वल को देख सकते हैं। निर्देशक शॉर्ट में आपको पुरानी फिल्म की कहानी बता देते हैं। पिछली बार की तरह इस बार भी हनी (पुलकित सम्राट), चूचा (वरुण शर्मा), लाली (मनजोत सिंह) और जफर (अली फजल) अपनी जिंदगी बड़े ही आराम से काट रहे हैं। चूचे को नजर आने वाले सपने को तोड़-मरोड़कर हनी एक लॉट्री का नंबर बनाता है और उसे जीतता है। चारों स्‍कूल पासआउट हैं। एक साल पहले किए कारनामों का मीठा फल भोग रहे हैं। लेकिन लाली (ऋचा चड्ढा) वापस आ गई है। पिछली फिल्‍म में इस फुकरे गैंग के कारण लाली को भारी नुकसान हुआ था। जेल भी जाना पड़ा। अब वह जेल से रिहा हो चुकी है। यानी अब बदले का टाइम है। वो आते ही फुकरों को पकड़ती है और दिल्ली वालों को लॉट्री के नाम पर चूना लगाने के लिए कहती है। यहीं से फुकरों की परेशानी शुरू हो जाती है। इसी बीच चूचा को खजाने का एक सपना दिखाई देता है और फिर सभी कलाकार खजाने की खोज में निकल जाते हैं।
पिछली बार की तरह इस बार भी फुकरे गैंग के पैसे बनाने का स्‍कि‍म गलत हो जाता है। अब लाली उन्‍हें फिर से दबोचना चाहती है और इस बार कुछ नए विलेन भी सामने आते हैं। ऐसे में थोड़ा एक्‍शन भी होता है। ‘फुकरे’ की तरह ही ‘फुकरे रिटर्न्‍स’ भी पूरी तरह कॉमिक टाइमिंग और परफॉर्मेंस पर टिकी हुई है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि वरुण शर्मा ने ‘चूचा’ के किरदार में फिर से दिल जीता है। चूचा अब सपने ही नहीं देखता, उसे भविष्‍य भी दिखाई देता है। इसके बल पर वो लॉटरी जीतता है। यानी पिछली फिल्‍म के मुकाबले चूचा के पावर्स बढ़ गए हैं, लेकिन अफसोस उसका दिमाग नहीं बढ़ा। वो अभी भी गोवा को ‘गोया’ बोलता है। गलतियां करता है। हां, उसे अभी भी लाली से प्‍यार है। पंकज त्रिपाठी ने पंडितजी के किरदार में जान डाल दी है। उनकी कॉमिक टाइमिंग जबरदस्‍त है।
इंटरवल से पहले फिल्‍म में खूब हंसी-मजाक है। लेकिन दूसरे भाग में प्‍लॉट थोड़ा लंबा हो जाता है। हालांकि, बीच-बीच कॉमेडी का तड़का दर्शकों को बोर नहीं होने देता।
क्यों देखें : अगर आप भी हंसी के द्वारा रिलेक्स होना चाहते हैं तो यह फिल्म देख सकते हैं।

-निशा जैन

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