आज भी कायम है काॅमेडियंस की विरासत
‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ जब 2008 में खत्म हुआ था, तो किसी ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी कि हर बीतते साल के साथ इसकी विरासत इतनी मजबूत होती जायेगी। अपने लाॅन्च के साथ ही इस शो ने भारतीय टेलीविजन पर काॅमेडी जोनर में पहला नाॅन-फिक्शन शो होकर सारी परंपराओं को तोड़ दिया है। ये एक ऐसा जोनर था जो अब तक केवल सिटकाॅम तक ही सीमित था; इतना ही नहीं इस शो ने दम तोड़ती स्टैंड-अप काॅमेडी की कला को भी जिंदा किया। स्टैंड-अप काॅमेडी की कला क्षेत्रीय स्तरों पर ही लोकप्रिय थी, जिसे इस शो ने राष्ट्रीय मंच दिलाया।
इस शो का सबसे बड़ा योगदान देश को सुनील पाॅल, भारती सिंह, राजू श्रीवास्तव, अहसान कुरैशी जैसे टेलीविजन सुपरस्टार्स देने का रहा, जिन्होंने तब से लेकर अब तक भारतीय टेलीविजन पर काॅमेडी की कमान संभाल रखी है। साथ ही वो घर-घर में जाना-पहचाना नाम बन गये, उनकी लोकप्रियता फिल्मी सितारों जैसी हो गई।
यह शो ना केवल अपने हास्य के लिये जाना जाता है, बल्कि यह विरासत को आगे ले जाने वाले शो के रूप में भी ख्यात है!