मनोरंजन

सच्ची घटना पर आधारित फिल्म ‘लुप्त’ छह प्रमुख किरदारों की संयुक्त कहानी है : जावेद जाफरी

कॉमेडी का जबरदस्त तड़का लगाने वाले एक्टर जावेद जाफरी की फिल्म तथा फन एंटरटेनमेंट्स और व्हाइट लॉयन एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी स्पाइन चिलिंग फिल्म ‘लुप्त’ सिनेमाघरों में लग चुकी हैं। पिछले दिनों अपनी इसी फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में जावेद जाफरी फिल्म के डायरेक्टर प्रभुराज एवं कलाकारों विजय राज, करण आनंद, मीनाक्षी दीक्षित, करण चड्ढा के साथ राजधानी दिल्ली आए थे।
जावेद जाफरी ने कहा था कि सच्ची घटना पर आधारित फिल्म ‘लुप्त’ की खासियत है कि यह सभी छह प्रमुख किरदारों की संयुक्त कहानी है। यह एक सुपरनेचुरल फिल्म है, जिसमें न तो कोई आइटम नंबर है और ही बेवजह का कोई मसाला ठूंसा गया है। इसकी कहानी इतनी दमदार है कि यह अपने आप लोगों का न केवल मनोरंजन करेगी, बल्कि डराएगी भी। हमारी पूरी टीम ने इस फिल्म के लिए कड़ी मेहनत की है और हमारी पूरी जर्नी बेहतरीन भी रही है। शूटिंग के करीब डेढ़ महीने हम सभी कलाकार साथ रहे, जिसकी वजह से आपस में हमारी बेहतरीन केमिस्ट्री भी बन गई है। अपने किरदार के बारे में जावेद जाफरी ने कहा कि इस फिल्म में वह क्रॉनिक इनसोमनिया (नींद न आने) की बीमारी से जूझ रहे होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई बार अदृश्य लोग भी नजर आने शुरू हो जाते हैं। इसके बाद कई बार ऐसी घटनाएं होती हैं, जिसे देखने के बाद भी डर सकते हैं।
वहीं, विजयराज ने कहा, ‘इस फिल्म में काम करने का मेरा निजी अनुभव बेहद रोमांचक रहा है। मैंने पूरी टीम के साथ बेहतरीन वक्त गुजारा। हमने इस फिल्म की शूटिंग जंगलों में भी की है, जिस दौरान कई तरह के डरावने अनुभव भी हुए।’ इंसान और भूत का भेद बताते हुए विजय राज ने कहा कि आप भूत पर यकीन कर सकते हैं, इंसान पर नहीं। उन्होंने कहा कि ‘लुप्त’ टिपिकल हॉरर फिल्म है, जिसमें दरवाजों की आवाज, तेज चलती हुई आवाजें, लाइट्स का जलना-बुझना और डरावने चेहरे भी दिखाई देते हैं। इस सब के बीच कई बार सुपरनेचुरल घटनाएं भी देखने को मिलेंगी। इतना ही नहीं, रोड ट्रिप के सीन्स के दौरान देर रात में होने वाली डरावनी घटनाएं और अचानक डरा देने वाली आवाजें भी सुनने को मिलेंगी। लेकिन, इस सबके बावजूद फिल्म को सपरिवार देखा जा सकता है।
वहीं, फिल्म के डायरेक्टर-सह-लेखक प्रभुराज ने कहा, ‘‘लुप्त’ मेरे निर्देशन में बनी पहली फिल्म जरूर है, लेकिन इसकी कामयाबी को लेकर मेरे मन में कोई संशय नहीं है। हालांकि, मैंने जब ‘लुप्त’ की कहानी लिखी थी, तब मेरे मन में इसे एक हॉरर फिल्म के तौर पर पेश करने का सपना नहीं देखा था। हां, बतौर लेखक मेरे मन में एक रोचक-रोमांचक पेश करने की इच्छा जरूर थी, इसलिए मैंने इसे सुपरनेचुरल विषय-वस्तु के तौर पर लिखा। मुझे यह कहने में हिचक नहीं कि पूरी टीम ने हमारी पूरी मदद की, जिससे पूरा माहौल फैंटास्टिक बन गया था। हमें उम्मीद है कि दर्शक हमारी फिल्म को अवश्य पसंद करेंगे।

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