‘गल्ली लाइफ : दी स्टोरी ऑफ डिवाइन’ – भारत के लोकप्रिय रैपर की कहानी जल्द ही टेलीविजन और अन्य माध्यमों पर
डिवाइन का नाम अब भारत के रैप म्यूजिक के समानार्थी/पूरक बन चुका है। अपने कुछ संगीतकारों के साथ उनका नाम देश से लेकर विश्व तक गूंज रहा है। उन्होंने विश्व भ्रमण किया है, बीबीसी रेडियो पर उनका प्रसारण हो चुका है, उनसे प्रेरित होकर बॉलीवुड फिल्म बना रहा है, कई संगीत में उनका योगदान है और वह खुद की कंपनी ध्रिकॉर्ड भी चला रहे हैं।
कोई एक दशक से कम समय में चीजें बिलकुल भिन्न थीं। अपनी दादी के साथ मुंबई के पूर्वी उपनगर में रह रहे विवियन फर्नांडीस युवा थे और उन्हें हिपहाप का कोई ज्ञान न था। धीरे-धीरे उन्होंने भारतीय संगीत के विभिन्न रूपों के विषय में जानकारी अर्जित की और अपने पास-पड़ोस में होने वाले समारोहों से काफी कुछ सीखा।
उनके जीवन पर बनने वाली पहली डॉक्यूमेंट्री/लघु फिल्म, ‘गल्ली लाइफ: दी स्टोरी ऑफ डिवाईन ‘यह बताती है कि किस प्रकार से मुंबई का एक रैपर कुछ ही वर्षों में कैसे भारत का एक महत्वपूर्ण संगीतकार बना और फिर ग्लोबल सुपरस्टार। रेड बुल मीडिया हाउस और सुपारी स्टूडियोज के सहयोग से बनी यह फिल्म लोकप्रिय संगीतकार की कहानी है जिसके यात्रा के पड़ाव अद्भुत और प्रीतिकर हैं।
ट्रेलर को अभी देखें : https://www.youtube.com/watch?v=WDNEad24Rqg
यह फिल्म डिस्कवरी नेटवर्क के सभी चैनलों पर 1 जुलाई को 9 बजे शाम को रिलीज हो रही है जिसमे – डिस्कवरी एसडी और एचडी, टीएलसी एसडी और एच डी, डिस्कवरी साइंस, डिस्कवरी टर्बो और डिस्कवरी तमिल शामिल हैं। वहीँ इसकी डिजिटल रिलीज रेडबुल टीवी पर 15 जुलाई को होगी।
कुल पचास मिनट लम्बी इस फिल्म में दर्शकों को डिवाईन के जीवन में आये महत्वपूर्ण लोगों की झलक देखने को मिलेगी, जिसमे उनकी माँ जिसके वह बहुत करीब हैं, दोस्त जिनके साथ वह बड़े हुए और उनके खास करीबी जिनके साथ उन्होंने इस अनूठे सफर को तय किया और बचपन से लेकर कैसे वह आज हिपहॉप की प्रतिमा बने।
डिवाईन का कहना है कि ‘मेरी यात्रा बहुत अविश्वसनीय और रोचक रही है जो बिलकुल सपने के सदृश है। वह करना जो आपको पसंद है और जिसके लिए आपकी तारीफ लोग करें, उसको लेकर मैं अभिभूत हूँ। हिपहॉप ने वाकई में मेरे जीवन को बचा लिया। इस डॉक्यूमेंट्री को शूट करना मेरे लिए एक सफर जैसा था जिसमे मेरे जीवन के पूर्व क्षणों की प्रत्येक बारीकी को देखना निश्चित तौर पर एक अद्भुत अनुभव रहा। मैं रेड बुल मीडिया हाउस और अपने गल्ली गैंग एंटरटेनमेंट का बहुत आभारी हूँ जिन्होंने इस पक्ष को परदे पर जीवंत करने में मेरी सहायता की।’
इस प्रोडक्शन में एक साल से अधिक का समय लगा जिसमे डिवाईन के कुछ बड़े प्रोफेशनल उपलब्धियों – जिसमे उनकी हिपहॉप फेस्टिवल में भाग लेने की शुरुआत, गल्ली उत्सव और उनके कनाडा टूर की झांकी है। साथ ही इसमें उनमे उस स्थानों और लोगों का भी जिक्र है जिन्होंने उनके जीवन को संवारने में उनकी मदद की। स्कूल के अध्यापकों से लेकर मित्रों, परिवार के सदस्यों से लेकर आर्टिस्ट के मैनजरों और इस फिल्म के निर्देशक अक्षत गुप्ता, के इंटरव्यू तक सभी पात्र डिवाईन के जीवन की कहानी बयान करते हैं।
निर्देशक अक्षत गुप्ता कहते हैं कि ‘मेरी कोशिश यही रही कि उनके इर्दगिर्द के पूरे वातावरण को इस फिल्म में ज्यादा से ज्यादा एक स्वाभाविक रूप से दिखाऊं, जिसका मतलब हुआ कि हमने फोन, छोटे कैमरा यहाँ तक कि बड़े कैमरे को उनके हिसाब से रखा जिससे स्वाभाविकता बनी रहे।’ ‘हमने पूरी कोशिश की कि हम चमकदमक से दूर होकर बिलकुल प्राकृतिक ढंग से किसी की कहानी कहें। डिवाईन की कहानी बहुआयामी है और पूरी तरह मनोरंजक भी, जिसको हमने फिल्म में उभारने की कोशिश की है, जिससे दर्शक पूरे 50 मिनट तक परदे पर से अपना ध्यान न हटा सके।’