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हल्की-फुल्की काॅमेडी के साथ पारिवारिक महत्व को उजागर करती है फिल्म ‘हम दो हमारे दो’

फिल्म का नाम – हम दो हमारे दो
फिलम के कलाकार – राजकुमार राव, कृति सेनन, परेश रावल, रत्ना पाठक शाह, अपारशक्ति खुराना
फिल्म के निर्देशक – अभिषेक जैन
रेटिंग – 2.5/5

निर्देशक अभिषेक जैन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘हम दो हमारे दो’ एक पारिवारिक फिल्म है। आजकल एकल परिवारों का फैशन चल निकला है क्योंकि परिवार से लोग कट कर रहना पसंद करते हैं। ऐसे में फिल्म का पूरा ज़ोर परिवार के महत्व को उजागर करने पर दिया गया है।

  • फिल्म की कहानी :

फिल्म की शुरूआत होती एक ढाबे से जहां धुव शिखर (राजकुमार राव) एक अनाथ लड़का है जो पुरूषोत्तम मिश्रा (परेश रावल) के यहां ढाबे पर काम करता है। ढाबे पर एक दिन दीप्ति कश्यप (रत्ना पाठक शाह) अपनी फैमिली के साथ आती है और ढाबे पर काम करने वाले बच्चे से उसका नाम पूछती है, बच्चा अपना नाम छोटू बताता है तो दीप्ति जाने से पहले उसे कुछ पैसे देती है और कहती है कि अपना एक अच्छा सा नाम रख लेना।
बचपन का छोटू बडे़ होकर नाम ध्रुव शिखर रखता है वो अपनी कठिनाइयों से लड़ते हुए एक सफल आदमी बन जाता है। वह आन्या मेहरा (कृति सैनन) से शादी करना चाहता है। वो अपनी फैमिली बनाना चाहता है। आन्या की ख्वाहिश है कि वो एक ऐसे आदमी से शादी करे जिसके पास एक प्यारी फैमिली और प्यारा सा कुत्ता हो। आन्या की फैमिली एक एक्सिडेंट में खत्म हो गई थी जिसके बाद उसे उसके अंकल आंटी ने पाल पोस कर बड़ा किया था। अब आन्या से शादी करने के लिए ध्रुव को अपना नकली परिवार बनाना है। इसके लिए वह पुरुषोत्तम मिश्रा को अपना पिता और दीप्ति कश्यप को कैसे भी मना कर और समझा बुझाकर अपनी मां बनने के लिए राज़ी कर लेता है। बाद में ध्रुव को पता चलता है कि पुरुषोत्तम मिश्रा और दीप्ति कश्यप की भी अपनी एक प्यार की कहानी है। कहानी धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। कहानी में बहुत झोल होता है। ध्रुव अपने प्यार को पाने की कोशिश करता है जहां उसकी मदद संदीप (अपारशक्ति खुराना) करता है।………. अब आगे क्या होता है??? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी जो ओटीटी पर रिलीज़ हो रही है।

  • कैसी बनी है फिल्म? :

फिल्म की कहानी कभी स्लो तो कभी फास्ट होती है, कभी कहानी फ्लैशबैक में चली जाती है, तो कभी फ्लैश फाॅरवर्ड में कहानी चलती है। इसलिए थोड़ा कन्फ्यूजन होता है। लेकिन फिल्म की कहानी दर्शकों को पूरी तरह से बोझिल न लगे इसलिए काॅमेडी को डाला गया है जिससे दर्शकों को कहानी देखने में मज़ा आएगा। फिल्म की अधिकतर शूटिंग चंडीगढ़ में की गई है। साथ ही शिमला के कुछ-कुछ हिस्से का जिक्र हुआ है। फिल्म भले ही कॉमेडी वाली है। लेकिन डायलॉग आपको कुछ समय के लिए सोचने के लिए मजबूर कर देंगे। परिवार और उसके महत्व वाली इस फिल्म के डायलॉग परिवार और रिश्तों की गहराई को बताते हैं।

  • फिल्म के कलाकार :

भले ही फिल्म के लीड राजकुमार राव और कृति सेनाॅन हैं लेकिन जब तक स्पोर्टिंग किरदार ठीक से अपने किरदार को न निभाएं और उनकी संवाद अदाएगी में तालमेल न हो तो तब तक कहानी में कसावट नज़र नहीं आती। ऐसा ही कुछ इस कहानी में भी है। राजकुमार राव और कृति अपनी एक्टिंग से दर्षकों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं लेकिन अगले ही पल परेश रावल का काॅमिक अंदाज़ दर्शकों को सारा ध्यान अपनी ओर खींच लेता है। मनु ऋषि चड्ढा का अभिनय काफी गज़ब का है। रत्ना पाठक शाह का अभिनय भी तारिफ के लायक है। अपारशक्ति खुराना को हीरो के दोस्त के किरदार में ठीक लगे हैं। सानंद वर्मा ने भी अपने अभिनय से दर्षकों को लुभाने की अच्छी कोशिश की है। प्राची शाह पंड्या सपोर्टिंग रोल्स में जची हैं।

  • फिल्म क्यों देखें? :

यदि आप रोमांटिक काॅमेडी फिल्म देखने के शौकिन हैं तो एक बार इसे ज़रूर देख सकते हैं।

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