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मैं ऐसी सीरीज बनाना चाहता था, जो वास्‍तव में दुनिया के सामने हनुमान की वीरता और ज्ञान को प्रदर्शित करें ’ : क्रिएटर तथा एक्‍जीक्‍यूटिव प्रोड्यूसर शरद देवराजन

संकट ते हनुमान छुड़ावे! डिज्‍़नी+ हॉटस्‍टार पर द लेजेंड ऑफ हनुमान के नये सीजन में शक्तिशाली योद्धाओं का मुकाबला देखने के लिये तैयार हो जाइये। रोमांच को बढ़ाते हुए, नये सीजन में कुम्‍भकरण की राक्षसी शक्ति, इंद्रजीत की घातक योजनाएं और अहिरावण की कुटिलता दिखेगी। इधर हनुमान अपनी शक्तिशाली वानर सेना को एक अभूतपूर्व युद्ध के लिये तैयार करेंगे। इस नये रोमांचक अध्‍याय की रचना ग्राफिक इंडिया के क्रिएटिव दिग्‍गज शरद देवराजन और जीवन जे. कांग ने की है। इसमें शरद केलकर ने रावण को अपन दमदार आवाज दी है, जबकि दमन सिंह हनुमान की आवाज बने हैं। इनके साथ और भी कई कलाकार हैं। यह महान गाथा 5 जून से डिज्‍़नी+ हॉटस्‍टार पर स्‍ट्रीम होगी और हर हफ्ते इसका एक नया एपिसोड आएगा।
जब भगवान हनुमान की गाथाएं आपके अस्तित्‍व को प्रेरित करती हैं, तब यह आपके काम में भी नजर आता है; और क्रिएटर तथा एक्‍जीक्‍यूटिव प्रोड्यूसर शरद देवराजन ने बिलकुल वही किया है! चाहे भारतीय स्‍पाइडरमैन बनाना हो या नायक हनुमान की महान गाथा लेकर आनी हो, शरद देवराजन ने कहानियों में अपना जुनून डाला है। और डिज्‍़नी+ हॉटस्‍टार की द लेजेंड ऑफ हनुमान इसी का प्रमाण है।
ग्राफिक इंडिया के को-फाउंडर एवं सीईओ और द लेजेंड ऑफ हनुमान के नये सीजन के क्रिएटर तथा एक्‍जीक्‍यूटिव प्रोड्यूसर शरद देवराजन ने कहा, ‘‘मैं अमर चित्रकथा और मार्वेल कॉमिक्‍स, दोनों को पढ़कर बड़ा हुआ हूँ। और मैंने पश्चिमी तथा भारतीय, दोनों ही कथानकों के पहलुओं को अपने जीवन में उतारा है। मेरे लिये भगवान हनुमान की शिक्षाएं किसी ‘सुपरहीरो’ से कहीं बढ़कर हैं। और मैं ऐसी सीरीज बनाना चाहता था, जो सचमुच उनकी वीरता को ज्ञान को प्रदर्शित करे।‘’
उन्‍होंने आगे कहा, ‘’भगवान हनुमान की गाथा मेरे लिये बेहद निजी है। मैं उनकी कहानियाँ पढ़ते-पढ़ते बड़ा हुआ हूँ। और उनकी यात्रा तथा साहसिक कामों ने मेरे बचपन तथा बाद के पूरे जीवन को आकार दिया है। सबसे बड़ी शिक्षा मुझे यह मिली है कि एक नायक को केवल उसकी शारीरिक शक्ति से नहीं आंका जा सकता, उसमें आत्‍मबल, पौरुष, साहस, आशा और समानुभूति भी होनी चाहिये। हनुमान की असीम शक्ति को भगवान राम की अनन्‍य भक्ति से संतुलन मिलता है और ऐसी प्रेरणा हम सभी को चाहिये। आखिरकार स्‍पाडर-मैन को भी समझ में आया था कि ‘बड़ी ताकत के साथ बड़ी जिम्‍मेदारी भी मिलती है’। और हमारी संस्‍कृति में भगवान हनुमान हजारों वर्षों से करोड़ों लोगों को यही शिक्षा देते आ रहे हैं!’’

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