बागी 3 में है भरपूर एक्शन मगर मेलोड्रामा भी कम नहीं है
फिल्म का नाम : बागी 3
फिल्म के कलाकार : टाइगर श्राॅफ, श्रद्धा कपूर, रितेश देशमुख, जैकी श्राॅफ, अंकिता लोखंडे, जमील खौरी
फिल्म के निर्देशक : अहमद खान
रेटिंग : 3/5
निर्देशक अहमद खान के निर्देशन में बनी फिल्म ‘बागी 3’ आज से सिनेमाघरों में लग चुकी है। बागी सीरिज़ की यह तीसरी फिल्म है, पहले की दोनों फिल्में एक्शन पर आधारित थी, यह फिल्म भी एक्शन पर आधारित है लेकिन इसमें एक्शन को कुछ ज़्यादा ही बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया है। जानते हैं कि फिल्म कैसी बनी है।
फिल्म की कहानी :
फिल्म की कहानी आगरे में रह रहे दो भाईयों रॉनी (टाइगर श्रॉफ) और विक्रम (रितेश देशमुख) की है, छोटा भाई अपने बड़े भाई को खरोंच भी नहीं आने देता। वो हर वक्त अपने बड़े भाई की ढाल बनकर रहता है। एक दिन दंगे में लोगों की जान बचाते वक्त राॅनी और विक्रम के पिता इंस्पेक्टर चतुर्वेदी (जैकी श्रॉफ) की मौत हो जाती है। मरते वक्त राॅनी से उसके पिता वचन लेते हैं कि वो हमेशा अपने बड़े भाई का कवच बनकर साथ रहे। इस वचन को राॅनी हमेशा निभाता है। बड़े होने पर राॅनी अपने बड़े भाई को फोर्स करके पुलिस फाॅर्स ज्वाइन करवाता है। विक्रम पुलिस की नौकरी नहीं करना चाहता है लेकिन भाई के मनाने पर और यह भरोसा दिलाने पर कि वो हमेशा हर कदम पर भाई का साथ देगा, इसलिए विक्रम पुलिस आॅफिसर बनता है। शहर में आईपीएल नाम का एक बहुत बड़ा गैंगस्टर होता है। आईपीएल देश के अलग-अलग शहरों से फैमिलीज को किडनैप करके उन्हें सीरिया भेजता है। एक दिन विक्रम को आईपीएल के अड्डे पर छापामारी करने का ऑर्डर मिलता है, वह डर जाता है लेकिन भाई रॉनी के साथ मिलकर वह किडनैप किए गए फैमिली को बचा लेता है। जिसके बाद हर कोई विक्रम की वाहवाही करता है।
एक दिन विक्रम को विदेश मंत्रालय की ओर से सीरिया जाकर किसी मामले की जांच पड़ताल के लिए भेजा जाता है। विक्रम सीरिया अकेले ही जाता है, लेकिन वहां आईपीएल के कहने पर उसे सीरिया के सबसे बड़े आतंकवादी समूह अबू जलाल के आदमी पकड़ लेते हैं। अबू जलाल उस आतंकवादी समूह का सरदार है जो फिदायीन हमले करवाकर सीरिया और पूरी दुनिया में दहशत फैलाता है। राॅनी अपने भाई विक्रम बचाने के लिए सिया (श्रद्धा कपूर) के साथ सीरिया पहुंचता है। और फिर शुरू होता है ढेर सारा एक्शन और राॅनी का अपने भाई को बचाने की जद्दोजहद।
निर्देशक अहमद खान ने बागी 3 में पहले की दोनों फिल्मों के मुकाबले एक्शन का डोज़ बढ़ाया है। एक्शन को ज़्यादा से ज़्यादा दमदार बनाने के चक्कर में फिल्म के कई सारे सीन ऐसे हैं जो अनरिएलिस्टक लगते हैं। दर्शक सोचता है कि……ऐसा भी कहीं होता है क्या? बावजूद इसके कई सीन्स आपके चेहरे पर हंसीं भी लाते हैं। एक आइटम साॅन्ग के ज़रिए दिशा पाटनी को फिल्म में थोड़ी जगह मिली है। गाने कुछ ज़्यादा खास नहीं हैं। पुराने गानों को रिमेक किया गया है।
बात करें किरदारों के अदाकारी की तो राॅनी के किरदार में टाइगर का दमदार एक्शन दर्शकों को खूब पसंद आएगा। पहले से ही टाइगर के फैंस उनकी बाॅडी, एक्शन और डांस के कायल हैं। श्रद्धा कपूर का चुलबुला अंदाज़ काफी अच्छा है। अंकिता लोखंडे की एक्टिंग भी ठीक है। अबू जलाल के किरदार में जमील खौरी का लुक्स और हावभाव काफी पसंद आएगा। हमेशा कि तरह मज़ाकिया अंदाज़ में रितेश देशमुख का स्क्रीन पर आना दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान लाता है।
फिल्म क्यों देखें?: यदि आप टाइगर श्राॅफ के एक्शन के दिवाने हैं तो आपको फिल्म ठीक लगेगी।