दुनिया की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाली महिलाएं एक प्लेटफॉर्म पर जुटीं
नई दिल्ली। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2018 के तहत पांचवें वुमन इकनॉमिक फोरम में दुनिया की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में जुटी महिलाएं एक मंच पर एकत्रित हुई, जहां उन्होंने विश्व के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। फोरम में डेली मल्टीमीडिया लिमिटेड की सीओओ फौजिया अर्शी को “एक्सेप्शनल वुमन ऑफ एक्सिलेंस” पुरस्कार प्रदान किया गया। फौजिया को प्रोत्साहन प्रदान करने वाली प्रेरणादायक नेता और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सबसे ज्यादा जुनुनी व्यक्ति के रूप में पारिभाषित किया गया। इस फोरम में 150 देशों की लगभग 2 हजार महिलाओं ने भाग लिया। इस फोरम की थीम, “द इकनॉमिक्स ऑफ गुडनेस रू इंपवरिंग पोटेंशियल” थी।
प्रोफेसर फौजिया अर्शी का व्यक्तित्व बहुआयामी है। वह एक सफल कारोबारी होने के साथ-साथ बॉलिवुड की फिल्म निर्माता और निर्देशक भी हैं। उन्होंने कहा कि प्रोफेशनलिज्म की दुनिया में झंडे गाड़ने से पहले आपका एक अच्छा इंसान होना बहुत जरूरी है। उन्होंने उन चुनौतियों के बारे में भी बात की, जो इस पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को झेलनी पड़ती है। इसके साथ ही फौजिया ने भी बताया कि महिलाओं की ताकत की किसी से तुलना नहीं की जा सकता। इसी के दम पर वह हर इम्तिहान की कसौटी पर खरी उतरती हैं।
फौजिया अर्शी को “एक्सेप्शनल वुमन ऑफ एक्सिलेंस” का पुरस्कार प्रदान किया गया। फौजिया को यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान, कारोबारी नेतृत्व की असाधारण क्षमता, संगीत और चित्रकला के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों और उनके जीवन के कामयाबी से भरपूर असाधारण सफर के लिए प्रदान किया गया। सभा को संबोधित करते हुए अर्शी ने “ग्रैंड वुमन इंट्लेक्चुअल मीट” के आयोजन की सफलता के लिए दिन-रात एक करने वाली डॉ. हरबीन अरोड़ा की सराहना की। अंतरराष्ट्रीय कारोबारियों के समूह में डॉ. हरबीन अरोड़ा की पहचान जोश और जज्बे से भरपूर असाधारण उत्साही महिला के रूप में की जाती है।
वुमन इकनॉमिक फोरम के 6 दिन के इवेंट में 2015 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता वाइदिद बाऊचामाओई के साथ फोर्ब्स लिस्ट में शामिल 2 ताकतवर कारोबारी एच.ई. फातिमा और अल जबेर उपस्थित थीं। संयुक्त राष्ट्र की महासचिव एंटोनियो गुतेरस और पेप्सिको की सीईओ इंडिरा नूई ने भी वुमन इकनॉमिक फोरम 2016 में भाग लिया। फोरम में इंडियन फायरब्रैंड फौजिया अर्शी के अलावा मालदीव की उपराष्ट्रपति के अलावा श्रीलंका की पहली महिला भी मौजूद रहीं। सम्मेलन में 105 देशों की वक्ताओं ने भाग लिया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बारबाडोस, बेलारूस, बेल्जियम, कैमरून, कनाडा, चीन, डेनमार्क, मिस्र, फिनलैंड, फ्रांस, जार्जिया, जर्मनी, घाना, ग्रीस, हॉन्ग कॉन्ग, भारत, आयरलैंड, इटली, जपान, जॉर्डन, केन्या, किर्गिस्तान, मलेशिया, मैक्सिको, म्यांमार, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, पेरू, फिलीपींस, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, ट्यूनीशिया, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरकिका और जिंबाब्वे समेत अन्य देशों से आए वक्ता शामिल थे। इन वक्ताओं में देश भर से प्रमुख कारोबारी, शिक्षाविदों, आविष्कारकों और निश्चित रूप से प्रमुख नेताओं और प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
डॉ. हरबीन अरोड़ा वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की ग्लोबल चेयरपर्सन हैं। डब्ल्यूईएफ 2018 के सलाहकार बोर्ड के अन्य सदस्यों में जॉर्डन की राजकुमारी फिरयेल, अमेरिका के फिलोरिडा में मियामी डैड कॉलेज के अध्यक्ष प्रोफेसर एडुवार्डो जे. पार्डन, नीदरलैंड्स की इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के फर्स्ट वीपी जज जॉयस एल्यूच, भारत में आइसलैंड की राजदूत थॉरिर इबसेन, रोमानिया से यूरोपियन पार्लियामेंट की सदस्य एडिना लोआना वालेन, पोलैंड से यूरोपियन पार्लियामेंट की सदस्य डेनुटा हुबनर, बार असोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ललित भसीन, पुर्तगाल से यूरोपियन पार्लियामेंट की सदस्य एना गोम्स, ब्रिटेन में लूंबा फाउंडेशन के संस्थापक लॉर्ड राज लूंबा और विभिन्न देशों की 17 से ज्यादा दमदार शख्सियत शामिल थीं।
वुमन इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) का उद्देश्य दुनिया की शक्तिशाली और बौद्धिक महिलाओं की पहचान कर उन्हें आपस में जोड़ने के लिए एक मंच प्रदान करना था, जिससे वह आपस में विचार-विमर्श कर विश्व की अर्थव्यवस्था में अपनी ओर से महत्वपूर्ण योगदान कर सकें। फोरम में दुनिया की प्रमुख हस्तियों के साथ केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर, ब्रिटेन की ऑल लेडीज लीग की चेयरपर्सन श्रीमती कृष्णा पुजारा, भारतीय युवा नेता निचिकेत जोशी के अलावा अरुणाचल प्रदेश पुल्स के आईजी ने भी महिलाओं को संबोधित किया और विश्व की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की उपलब्धियों की जमकर सराहना की।