हलचल

कर्मचारियों ने महंगाई भत्ता रोके जाने के मामले हाईकोर्ट में याचिका दायर की

नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों का महंगाई भत्ता रोके जाने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता एन प्रदीप शर्मा की ओर से वकील हर्ष के शर्मा ने कहा है कि केंद्र सरकार ने 23 अप्रैल को एक नोटिफिकेशन के जरिये कोरोना वायरस के संकट की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के महंगाई भत्ते पर जुलाई 2021 तक रोक लगा दी है। केंद्र सरकार के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने भी ऐसा ही नोटिफिकेशन जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार के इस आदेश से केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनधारकों पर असर पड़ा है। जरूरी चीजों जैसे पेट्रोल, डीजल और दूसरी चीजों की कीमतें बढ़ गई हैं। याचिका में कहा गया है कि बिना किसी वित्तीय आपातकाल के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने के लिए महंगाई भत्ते के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है।
याचिका में कहा गया है कि पेंशन दान नहीं है, बल्कि ये एक अधिकार है। ये संविधान की धारा 360 के तहत सेवा शर्तों का एक हिस्सा है, जिसे खत्म नहीं किया जा सकता है। किसी भी स्तर के कर्मचारी का महंगाई भत्ता का रोका जाना संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि संविधान की धारा 300ए के तहत सैलरी पाना अधिकार है। यह एक स्थापित कानून है कि सैलरी मिलने में एक दिन की देरी सैलरी न मिलने के बराबर है और इसे सरकार की मर्जी पर नहीं छोड़ा जा सकता है। सैलरी पाने से रोकना कानून की मर्जी से ही संभव है लेकिन आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। याचिका में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि वो कर्मचारियों और पेंशनधारकों का महंगाई भत्ता रिलीज करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *