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नेहरू प्लैनेटेरियम और ओआरजीएएन इंडिया ने ऑर्गन डोनेशन पर ‘आर्ट फॉर लाइफ’ पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित की

नई दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सैकड़ों स्कूली छात्रों ने अपने कैनवास के माध्यम से भारतीयों को अपने मृत्यू पूर्व अपने अंगों को दान करने का संकल्प करने और जान बचाने के लिए एक शक्तिशाली संदेश भेजा। छात्रों ने अंग दान दिवस, इस विषय के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अद्वितीय ‘‘आर्ट फॉर लाइफ‘‘ ’पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में भाग लिया।
अंगदान दिवस के अवसर पर द ऑर्गन रीसिविंग एण्ड गिविंग अवेयरनेस नेटवर्क (ऑर्गन) इण्डिया और पाराशर फाउण्डेशन तथा नेहरू प्लेनेटोरियम (नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एण्ड लायब्रेरी) मिल कर अंगदान विषय पर ‘‘आर्ट ऑफ लाइफ‘‘ पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन आज यहां नेहरू प्लेनेटोरियम पर किया गया।
इस आयोजन के मुख्य अतिथि नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (एनओटीटीओ) की निदेशक डॉ. वसंती रमेश थे तथा गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. प्रोमिला गुप्ता, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, हेल्थ सर्विसेज डायरेक्टरेट जनरल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार थी। नेहरू प्लेनेटोरियम के निदेशक डा. एन. रत्नाश्री और पाराशर फाउण्डेशन की चेयरपर्सन सुश्री अनिका पाराशर ने इस आयोजन के शुरू करने की घोषणा की।
छात्रों ने एकजुट होकर और जागरूकता के अभाव और अंग दान के बारे में मिथकों को दूर करने के लिए जागरूकता के एक वाहक के रूप में कला का इस्तेमाल किया। प्रतियोगिता का आयोजन 9 वीं से 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। श्रेणी 1 – कक्षा 9 वीं और 10 वीं और श्रेणी 2 – कक्षा 11 वीं और 12 वीं। प्रतियोगिता की थीम“ ऑर्गन डोनेशन-बी ए सुपर हीरो” रखी गई थी।
प्रतियोगिता के विजेताओं को यूनियन एकेडमी स्कूल से भोमिक राज लोक और उदिक्षा पब्लिक स्कूल से ख्याति रावत को चुना गया। सम्मानित जूरी सदस्यों में आर्ट टॉक होस्ट जुझार सिंह, प्रसिद्ध शेफ सुवीर सरन, और अन्य एनजीओ और अंग दान और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में हितधारक शामिल थे। प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों के बीच अंग दान की अवधारणा पर जागरूकता पैदा करना था, और छात्रों को कैनवास पर अपने कौशल और कल्पना के जीवंत प्रदर्शन के माध्यम से इस विषय पर अपने विचारों को स्पष्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना था।
इस अवसर पर डॉ. प्रोमिला गुप्ता, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, हेल्थ सर्विसेज डायरेक्टरेट जनरल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने अपने उद्बोधन में कहा ‘‘युवा शक्ति के बीच उपस्थित रहना हमेशा बहुत अच्छा होता है क्योंकि आप भी युवा महसूस करना शुरू करते हैं। हम सभी जानते हैं कि अंग दान कितना महत्वपूर्ण है, इसलिए, यह बहुत जरूरी है कि आप लोग जितना हो सके इस संदेश का प्रसार करें। भारत में, कई लोग बीमारियों से पीड़ित हैं और इनमें से कुछ को अपने जीवन में कुछ और साल जोड़ने के लिए अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता है। अंग दान सबसे अच्छा उपहारों में से एक है जो किसी को भी दे सकता है। उसकी मृत्यु के बाद अंग दान के लिए एक व्यक्ति की सहमति बहुत महत्वपूर्ण है। पेंटिंग प्रतियोगिता के माध्यम से, मुझे यकीन है कि संदेश दुनिया भर में फैल जाएगा।‘‘
पाराशर फाउण्डेशन की चेयरपर्सन सुश्री अनिका पाराशर ने इस हम गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. प्रोमिला गुप्ता और मुख्य अतिथि डा. वसंती रमेश को अपनी बीच पा कर काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं उन्होंने कहा मेरे भाई और मैं आप सभी युवाओं को ‘‘आर्ट ऑफ लाइफ‘‘ और अंग दान पर पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता के लिए आज देखकर बहुत खुश हैं। जैसा कि अंग दाता सुपर हीरो हैं, ऐसे ही एक सुपर हीरो ने 6 साल पहले मेरी मां की जान बचाई थी और इसने खुद को, मेरे भाई और मेरे बच्चों को 5 साल अतिरिक्त दिए थे और वे साल कीमती थे। ऑर्गन इंडिया मिशन जागरूकता फैलाना है और मेरी माँ जैसे लोगों को एक अच्छा जीवन जीने और प्रत्यारोपण प्राप्त करने का मौका सुनिश्चित करने में मदद करना है।
ओआरजीएएन इंडिया, पराशर फाउंडेशन की एक पहल है, जो दिल्ली में एक गैर-लाभकारी एनजीओ है, जो समाज के सभी क्षेत्रों में कारण के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है, और सही मदद और जानकारी प्राप्त करने के लिए लोगों को अंग विफलता का सामना करने में मदद करता है। ऑर्गन अपने विशेष कार्यक्रम ‘‘लेट्स गेट ऑर्गेनाइज्ड ‘‘के माध्यम से ऑर्गन डोनेशन पर 9 वीं से 12 वीं कक्षा के छात्रों को जागरूक करने के लिए काम कर रहा है। नेहरू प्लेनेटोरियम (नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी) आकाशीय अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में ज्ञान का प्रसार करने और खगोल विज्ञान में शिक्षा को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (एनओटीटीओ) की निदेशक डॉ. वसंती रमेश ने कहा ‘‘अंगदाता एक तरह से जरूरतमंद व्यक्ति के जीवन के लिए भगवान के समाना होता है। उन्होंने कहा कि “यह एक खुशी का क्षण है कि हम इस खुशी के पल को दोहरा रहे हैं। मैं उनके समर्थन के लिए अपने दिल की तह से आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं। हम सभी किसी न किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जो हमारे अंग दान करके अंग विफलता से पीड़ित है। दाता, जो मानसिक तौर से मर चुका है, किसी को जीवन दे रहा है और जीवन में इससे महान कुछ भी नहीं है।‘‘
भारत में अंग दान करने वालों की अनुपलब्धता के कारण भारत में हजारों लोगों को अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है। ब्रेन डेथ के बारे में जागरूकता की कमी, स्वास्थ्य दान प्रणाली में अंग दान, धार्मिक विश्वास और अविश्वास की प्रक्रिया से जुड़ी भ्रांतियां प्रमुख कारक हैं जो लोगों को अपने अंगों को दान के लिए संकल्प लेने से रोकती हैं।

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