लाइफस्टाइलस्वास्थ्य

आओ मिलकर अल्जाइमर को करें समाप्त

“विश्व अल्जाइमर दिवस” (21 सितंबर)

विश्व की आबादी पर किए गए एक सर्वे में पाया गया कि 3.50 लाख यानी कि साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोग अल्जाइमर से पीड़ित हैं, और यह बीमारी अब केवल बूढ़ों तक ही सीमित नहीं रही है। यह बीमारी अब बच्चों में भी देखी जा रही है। अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपकी स्मरण शक्ति क्षीण होने लगती है। व्यक्ति के सोचने समझने की क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। पीड़ित में चिड़चिड़ापन और शक करने की आदत बढ़ती जाती है।
अल्जाइमर से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के लिए पूरी दुनिया में 21 सितंबर को “विश्व अल्जाइमर दिवस” मनाया जाता है। पीड़ितों को आर्थिक और चैरिटी शो के माध्यम से सहयोग करते हैं।
इस रोग के प्रारंभिक लक्षण बताते हैं डॉ. राजुल अग्रवाल, सीनियर कंसलटेंट न्यूरोलॉजिस्ट, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट….
अनिद्रा – पूरी नींद न लेना भी इस बीमारी का एक कारण है।

परेशानी
– सामान्य काम करने में : अल्जाइमर से पीड़ित रुटीन काम करने में भी परेशानी महसूस करता है। कॉल करने या गेम्स खेलने में भी परेशानी महसूस होती है तो आप को चेकअप की जरूरत है।
– फैसले करने में : अल्जाइमर के मरीज में निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है।

चीजों को यहां-वहां रखकर भूल जाना – अल्जाइमर से पीड़ित मरीज चीजों को इधर-उधर रखकर भूल जाता है।

अवसाद – किसा बात को लेकर ज्यादा चिंता या अवसाद की स्थिति में चले जाने से आप इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।

भूल जाना – अक्सर हम कई बातें भूल जाते हैं यह सामान्य बात है, अगर आप प्रत्येक छोटी से छोटी बात भी भूल जाते हैं तो इसका मतलब है कि अल्जाइमर की प्रारंभिक स्टेज में आ चुके हैं।

बोलने में समस्या – अल्जाइमर से पीड़ित रोगी शब्द भूलने लगता है, जिससे बातचीत में अटकने या शब्दों को लिखने में अस्पष्टता आ जाती है।

समय और स्थान को लेकर भ्रमित होना – अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति अपने घर के आस-पास की गलियों, रास्तों को लेकर भ्रम में रहता है।

स्वभाव में तेजी से बदलाव – अल्जाइमर के मरीज के स्वभाव में तेजी से बदलाव दिखाई देते हैं। जैसे- अचानक रोने या गुस्सा करने या हंसने लग जाता है। बेहद उलझनपूर्ण, संदेह करने वाला, भयभीत या किसी परिजन पर अत्यधिक निर्भर बन जाता है।

प्रयास करने में अक्षमता – अल्जाइमर के मरीज बेहद निष्क्रिय, टीवी के सामने घंटों बैठना, अधिक सोना और सामान्य कामकाज करने में दिक्कत होती है।
यह रोग कब होता है और क्या है इसके बचाव बताते है डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, सीनियर कंसलटेंट, न्यूरो-सर्जरी धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल।
सामान्यत: यह रोग वृधावस्था में होता है परन्तु खान-पान व जीवनशैली के परिवर्तनों के कारण यह समस्या युवाओ में भी प्रकट हो रही है

बचाव
आपके किसी परिजन, मित्र और परिचित में ऐसे लक्षण दिखते हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। रोग की जानकारी में ही इसका बचाव है।
नियमित व्यायाम करे।
पौष्टिक भोजन करें।
पीड़ित को सक्रिय और सकारात्मक रहना चाहिए, वातावरण को भी सकारात्मक बनाएं रखें।
पीड़ित को अवसाद (डिप्रेशन) से बचाएं।
पीड़ित को अकेला न छोड़ें।
पीड़ित को लोगों की निरंतर संपर्क में रखे, सामाजिक व् पारिवारिक गतिविधियों में भाग दिलाते रहें। इससे उसकी स्मरणशक्ति बनी रहेगी जो कि इस रोग का मुख्य लक्षण है।
यदि रोगी का रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग हैं तो उनकी समुचित चिकित्सा कर नियंत्रण में रखें।
पीड़ित को तंबाकू, मद्यपान इत्यादि व्यसनों से मुक्त करे।

पी.एस.आर.आई हॉस्पिटल के न्यूरोसाइंसेज चेयरमैन डॉ शमशेर द्विवेदी बताते है अलजाइमर रोग के भी तीन चरण होते हैं:-
प्रारंभिक चरण में रोगी अपने दोस्तों और अन्य व्यक्तियों को पहचान सकता हैं। लेकिन इसके बावजूद भी रोगी को ऐसा लगने लगता है की वो कुछ चीजों कोभूल रहा हैं। उसकी याददाश्त में कमी आने लगती हैं।
अगर बात करे मध्य चरण की तो अलजाइमर रोग का मध्म चरण आमतौर पर कई सालों तक रहता हैं। जैसे-जैसे रोगी की उमर बढ़ती जाती है साथ-साथ उसकी बिमारी और भी बढ़ जाती हैं। तो इसलिए उस बिमार व्यक्ति की देखभाल की ज्यादा जरूत होती हैं।
अंतिम चरण में व्यक्ति अपनी गतिविधियों को नियंत्रण करने की क्षमता खो देता हैं। यहां तक की उन्हें अपने दर्द के बारे में बताने में बहुत ज्यादा मुश्किलहोती हैं। ऐसे में उस व्यक्ति को अपनी दिनचर्या के लिए दूसरे व्यक्ति की सहायता लेनी पड़ती हैं।

कुछ तथ्य
अल्जाइमर एक अनुवांशिक रोग है, यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चलता है।
वर्तमान में पूरी दुनिया में 3.50 लाख लोग इस रहस्यमय बीमारी पीड़ित हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका में बीमारियों से होने वाली मौतों में छठा प्रमुख कारण अल्जाइमर है।
इस रहस्यमय रोग पर अब तक अनेक अनुसंधान हो रहे हैंल किन्तु किसी प्रकार से काबू नहीं पाया जा सका है। डॉक्टर इस बीमारी की रोकथाम के लिए इसका इलाज ढूंढ रहे हैं।

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