लाइफस्टाइलस्वास्थ्य

इरीटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) का भारत मे बढता दुश्प्रभाव

आधुनीकीकरण के युग मे जिस प्रकार यांत्रिकीकरण बढ रहा है, उसी प्रकार जीवनशैली में भी आधुनिकता आ रही है। लोगों का जिवानाशक्य वस्तुओं में नजरिया बदल रहा है। आसानी से उपलब्ध आहार मे लोगो की रूचि बढ रही है। दुनिया फास्ट इंस्टेंट हो रहा है, इसी प्रकार लोगों का मानसिक तौर पर तनाव बढता जा रहा है। कॉर्पोरेट की इस नयी दुनिया में इन्सान मानसिक तथा शारीरिक स्तर पर झुलस रहा है। आधुनीकीकरण से पाचनसंस्था संबंधित अनेक व्याधियां उत्पन हो रही है, इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBS) के रुग्ण अधिक निर्माण हो रहे है, संपूर्ण दुनिया में १०-२०% आबादी (IBS)  से पीड़ित है, भारत मे उसकी संख्या ४.२% है।
पाश्चात्य जीवनशैली का अधिकाधिक अनुकरण करने से (IBS) का प्रभाव भारत मे बढ़ रहा है। फास्ट फूड, चायनिज, जंकफूड, पेस्ट्री, पिज़्ज़ा इन सभी का सेवन अधिक प्रमाण मे हो रहा है। युवाओ मे (IBS)  का प्रमाण अधिक दिखाई देता है, यह विकार आधुनिक जीवनशैली से शरीरपर होने वाले असर की वजह से होता है। आहार के नियमों का पालन न करना, अनियमित समय पर खाने का सेवन, कोल्ड ड्रिंक्स इनका समावेश रहना (IBS)  का कारण हो सकता है। देर तक जागना, व्यायाम न करना, अतिचिंता, तनाव इन कारणों से (IBS) की व्यापकता बढाती है।
(IBS) के प्रमुख लक्षणों मे कभी कब्ज, कभी दस्त, शौच मे अनियमतता, पेट दर्द, भूख मे कमी, अन्नपदार्थ पाचन न होना मलोत्सर्ग के बावजूद अपूर्णता का एहसास, थोडा मल होने के बावजूद मलोत्सर्गता मे शीघ्रता आदि लक्षण दिखाई पडते है। (IBS) प्रमुखतः तिन प्रकार होते है। एक मे कब्ज की प्रधानता होती है, दुसरे प्रकार में रोगों को बार बार दस्त होते है, और तीसरे प्रकार मे कब्ज और दस्त बारी-बारी होता है। (IBS) की परेशानी से रोजमर्रा के कामों में बाधा निर्माण होती है, इस के कारण रुग्ण अधिक चिडचिडा, निराश बनता है। मानसिक तथा शारीरिक विकार के दुष्टचक्र मे इन्सान उलझकर रह जाता है।
आधुनिक संशोधकों ने पेट में स्थित आन्त्रिक मज्जासंस्थान को दूसरा दिमाग (Second Brain) की संद्न्या दि है, आन्त्रिक मज्जा- संस्थान संपूर्ण मुख से गुद द्वार तक फैला हुआ है। यह ३०-५० हजार करोड़ तांत्रिक कोशिकाओ (Neurons) से युक्त तथा ‘सोचना’ ‘याद रखना’ और ‘सीखना’ में सक्षम होता है। यांत्रिक संवेदना तथा Enzymes द्वारा आंतो की गती तथा कार्य नियंत्रित करता है, मस्तिष्क नाडीसंस्था तथा आन्त्रिक मज्जा संस्थान इनका परस्पर संबंध है एवं एक दुसरे पर उनका प्रभाव भी होता है।

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