मेहंदी से खूबसूरती व सौन्दर्य
-शहनाज हुसैन
अन्र्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौन्दर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन
शादी, करवाचैथ, रक्षाबंधन, ईद तथा तीज आदि सभी त्योहारों में मेहंदी हर महिला के श्रृंगार को चार चाँद लगाती है। देविक गुणों से भरपूर मेहंदी हर महिला की पहली पसंद होती है, कुछ समय से महिलाओं में मेहंदी का क्रेज इतना बढ़ गया है कि वह हर त्यौहार में अलग-अलग डिज़ाइन की मेहंदी लगाना पसंद करती हैं।
आजकल शादियों का सीजन चल रहा है। प्राचीन भारतीय परम्परा के अनुसार शादियों, त्यौहारों तथा पवित्र दिनों में सुर्ख लाल रंग की मेहंदी से हाथों, पांवों को सजाने की परम्परा सदियों से रही है। माना जाता है कि दुल्हन के हाथों में है मेंहदी का रंग जितना गाढ़ा चढ़ता है। उसे अपने पिया का उतना ही ज्यादा प्यार नसीब होता है। महेंदी तथा शादियों का प्राचीन समय में अटूट रिश्ता रहा है। भारतीय परम्परा के अनुसार दुल्हन के मेहंदी का रंग जितना तेज चढ़ता अपनी सास का उतना ही ज्यादा दुलार मिलता है। दुल्हन के हाथों और पैरों पर मेहंदी का रंग जितना ज्यादा समय तक टिका रहता है। दम्पत्ति के सम्बन्ध उतने ही दीघार्यु तथा प्रगाड़ बने रहते है।
इन किवदन्तियों तथा आस्थाओं में कितनी सच्चाई है यह एक अलग विषय ही सकता है, लेकिन मेहन्दी के प्रति महिलाओं का आकर्षण जगज़ाहिर है। तीज, दीपावली, करवाचैथ जैसे अनेक भारतीय त्यौहारों मे मेंहदी का रंग सिर चढ़ कर बोलता है तथा इन त्यौहारों से पहले महिलायें खासकर किशोरियां आकर्षण डिजाईन की मेहन्दी लगाने के लिए मार्किट में घंटों अपनी बारी का इंतजार करती है। शादी से एक दिन पहले मेहंदी की रात मानी जाती है। जहां वधू तथा उसके परिवार की महिलाओं हाथों पावों तथा कन्धों पर बड़े चाव से मेहन्दी लगवाती है। सौंदर्य के अलावा मेहन्दी औषधीय गुणों से भरपूर मानी जाती है। आधुनिक रिसर्च में यह पाया गया है कि मेहन्दी लगाने से तनाव कम होता है। स्नायूतंत्र में शान्ति आती है, सिरदर्द तथा बुखार में राहत मिलती है।
मेहंदी के गाढ़े रंग कुछ साधारण उपायांे के अपनाने से आसानी से पाए जा सकते है। मेहंदी के पेस्ट बनाने के लिए मेहंदी को सूखी पत्तियों के पाऊडर को कपड़े/छलनी से छान लें तो इसका मिश्रण मुलायमदार बनेगा। इस मिश्रण में रंग निखारने के लिए नींबू की कुछ बूंदे डाल लीजिए। उस मिश्रण को आप प्लास्टिक चम्मच की मदद से कांच के गिलास, प्लास्टिक की कटोरी में रख सकती है। इस मिश्रण में चीनी मिला लीजिए। मिश्रण में चीनी मिलाने से मेहंदी लम्बेे समय तक त्वचा से चिपटी रहती है तथा शीघ्रता से शुष्क होकर नीचे नही गिरती। मेहंदी का गाढ़ा रंग पाने के लिए नीबूं जूस तथा चीनी के साथ ही मिश्रण में काॅफी या चाय का पानी मिलाया जाता है। इस मिश्रण को गर्म पानी में डालकर पेस्ट बना लीजिए तथा मिश्रण में कुछ बून्दे मोगरे का तेल डाल लीजिए। इस मिश्रण को एयर टाईट जार में रखकर रात भर रेफ्रिजरेटर में रखिए तथा अगले दिन आप इस मिश्रण का देश के कुछ हिस्से में गाढ़ा भूरा रंग पाने के लिए मेहन्दी में अखरोट के छिलकों की भूसी मिलाया जाता है। जिससे इसका रंग लम्बे समय तक बना रहता है। हालांकि आप ऐसिडिक माने जाने वाले इमली, सिरका आदि किसी भी तत्व को मेहंदी का रंग निखारने के लिए उपयोग कर सकते है लेकिन उनमें नीबूं के रस की बूंदे सबसे ज्यादा प्रभावी साबित होती है।
यदि आप नाखूनों पर मेंहदी लगानी चाहती है तो आप नाखूंनों को ट्रिम करके उन्हें साफ कर लीजिए। नाखूनों को गर्म पानी में 10-15 मिनट तक डूबोएं जिससे नाखून तथा उनमें सटी त्वचा मुलायम हो जाएगी। उन पर मेहंदी लगाने से मेहंदी आसानी से सोख जाएगी। टूथपिक, माचिस की तिल्ली, कोन तथा स्टैशिल सहित मेहंदी लगाने के अनेक तरीके है।
मेहंदी को कम से कम 3 घंटे तक लगा रहने दीजिए तथा इसी बीच इसमें नींबू जूस की बूंदों तथा चीनी मिलाते रहिए। यदि किसी हिस्से में मेहंदी के टुकड़े गिरना शुरू हो तो उस जगह पर नया मेहंदी पेस्ट लगा दीजिए। मेहंदी का पेस्ट जितना ज्यादा समय अंगों पर चिपका रहेगा। मेहंदी का रंग उतना ही गहरा निखर कर आएगा। मेंहदी पेस्ट के सूख जाने के बाद इसे स्क्रब करके हटाया जाना चाहिए तथा पानी से कतई नहीं धोना चाहिए। मेहंदी के गहरे तथा गूढ़े रंग के लिए हाथों को कम से कम 12 घंटे तक पानी से कतई नहीं धोना चाहिए।
मेहंदी के अनेक औषधीय लाभ है। आर्युवैदिक विधि के अनुसार मेहंदी के बेहतरीन एंटीसेप्टिक माना जाता है। इसे त्वचा की एलर्जी तथा गर्मियों में त्वचा में उपजे चकते, घमौरियों आदि के उपचार पर भी किया जाता है। आर्युवैदिक में मेहंदी को जलन, खरोंच, घांव तथा त्वचा सूजन के उपचार में भी प्रयोग किया जाता है। बालों में मेहंदी लगाने से बालों की रूसी, सिर में फोड़े-फून्सी, खुजली आदि बीमारियों से उपचार होता है। वास्तव में मेहन्दी को प्राकृतिक क्लींज़र माना जाता है जो कि अनेक बीमारियों का उपचार करती है।