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हृदय रोगों की रोकथाम में कारगर है ‘एडूवेक्सीन’ : डॉ. बिमल छाजेड़

नई दिल्ली। भारत में, पोलियो और स्मॉल पॉक्स (चेचक) को पहले ही खत्म किया जा चुका है, वहीं डॉ. बिमल छाजेड़ का मानना है कि वेक्सीन की मदद से अब दिल की बीमारियों को भी जड़ से खत्म किया जा सकता है। डॉ. बिमल छाजेड़ द्वारा तैयार की गई ‘एडूवेक्सीन’ की मदद से हृदय रोगों की रोकथाम करना संभव है।
डॉ. बिमल छाजेड़ के अनुसार इस वेक्सीन की मदद से सामान्य और जानलेवा बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है। इस वेक्सीन को ‘एजुकेशन वेक्सीन’ के नाम से बुलाया जा सकता है। दिल के मरीज और जिन लोगों में भविष्य में हृदय रोग होने का खतरा है, यह उन लोगों के लिए 4 घंटों का एक एजुकेशन कैंप या ट्रेनिंग है।
साओल हार्ट सेंटर के निदेशक और एम्स के पूर्व सलाहकार, डॉ. बिमल छाजेड़ ने बताया कि, “मास वेक्सीन की मदद से हम पोलियो और चेचक की बीमारी को जड़ से खत्म करने में सफल रहे हैं। वर्तमान में, सभी डॉ. बाईपास सर्जरी या एंजियोप्लास्टी, दवाइयों और इमरजेंसी ट्रीटमेंट पर ज्यादा जोर देते हैं, जिसके कारण वे हार्ट अटैक और हृदय रोगों के मूल कारण को नहीं समझ पा रहे हैं। यदि डाइट, एक्ससाइज, योगा और स्ट्रेस मैनेजमेंट आदि की मदद से इन बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है, तो हम दिल की बीमारियों के मामलों में कमी लाने की तरफ आसानी से काम कर सकते हैं।” ‘हार्ट एजुकेशन वेक्सीन’, जिसकी मदद से पिछले 24 सालों में 2 लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जा चुका है। इस नॉन इनवेसिव प्रक्रिया में लाइफस्टाइल में बदलाव, अमेरिका द्वारा प्रमाणित ईईसीपी और आयुर्वेदा, होमियोपेथी, नेचुरोपेथी और डिटॉक्सिफिकेशन शामिल है।
डॉ. बिमल छाजेड़ के अनुसार, “आज के समय में दिल की बीमारियां दुनिया के हर कोने में तेजी से बढ़ रही हैं और मृत्यु का एक प्रमुख कारण बनी हुई हैं। दुनिया भर के देशों की तुलना में भारत में दिल के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है, जो लगातार बढ़ रही है। भारत में लगभग 8-10 करोड़ मरीज दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं, जहां प्रति सेकेंड एक मरीज मर रहा है। इन आंकड़ों के अनुसार, हर रोज लगभग 9000 मरीजों यानी कि साल में 30 लाख मरीजों की मौत हो जाती है। जाहिर है कार्डियोलॉजी की साइंस फेल हो रही है।” डॉ. बिमल छाजेड़ ने साओल (साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग) हार्ट सेंटर की स्थापना सन् 1995 में की थी। पिछले 24 सालों से दिल की बीमारियों से छुटकारा पाने में वे मदद कर रहे हैं। उन्होंने साओल सेफ्टी सर्कल नाम का एक चार्ट तैयार किया है, जो दिल की बीमारियों की रोकथाम को लेकर लोगों का मार्गदर्शन करता है। इसमें तीन सर्कल और 12 फेक्टर शामिल हैं, जिसमें से 6 फेक्टर मेडिकल पैरामीटर पर, 4 फेक्टर डाइट और अन्य 4 फेक्टर व्यक्ति की आदतों पर आधारित हैं।

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