स्वास्थ्य

आपके लीवर को ठीक रखने के लिए आदतें

हमारे शरीर में प्रवेश करने वाले टॉक्सिन हमारे लीवर को भेज दिए जाते है। लीवर इन्हें प्रोसेस कर हमारे शरीर से बाहर निकाल देता है। हमारे अस्तित्व के लिए लीवर बहुत जरूरी है। लीवर के लिए नुकसानदायक आदतों को छोडें और इसे ठीक रखने पर ज्यादा ध्यान दें।
लीवर न सिर्फ हॉर्मोन शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है, बल्कि यह बहुत महत्वपूर्ण और नाजुक अंगों में से एक है। यह टॉक्सिन्स को फिल्टर करने से लेकर पित्त बनाने और शरीर के लिए जरूरी कार्बोहाइड्रेटस, प्रोटीन, मिनरल्स तथा विटामिन्स तैयार करने से सम्बन्धित हमारे शरीर के सभी महत्वपूर्ण काम करता है। यही कारण है हमारी जीवनशैली से जुड़ी गलत आदतें हमारे लीवर को नुकसान पहुंचा सकती है, यहां हम आपको आपके लीवर का बेहतर ढंग से ध्यान रखने के लिए कुछ व्यवहारिक और प्रभावी मार्गदर्शन देंगे। हेल्दी ह्युमन क्लीनिक के सेंटर फॉर लीवर ट्रांसप्लांट एंड गैस्ट्रो साइंसेज के डायरेक्टर डा.रविंदर पाल सिंह मल्होत्रा का कहना है कि हमारे लीवर के डिटॉक्सीफिकेशन के लिए हमें वसामुक्त या बिना चिकनाई वाला भोजन करना चाहिए। कॉलेस्ट्रोल एक ऐसा वसा है, जिसे हमारा लीवर संश्लेशित करता है और इसके बाद हमारा शरीर इसे ऊर्जा के स्रोत के रूप में काम लेता है। ऐसे में यह हमारे भोजन का अहम हिस्सा तो है, लेकिन हमें अधिक कॉलेस्ट्रोल वाला भोजन करने से बचना चाहिए। अधिक कॉलेस्ट्रोल वाले भोजन में हम लाल मांस, अधिक चिकनाई वाला भोजन, शक्कर, नमक आदि शामिल करते है। अधिक कॉलेस्ट्रॉल वाला भोजन करने से लीवर के कई तरह के रोग हो सकते हैं, जैसे लीवर का मोटापन जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली बीमारियों में से एक है। हमें अधिक कॉलेस्ट्रॉल वाले भोजन के बजाए रेशेदार सब्जियां और अनाज का उपयोग करना चाहिए। नाश्ता जरूर करें, नाश्ता जरूर करें। देर से सोना और देर से उठना बंद करें।
भोजन की गलत आदतों का प्रतिकूल प्रभाव हमारे जीवन में दीर्घावधि में नजर आता है, जबकि संतुलित भोजन किया जाए तो यह हमारे लीवर के लिए बहुत लाभदायक रहता है। उदाहरण के लिए जो लोग लीवर सिरोसिस की बीमारी से पीडित रहे है, उन्हें अधिक प्रोटीन वाला भोजन करना चाहिए ताकि लीवर खुद ही स्वयं की मरम्मत कर ले और भविष्य में कोई नुकसान न हो। यह ध्यान रखिए कि लीवर तभी खराब होता है जब हम ऐसा भोजन करते हैं जिसमें पोषक तत्व कम होते हैं और चिकनाई ज्यादा होती है। यह एक सामान्य तथ्य है कि शराब का अत्यधिक सेवन लीवर को नुकसान पहुंचाता है। शराब और अल्कोहल की अधिकता वाले पेय पदार्थों के अधिक सेवन से अल्कोहोलिक हेपेटाइटिस और अल्कोहोलिक सिरोसिस (ऐसी स्थिति जिसमें लीवर बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त हो जाता है और इसका आकार बिगड़ जाता है) जैसे रोग हाो जाते है।
हमारा लीवर खराब भोजन के प्रति बहुत संवेदनशील होता है। शुगर की अधिकता के कारण लीवर में यदि वसा बहुत ज्यादा जमा हो गया है तो यह लीवर के टिश्यूज को क्षतिग्रस्त कर सकता है, यह लीवर सिरोसिस का सबसे बडा कारण है। दुर्भाग्य से प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में शुगर बहुत ज्यादा होती है और फाइबर नहीं के बराबर होता है। यह हमारे लीवर के लिए नुकसानदायक है और इससे जहां तक हो सके बचना चाहिए, यही नहीं जो भी अतिरिक्त वसा हमारे शरीर में पहुंचता है वह पेट में जमा होता रहता है और लीवर तक पहुंच जाता है। यही कारण है कि मोटापा और लीवर के मोटेपन की बीमारी आपस में जुड़ी हुई है, कुछ लोग सुबह जल्दबाजी में उठते हैं और उठते ही अपने काम पर चले जाते है। इसके चलते न वे दैनिक नित्यकर्म करते हैं और न ही नाश्ता करते है। यह बहुत ही गलत आदत है, मूत्र को रोकना न सिर्फ लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि किडनी को भी क्षतिग्रस्त कर सकता है, इसलिए सुबह के समय घर से निकलने से पहले पेशाब जरूर करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *