स्वास्थ्य

वाट्सएप की अधिक लत से उंगलियों एवं हाथों को नुकसान

युवाओं में फेसबुक और वाट्सएप्ा जैसे सोशल नेटवर्किंग माध्यमों की लत तेजी से बढ़ रही है ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों का कहना है कि इनके बहुत अधिक उपयोग से कलाई और उंगलियों की जोड़ों में दर्द, आर्थराइटिस तथा रिपिटिटिव स्ट्रेस इंज्युरिज (आरएसआई) की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
पिछले कुछ वर्षों में टच स्क्रीन वाले फोन, स्मार्ट फोन तथा टैबलेट के लगातार इस्तेमाल के कारण वैसे लोगों की संख्या बढ़ी है जिन्हें उंगलियांे, अंगूठे और हाथों में दर्द की समस्या उत्पन्न हो रही है। इस तरह का दर्द एवं जकड़न रिपेटिटिव स्ट्रेस इंज्युरिज (आरएसआई) पैदा कर सकती है। आरएसआई एक ही गतिविधि के लंबे समय तक बार- बार दोहराये जाने के कारण जोड़ों के लिगामेंट और टेंडन में सूजन (इंफ्लामेंषन) होने के कारण होती है। डा.राजू वैश्य, वरिष्ठ आर्थोपेडिक तथा ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल जो लोग टच स्क्रीन स्मार्ट फोन और टैबलेट पर बहुत ज़्यादा गेम खेलते हैं और टाइप करते हैं उनकी कलाई और अंगुलियों के जोड़ों में दर्द हो सकता है और कभी-कभी अंगुलियों में गंभीर आर्थराइटिस हो सकती है। गेम खेलने वाले डिवाइस के लंबे समय तक इस्तेमाल के कारण युवा बच्चों में इस समस्या के होने की अधिक संभावना होती है।
किसी भी गतिविधि के बार-बार दोहराये जाने के कारण जोड़, मांसपेषियां, टेंडन और नर्व्स प्रभावित होते हैं जिसके कारण रिपिटिटिव स्ट्रेस इंजुरीज होती है। उदाहरण के लिए, जो लोग सेल फोन पर अक्सर संदेश टाइप करने के लिए अपने अंगूठे का उपयोग करते हैं, उनमें कभी-कभी रेडियल स्टिलाॅयड टेनोसिनोवाइटिस (डी क्वेरवेन सिंड्रोम, ब्लैकबेरी थम्ब या टेक्सटिंग थम्ब के नाम से भी जाना जाने वाला) विकसित हो जाता है। इसमें टेंडन प्रभावित होती है और अंगूठे को हिलाने-डुलाने में दर्द होता है। हालांकि डेस्कटाॅप कीबोर्ड के लंबे समय तक इस्तेमाल के कारण दर्द से पीड़ित रोगियों में इसके संबंध की पुश्टि नहीं हुई है। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि डेस्कटाॅप कीबोर्ड पर बार-बार टाइप करने पर यह दर्द और बढ़ सकता है।
ज्यादातर लोग टच स्क्रीन का इस्तेमाल गलत तरीके से और गलत पोस्चर में करते हैं। स्ट्रेस से संबंधित इंजुरीज लोगों को तब भी हो सकती है जब वे टाइप करते समय अपनी कलाई पर अधिक दबाव डालते हैं या अपने हाथों को बहुत ज्यादा आगे या पीछे की ओर झुकाते हैं जिससे उनके हाथों पर स्ट्रेस पड़ता है। इसके कारण होने वाली बीमारियों में कार्पेल टनेल सिंड्रोम सबसे सामान्य है। यह कलाई में मीडियन नर्व पर दबाव पड़ने के कारण होता है।
आपकी गर्दन और इसे सहारा देने वाली सर्वाइकल स्पाइन पर खराब पोस्चर का बहुत प्रभाव पड़ता है, और इससेस्पाइनल काॅर्ड से निकलने वाले नव्र्स पर दबाव पर सकता है या यह फैल सकती है। अपनी गर्दन को बहुत ज्यादा आगे या पीछे की ओर नहीं मोड़ें और विषेशकर अपने सिर को एक तरफ या दूसरे तरफ लंबे समय तक मोड़ कर नहीं रखें। यदि आप गर्दन को किसी भी स्थिति में रखने पर दर्द, सुन्नपन या झनझनाहट महसूस करते हैं तो उस स्थिति में तुरत परिवर्तन लाएं और ऐसी स्थिति में रहें जिसमें आप अधिक आराम महसूस करते हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *