राष्ट्रीय

हिंदुस्तान की संस्कृति को पूरा विश्व जानता है : जोवान

दिल्ली। दो देश जब आपस में मिलते हैं तो एक नयी सोच और एक नई ऊर्जा का भी आदान-प्रदान होता है चाहे वह हमारी फिल्में हो या खेल या फिर हमारी संस्कृति। हिंदुस्तान की संस्कृति के बारे में पूरा विश्व बेहतरीन तरीके से जानता है और दूसरे देशों की यही कोशिश रहती है कि भारत जैसे विकासशील और विभिन्न भाषाओं व धर्मों को मानने वाले देश से हम क्या सीख सकते हैं, यह कहना था इंटरनेशनल सांस्कृतिक रोमा विश्वविद्यालय सर्बिया के फाउंडर जोवान डैमजनोविक का जिन्होंने संदीप मारवाह को फिल्मों, टेलीविजन, जनमीडिया कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए साहित्य के डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. श्याम सिंह शशि, प्रोफेसर बजराम हेलिटी, विश्वविद्यालय के ऐकडेमिक हेड प्रो.सत्यव्रत शास्त्री, राज्य सभा के पूर्व सैकेटरी जनरल डॉ. योगेंद्र नारायण और विद्या सागर वर्मा भी उपस्थित रहे। संदीप मारवाह ने सर्बिया यूनिवर्सिटी को डॉक्टरेट की उपाधि के लिए धन्यवाद करते हुए कहा की यह उनके लिए बड़े सम्मान की बात है की उन्हें अपने कार्यों के लिए यह सम्मान मिला, कला और संस्कृति को बढ़वा देने के लिए हम लगातार सभी देशांे को अपनी संस्कृति से अवगत कराते रहते है साथ-साथ उनकी संस्कृति को भी जानते है जिससे टूरिज्म और शिक्षा दोनों को फायदा होता है। मैं आगे भी अपने इस कार्य को पूरी ईमानदारी से करूँगा इस उपाधि ने मेरी कार्य करने की ऊर्जा को और भी बढ़ा दिया है।
डॉ. श्याम सिंह शशि ने कहा की भारत एक ऐसा देश है जहाँ जो भी लोग आते हैं यहां से खुशियां ले जाते हैं और यहां के रंग-बिरंगी संस्कृति को देखकर खुद को उसमें रमा लेते हैं यहाँ की संस्कृति सभी के लिए एक उदाहरण है। डॉ. योगेंद्र नारायण ने कहा रोमा कम्युनिटी हमारे यहाँ की बंजारा कम्युनिटी की तरह ही है और इनमे काफी समानताये भी हैं, हम सर्बिया की कला और संस्कृति को भारत से जोड़ना चाहते है ताकि दोनों देशांे के लोग एक-दूसरे की संस्कृति को समझ सकें।

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