राष्ट्रीय

एलजी ने उत्तर भारत के पहले और सबसे बड़े प्राइवेट आई केयर हॉस्पिटल का उद्घाटन किया

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने द्वारका में उत्तर भारत के पहले और सबसे बड़े निजी सिंगल स्पेशियल्टी नेत्र चिकित्सालय सेंटर फॉर साइट के नए हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। इस मौके पर शहरी आवास मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश भी बतौर सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद थे। विभिन्न क्षेत्रों की कई हस्तियों ने भी इस अवसर पर शिरकत की। सेंटर फॉर साइट उत्तर भारत का अपनी तरह का सबसे पहला सुपर स्पेशलिटी आई केयर हॉस्पिटल है, जहां एक ही छत के नीचे नेत्र से संबंधित सभी बीमारियों और समस्याओं का समाधान किया जाता है। यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा आई हॉस्पिटल है ।
यह अस्पताल 20 से अधिक कंसल्टेशन चैंबरों, आठ अत्याधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटरों से लैस 90,000 वर्गफुट में फैला हुआ है जो उत्तर भारत का सबसे बड़ा और अपनी तरह का पहला नेत्र चिकित्सालय है, जहां एक ही छत के नीचे रेटिना, कैटरैक्ट, रिफ्रेक्टिव सर्जरी कोर्निया, पीडियाट्रिक और न्यूरोपैथैल्मोलॉजी, ऑप्थैल्मिक प्लास्टिक सर्विसेज, आई कैंसर केयर जैसी सभी सुपर स्पेशिल्टी नेत्र चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध होगी । इस अवसर पर, सेंटर फॉर साइट ग्रूप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक तथा पदमश्री से सम्मानित डॉ. महिपाल सचदेव ने कहा कि, देश में नेत्र चिकित्सकों की कमी के कारण आंखों की मामूली समस्या भी नेत्रहीनता में तब्दील हो जाती है। देश में 90,000 की आबादी में सिर्फ एक नेत्र चिकित्सक हैं जबकि यहां 1.5 करोड़ नेत्रहीन हैं और 20 करोड़ से अधिक लोगों को किसी न किसी रूप में प्रशिक्षित पारामेडिक्स और ऑप्थैल्मिक सहायक की सख्त जरूरत है। हमें सक्षम व्यक्तियों के विकास, प्रशिक्षण और संरक्षण के जरिये देश की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत है। सेंटर फॉर साइट आई इंस्टीट्यूट द्वारका में हम ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही हम आने वाले दिनों में प्रशिक्षित नेत्र चिकित्सा सहायकों, तकनीशियनों, ऑप्टोमेट्रिस्ट और आई केयर स्पेशियलिस्ट तैयार करने का लक्ष्य रखते हैं। द्वारका सेक्टर 9 में स्थित सेंटर फॉर साइट आई इंस्टीट्यूट का लक्ष्य न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर के लोगों को बल्कि समस्त उत्तर भारतीय और अन्य क्षेत्र के लोगों को भी सेवा देना है। समाज के लिए कुछ करने का लक्ष्य रखते हुए सेंटर फॉर साइट अस्पताल समूह मोबाइल वैन आई क्लिनिक के रूप में बाहरी गतिविधियां चलाता आ रहा है। इसके तहत दिल्ली और आसपास के गांवों को गोद लिया गया है, नेत्र चिकित्सा शिविर और आंखों की सर्जरी जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। समूह सब्सिडाइज्ड दर पर समाज के हर वर्ग तक बेहतरीन टेक्नोलॉजी का लाभ देने में विश्वास करता है।
यह समूह दुनिया भर में उपलब्ध अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को भारत में लाने में अग्रणी होने के लिए जाना जाता है। इंस्टीच्यूट में एक समर्पित रिसर्च विंग के साथ आंखों की देखभाल के सभी उन्नत उपकरण उपलब्ध होंगे। सेंटर फॉर साइट ग्रूप ऑफ हॉस्पिटल्स की सीईओ डॉ.अलका सचदेव ने कहा, ‘‘सीएफएस द्वारका आई इंस्टीच्यूट के सीएफएस फाउंडेशन विंग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए एक विशेष रूप से समर्पित विंग का निर्माण किया गया है, जहां उपकरणों या सेवाओं की गुणवत्ता से समझौता किए बिना, सभी कंसल्टेशन सर्जरी और प्रक्रिया सब्सिडी वाली लागत पर उपलब्ध करायी जाएगी। सीएफएस समूह पहले से ही मोबाइल वैन शिविरों का आयोजन, आस-पास के गांवों को गोद लेना, सब्सिडी वाली लागत पर मोतियाबिंद की सर्जरी करना जैसी आउटरीच गतिविधियां नियमित रूप से करता रहता है। अब सीएफएस आई संस्थान के साथ, हमें समाज के इस वर्ग का बेहतर तरीके से इलाज करने के लिए एक समर्पित स्थान मिला है।’’ अच्छी तरह से सुसज्जित मोबाइल वैन आई क्लीनिक अधिक से अधिक लोगों के लिए आंखों की देखभाल की निरूशुल्क सेवाएं प्रदान करने के लिए आस-पास के गांवों में नियमित रूप दौरे करता है।
इस केंद्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को मदद करने के मकसद से एक अलग खंड भी रखा गया है जहां किफायती मूल्य पर आधुनिक तकनीकी संसाधनों के इस्तेमाल से बेहतरीन नेत्र चिकित्सा सेवा देने की सुविधा है। यह खंड न्यू द्वारका आई इंस्टीट्यूट के संरक्षण में खोला गया है। इस प्रीमियर आई चेन ने अब तक कहीं भी ईजाद की गई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है, चाहे यह फेकोमल्सिफिकेशन हो, ब्लेड रहित कैटरैक्ट सर्जरी हो, चश्मा हटाने वाली लेजर सर्जरी या कॉन्टैक्ट लेंस लगाने जैसी टेक्नालॉजी हो। एक समर्पित शोध शाखा में मिलकर काम कर रहे सर्वश्रेष्ठ ऑप्थैल्मोलॉजिस्टों की मदद से यह संस्थान मेड इन इंडिया मुहिम को साकार करने की अपेक्षा रखती है- इसकी इलाज पद्धति और टेक्नोलॉजी नेत्र चिकित्सा का खर्च भी कम करेगी और हर किसी तक इसकी पहुंच भी होगी।
सेंटर फॉर साइट ग्रूप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के देशव्यापी स्तर पर सभी सुविधाओं से लैस 47 आई सेंटर हैं और इस संस्थान के खुल जाने से इसकी उपलब्धि में एक और इजाफा हो गया है। यह उत्तर भारत के निजी क्षेत्र में नेत्र चिकित्सा, शोध तथा विकास का आकर्षण केंद्र बनने को तैयार है। अब तक 50 लाख से अधिक मरीजों का इलाज करने का समृद्ध अनुभव रखते हुए सेंटर फॉर साइट ग्रूप का द्वारका स्थित नया नेत्र चिकित्सा संस्थान निश्चित तौर पर सभी के लिए समान, स्थायी और किफायती नेत्र चिकित्सा मुहैया कराने के रूप में मशहूर होगा।

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