राष्ट्रीय

निजी अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी के साथ उबेर कैब की मनमानी

नई दिल्ली। सरकार ने ऐप आधारित कैब सेवाओं – ओला, उबेर कैब कंपनियों के खिलाफ कई बार सख्ती बरती है लेकिन इसके बावजूद यात्रियों से मनमाना किराया वसूले जाने की घटनाएं लगातार जारी है।
उबेर कैब सेवा द्वारा अधिक किराया वसूले जाने का एक और मामला सामने आया है। उबेर द्वारा अधिक किराया वसूले जाने का मामला भूटान के प्रिंस के पूर्व ओएसडी श्री संजोय भट्टाचार्य के साथ हुआ। श्री भट्टाचार्य इस समय नई दिल्ली के कालरा हाॅस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीच्यूट में सीनियर अधिकारी हैं श्री संजोय भट्टाचार्य ने 11 मार्च का हैको 12.30 दोपहर को कालरा हॉस्पिटल के सामने कीर्ति नगर से उबर कैब भीकाजी कामा प्लेस जाने के लिए बुक की थी जिसके लिए उबर कैब ने किराया 99 रुपये की जगह 240 रुपये वसूल किये, तब श्री संजोय भट्टाचार्य ने उबर कैब के आॅफिस में शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने इस मामले में पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराने की बात कहीं है। श्री संजोय भट्टाचार्य ने कहा कि उनके साथ हुई इस घटना से न केवल उबेर कैब के ड्राइवरो की मनमानी उजागर होती है बल्कि यात्रियों से ज्यादा किराया भी वसूला जा रहा है।
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट में उबर और ओला के खिलाफ वसूली जा रही मनमानी कीमत के चलते कोर्ट में याचिका पेश की गई थी। जिस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा नोटिस जारी करते हुए पूछा था कि सरकार जल्द बताए कि वह इस दिशा में क्या काम कर रही है। हाई कोर्ट ने कहा की आम आदमी को सड़को पर यंू परेशान होने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। इसके बाबजूद आज तक इन टैक्सी कंपनियों की मनमानी आज भी यथास्थिति कायम है।
श्री संजोय भट्टाचार्य ने कहा कि जब भूटान प्रिंस के ओएसडी जैसे उच्च पद पर रह चुके व्यक्ति के साथ इस प्रकार की घटना घट सकती है तो निम्न और मध्यम वर्गीय जनता के साथ किस प्रकार ये कंपनियंा मनमानी को अंजाम देती होंगी, सरकार को पुनः इन कंपनियों पर लगाम कसनी होगी।

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