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वायु प्रदूषण और वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

नई दिल्ली । प्रॉस्पर्स पीटीई. लिमिटेड और भारतीय प्रदूषण नियंत्रण असोसिएशन की ओर से वायु प्रदूषण के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की दूसरी सीरीज, एयर ओ थॉन, का आयोजन 20 सितंबर 2017 को मयूर विहार स्थित होटल हॉलिडे इन में किया गया। पहले एयर ओ थॉन सम्मेलन के नतीजे के तौर पर सोसाइटी फॉर इंडोर इनवॉयरमेंट की लॉन्चिंग पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री रितेश कुमार सिंह ने की। सोसाइटी फॉर इंडोर एनवॉयरमेंट का गठन भारत के सभी प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों की ओर से किया गया, जिसमें आईआईटी दिल्ली, आईआईटी रुड़की, आईआईटी मद्रास, सीएसआईआर नीरी, पर्यावरण प्रबंधन केंद्र, मुंबई, भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संगठन, दिल्ली यूनिवर्सिटी और पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञ शामिल थे। यह सोसाइटी इंडोर इनवॉयरमेंट क्वॉलिटी (आईईक्यू) पर तकनीकी ज्ञान मुहैया कराने का एक प्रमुख संसाधन है। इससे आईईक्यू को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने में कामयाबी हासिल हुई, राष्ट्रीय नीतियों पर प्रभाव पड़ा, आईईक्यू के नियमों और मानकों को स्थापित किया गया। इससे विभिन्न भागीदारों को एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर लाने में कामयाबी हासिल हुई और सामूहिक रूप से समग्र समाधान विकसित किए गए।
सेमिनार में श्री रितेश सिंह ने कहा कि मंत्रालय इस संबंध में योजना को जल्दी ही लॉन्च करेगा, जिससे अगले साल तक वायु की गुणवत्ता की निगरानी करने वाले स्टेशनों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। इससे वायु गुणवत्ता की मापन के मानकों में भी सुधार होगा। मंत्रालय ने एयर क्वॉलिटी स्टैंडर्ड के बेंचमार्क के लिए 100 शहरों की पहचान की है और वहां अपना बेस्ट एक्शन प्लान लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री सिंह ने मंत्रालय की पहल “हरित दिवाली, स्वच्छ दिवाली” के संबंध में भी सभी में मौजूद लोगों को सूचना दी। इस पहल के तहत हर दिन 200 बच्चे पर्यावरण भवन के कार्यालय परिसर में स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने वाली कई गतिविधियों में भागीदारी करेंगे।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय दिवाली के दौरान वायु की गुणवत्ता के प्रति जागरूकता फैलाने में अत्यधिक गंभीर है। मंत्रालय जिला प्रशासन के समन्वय से दिवाली के दौरान आतिशबाजी के प्रदर्शन सीमित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगा।
ईएमसी और एसआईसी के अध्यक्ष डॉ. प्रसाद मोदक ने कहा, “आज अंदरूनी और बाहरी वायु प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय है। भारत में इनडोर एयर क्वॉलिटी की न तो निगरानी की जाती है और न ही उनका नियमन किया जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए हमें भागीदार या स्टेकहोल्डर जैसा नजरिया अपनाना चाहिए, जिसमें वायु की गुणवत्ता के सुधार के लिए विचार-विमर्श या इसमें सक्रिय रूप से भागीदारी की जरूरत पड़ती है। एयर-ओ-थॉन जैसे इवेंट्स हमें सारी इंडस्ट्री को इससे जोड़ने का बेहतरीन मंच मुहैया कराते हैं और एसआईई जैसी संस्थाएं ज्ञान पर आधारित नेटवर्क के गठन करने में मदद करती है, जिससे सार्थक नीतियां और कार्य योजनाएं बनाने में मदद मिलती है।“
आईआईटी दिल्ली के प्रोफेयर डॉ. मुकेश खरे ने कहा कि द सोसाइटी ऑफ इंडोर एनवॉयरमेंट (एसआईई) एक शानदार शुरुआत है, जो हमें राष्ट्रीय स्तर का मंच मुहैया कराती है। इस मंच से इंडस्ट्री के तमाम स्टेक होल्डर्स या भागीदार भारत में इनडोर एयर क्वॉलिटी को सुधारने की दिशा में साथ मिलकर काम कर सकते हैं।
एरेट हेल्थकेयर सोल्यूशन के सीईओ श्री विशाल जैन ने कहा, “हमारा मानना है कि स्वस्थ हवा सभी को मिलनी चाहिए। बड़े शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक लेवल तक पहुंच चुका है, जिससे दम घुटने लगा है। प्रदूषित हवा में सांस लेना भी खतरनाक है। हम मनुष्यों और प्रकृति के बीच स्वस्थ संतुलन को बरकरार रखना चाहते हैं। हम प्रकृति का अनुकरण करने वाले पदार्थों का निर्माण कर ऐसा कर सकते हैं। इसके अलावा हम समाज और लोगों को महत्ता देते वाले समाधान भी लोगों को मुहैया करा सकते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य और जीवीकोपार्जन की स्थिति में सुधार आए और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण हो सके।“
सम्मेलन में सीपीसीबी, आईआईटी दिल्ली, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सीएसआईआर-नीरी, आईआईटी मद्रास, एमएनआईटी जयपुर, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी, ईएमसी मुंबई, आईएक्यूए इंडिया चैप्टर, टीईआरआई, आईपीसीए, सिटिजन एनवॉयरमेंट इंप्रूवमेंट सोसाइटी और कई उद्योगों, जैसे क्वॉलिटी नीडल्स, ह्यूमिडिन, एरेट हेल्थ केयर सोल्यूशन और चक्र इनोवोशन के कई विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिन्होंने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर अपने ज्ञान, अनुभव, तकनीक और समाधान पर विचार-विमर्श किया और वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक प्रभावी और सक्षम प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया।

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