राष्ट्रीय

विश्व मे पहली बार विभिन्न विद्यालयों के बच्चों द्वारा 20 सितम्बर से होगा रामलीला मंचन

नई दिल्ली । जन-जन के हृदय में राम जितनी सहजता से समाए हैं, उनकी लीला का स्वरुप उतना ही विविध है। पीढि़यों सी चली आ रही राम लीलाएं आज भी परंपरा का रंग समैटे हुए हैं, तो तकनीक का तड़का कथाक्रम को बेहद प्रासंगिक बना देता है। राजधानी दिल्ली की संस्कृति जिन पारंपरिक मूल्यों में आज इतनी धनी है। उनमें द्वारका की संपूर्ण बाल राम लीला का आयोजन सबसे अव्वल है। आने वाले दिनों में यहां कि हर गली राममय होगी और हर हदय राम स्वरुप। लीला समितियों भी इसके लिए जी जान से जुट चुकी हैं।आगामी दिनों में मंच पर साकार और चरितार्थ होती दिखाई देगी। मंचन का शुभारंभ 20 सितम्बर को गणेश वंदना कॉम्पीटिशन से होगी व 21 सितम्बर को गुजरात का प्रसिद्ध डांडिया से होगी। बाल उत्सव रामलीला समिति की प्रीतिमा खंडेलवाल ने बताया कि समिति में लीला मंचन के लिए विभिन्न स्कूलों के बच्चें हर साल आते हैं। 150 फीट का तीन स्तरीय मंच बेहद खास होगा, जिसे आकर्षक, धरती और पाताल में बांटा गया है।

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