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शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने 50 हजार स्कूली टीचरों के लिए स्कूल इनोवेशन एंबेसेडर ट्रेनिंग प्रोग्राम लॉन्च किया

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और आदिवासी मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने नई दिल्ली से 16 जुलाई 2021 को संयुक्त रूप से सीबीएसई और एकलव्य मॉडल के आवासीय विद्यालयों के 50 हजार टीचरों के लिए स्कूल इनोवेशन एंबेसेडर ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया।
शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, डॉ. सुभाष सरकार और डॉ. राजकुमार रंजन सिंह भी लॉन्चिंग के अवसर पर मौजूद थे।
शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल ने देश भर के स्कूली शिक्षकों और एजुकेशन बोर्ड के लिए इस अभिनव कार्यक्रम की शुरुआत की थी। यह कार्यक्रम केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और सीबीएसई के आपसी सहयोग और तालमेल से शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल की ओर से संयुक्त रूप से लागू किया जा रहा है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा, “इस प्रोग्राम से लाभ उठाकर टीचर और छात्र भविष्य में होने वाली समस्याओं का समाधान आसानी से कर सकेंगे। स्कूल इनोवेशन एंबेसडर ट्रेनिंग प्रोग्राम केवल एक भौगोलिक क्षेत्र और एजुकेशन बोर्डों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि दुनिया भर के शिक्षकों को भविष्य में इस महत्वाकांक्षी ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा बनना चाहिए। इस प्रोग्राम से स्टूडेंट्स का ज्ञान तो बढ़ेगा ही, उनकी क्रिएटिविटी और इनोवेशन को भी काफी हद तक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा ष्इस ट्रेनिंग को हासिल करने वाले अध्यापको को अपने छात्रों में इनोवेशन की स्किल खोजने, उसके विकास के लिए छात्र को प्रोत्साहित करने और उस कौशल को बढ़ावा देने की कोशिश करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, ताकि भविष्य में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को हल करने में वह नेतृत्व की भूमिका निभा सकें। उन्होंने कहा, ष्यह प्रोग्राम वैश्विक समस्याओं को हल करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के विजन पर आधारित मजबूत आधार तैयार करेगा।“
.केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री ने उनके मंत्रालय को इस कार्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय का धन्यवाद किया। उन्होंने केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय की ओर से अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए एकलव्य मॉडल रेजिडेशियल स्कूलों के लिए इस स्कूल इनोवेशन एंबेसेडर ट्रेनिंग प्रोग्राम को काफी अनोखा और बेहद महत्वपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि आदिवासी मामलों का मंत्रालय इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए शिक्षा मंत्रालय के साथ आपसी सहयोग और संपूर्ण एवं बेहतर तालमेल से काम करेगा।
एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा कि एआईसीटीई शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और सीबीएसई के सहयोग से इस कार्यक्रम का सभी स्कूलों में व्यापक रूप से प्रचार और प्रसार करेगा । यह प्रोग्राम इनोवेशन के लिए स्कूल स्जतर पर जमीन को तैयार करेगा। यह हमारे छात्रों में रचनात्मक और लीक से अलग हटकर सोचने की छमता का विकाश करेगा।
शिक्षा मंत्रालय में स्कूली शिक्षा की सचिव श्रीमती अनीता करवाल ने कहा कि एआईसीटीई और सीबीएसई पहली बार इनोवेशन और एंटरप्रिन्योरशिप से संबंधित विभिन्न अवधारणाओं पर एक साथ मिलकर अध्यापको को प्रशिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें अपने स्कूली अध्यापको और छात्रों को सामान्य तौर पर पढ़ाने और स्कूली शिक्षा के अलावा नए तरीके से शिक्षा देने की अवधारणा का विकास करने की दिशा में निश्चित रूप से आगे बढ़ने की जरूरत है।
सीबीएसई के अध्यक्ष मनोज आहूजा ने 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए छात्रों और शिक्षकों को तैयार करने के लिए इनोवेशन, क्रिटिकल सोच और उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ष्यह प्रोग्राम हमारे शिक्षकों को प्रखर बुद्धि और नए विचारों वाले छात्रों को सलाह देने के लिए तैयार करेगा। शिक्षक प्रतिभाशाली छात्रों के विचारों को बढ़ावा देने के लिए उनका मार्गदर्शन कर सकते हैं, ताकि उनके नए-नए विचारों के अनुसार तैयार होकर प्रॉडक्ट्स मार्केट में आ सकें।
कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान शिक्षा मंत्रालय के नवोन्मेष प्रकोष्ठ के चीफ इनोवेशन अफसर डॉ. अभय जेरे ने कार्यक्रम की संरचना, विजन और प्रशिक्षण मॉड्यूल के विस्तृत विवरण पर प्रजेंटेशन दी। डॉ. जेरे ने स्कूली शिक्षा प्रणाली में इनोवेशन और उद्यमिता की संस्कृति का निर्माण करने में इनोवेशन एंबेसेडर ट्रेनिंग प्रोग्राम के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ष्प्रशिक्षित शिक्षक स्कूलों के स्तर पर इनोवेशन, स्टार्ट-अप और एंटरप्रिन्योर से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर पर बदालव के वाहकों का काम करेंगे।ष्
शिक्षा मंत्रालय का लक्ष्य इस बेमिसाल और अनूठे कार्यक्रम के तहत 50,000 स्कूल शिक्षकों को इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप, आईपीआर, डिजाइन थिंकिंग, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और आइडिया जेनरेशन की ट्रेनिंग देना है।
इस प्रोग्राम को आकार देने में 2020 की नई शिक्षा नीति से प्रेरणा ली गई है। इसमें लीक से हटकर सोच को बढ़ावा दिया गया है। इस नीति में किसी समस्या के हल के लिए क्रिटिकल और क्रिएटिव नजरिये से सोचने की बुनियाद पर युवा स्कूली छात्रों का मार्गदर्शन करने पर काफी बल दिया गया है।
यह कार्यक्रम प्रतिभाशाली छात्रों के नए विचारों का पोषण करने, उनके कीमती विचारों को संरक्षण देने और छात्रों को सही दिशा में गाइड करने की शिक्षकों की क्षमता को और बढ़ाएगा।
स्कूल के शिक्षकों को निम्नलिखित पांच मॉड्यूल पर ट्रेनिंग दी जाएगी

  1. डिजाइन थिंकिंग और इनोवेशन
  2. आइडिया जनरेशन और आइडियल हैंड-होल्डिंग
  3. बौद्धिक संपदा अधिकार
  4. उत्पाद या प्रोटोटाइप का विकास
  5. वित्त, मानव संसाधन और बिक्री

ये मॉड्यूल 20 जुलाई 2021 से सभी रजिस्टर्ड स्कूली टीचरों को मुफ्त प्रदान किए जाएंगे। इन प्रशिक्षित शिक्षकों को शिक्षा मंत्रालय के ‘इनोवेशन एंबेसडर’ के रूप में नामित किया जाएगा। एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

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