राष्ट्रीय

पीपीई किट पहन कोविड मरीजों के बीच पहुंचे लोकसभा अध्यक्ष, पूछा कैसी है तबीयत

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के सात दिवसीय प्रवास पर आए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मंगलवार को कोेटा पहुंचते ही सीधे न्यू मेडिकल काॅलेज गए। वहां वे और उनके ओएसडी राजीव दत्ता पीपीई किट पहनकर कोविड मरीजों के बीच पहुंच गए। उन्होंने मरीजों से उनकी तबियत पूछी तथा कहा कि वे हिम्मत बनाए रखें, जल्द स्वस्थ हो जाएंगे।
पीपीई किट पहने होने के कारण कई मरीज लोकसभा अध्यक्ष बिरला को पहचान नहीं सके। जब मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डा. विजय सरदाना ने उनका परिचय करवाया तो मरीज और तीमारदार चैंक गए। उन्होंने कहा कि जब उनके अपने संक्रमण के डर से आने से कतरा रहे हैं तो वे लोकसभा अध्यक्ष के यहां आने की उम्मीद नही ंकर सकते थे।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला तीन वार्डों में गए अनेक मरीजों से बात की। बिरला ने उनसे तबीयत का हाल जाना, अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि पूछी तथा उनके आॅक्सीजन लेवल की जानकारी दी। बिरला ने सभी मरीजों से कहा कि वे अपने भीतर हिम्मत बनाए रखें। डाक्टर उनको अच्छा उपचार दे रहे हैं, वे जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। उन्होंने मरीजों और तीमारदारों से कहा कि किसी भी मदद की आवश्यकता होने पर कैंप कार्यालय में सम्पर्क करें। उनकी हरसंभव सहायता की जाएगी।

जोखिम उठाकर पुण्य का काम कर रहें, आपको साधुवाद

बिरला ने कोविड वार्डों में कार्य कर रहे डाक्टरों, चिकित्साकर्मियों, सफाईकर्मियों और अन्य कर्मचारियों से भी बात की। बिरला ने उनकी हौसला अफजाई करते हुए कहा कि आप लोग जोखिम उठाकर कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा कर रहे हैं। आपके इस पुण्य कार्यों से अनेक लोगों की जान बची है। इस सेवा के लिए आपको जितनी बधाई और साधुवाद दिया जाए कम है।

कोई भी बीमारी आए हमारी तैयारी मजबूत होनी चाहिए

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सुपर स्पेशियेलिटी विंग में जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ व मेडिकल काॅलेज प्रबंधन के साथ बैठक कर उपचार सुविधाओं की समीक्षा की। बिरला ने कहा कि हमारी तैयारी इतनी व्यापक होनी चाहिए कि कितनी भी बड़ी बीमारी आ जाए, हम उसको नियंत्रित कर सकें। इसके लिए आवश्यक है कि हम ग्रामीण क्षेत्रों में भी सीएची और पीएचसी स्तर पर चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत बनाएं ताकि ग्रामीणों को वहीं समुचित उपचार मुहैया करवा जा सके। इस दौरान रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर और कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा भी उपस्थित रहे।

आईसीयू बेड नहीं बढ़ाने पर जताई नाराजगी

बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद वेंटीलेटर, आईसीयू और आॅक्सीजन बेड्स नहीं बढ़ाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कि आक्सीजन की कमी की आशंका के कारण अस्पताल प्रशासन ने बेड नहीं बढ़ाए जबकि उन्होंने कई बार आश्वस्त किया था कि वे आक्सीजन की कमी नहीं होने देंगे। बेड नहीं बढ़ने के कारण कई मरीजों ने उपचार के अभाव में ही दम तोड़ दिया। हम उन लोगों को बचा नहीं पाए, इसकी पीड़ा जिन्दगी भर मेरे दिल में रहेगी।

ब्लैक फंगस से लोगों को बचाना होगा

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि कोरोना के साथ अब हमें ब्लैक फंगस की चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में ब्लैक फंगस के केस सामने आना चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि इसके उपचार के लिए आवश्यक एम्फोटेरिसिन-बी की उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। स्थानीय कंपनियों का इसका उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। विदेश से भी बड़ी मात्रा में इंजेक्शन आयात किए जा रहे हैं। जल्द ही इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए विशेषज्ञ डाक्टरों का पैनल तैयार किया जाए।

गांवों में बढ़ाएं टेस्टिंग, कान्टेक्ट ट्रेसिंग करें

बैठक में डाक्टरों ने बताया कि कोटा में पाॅजीटिविटी रेट अब भी करीब 13 प्रतिशत है। ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं। इस पर बिरला ने चिंता जताते हुए कहा कि गांवों में कोरोना नियंत्रण के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। हम गांवों में टेस्टिंग बढ़ाएं, जहां ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर कोविड मरीजों को उचित उपचार मुहैया करवाएं। यहां काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग पर भी जोर दिया जाए। ऐसे प्रयास करके ही हम कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ पाएंगे और कोविड के मामलों में कमी लाने में सफल होंगे।

पता लगाएं कहां-कहां एंबुलैंस चाहिए

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सा इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने की आवश्यकता है। आज ऐसे अनेक गांव हैं जहां गंभीर मरीजों को बड़े अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलैंस तक नहीं हैं। उन्होंने जिला कलक्टर को कहा कि ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों का पता लगाएं जहां एंबुलैंस की आवश्यकता है। इसके साथ ही कोविड के केस कम होने पर उन्होंने डेप्यूटेशन पर कोटा बुलाए गए स्टाफ को भी उनके स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजने को कहा ताकि ग्रामीणों को उनके घर के निकट परामर्श मिल सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *