राष्ट्रीय

कोरोना संकट में काशी में दिखा सेवा का नया रूप : मोदी

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान सरकार और समाज सेवियों द्वारा देशभर के लोगों की मदद करने का दावा करते हुए गुरुवार को वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ताओं की जमकर सराहना करते हुए कहा कि कोरोना संकट में काशी में सेवा का नया रूप देखने को मिला है और स्थितियां सामान्य होते ही काशी में पुरानी रौनक भी तेजी से लौटेगी। श्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अपने संबोधन में यहां के जरूरतमंदों की मदद करने वालों को बाबा विश्वनाथ एवं मां अन्नपूर्णा का दूत बताते उनकी जमकर पीठ थपथपाते हुए कहा कि संकट काल में सेवा का नया रूप काशी में देखने को मिला। उन्होंने कहा कि संकट अभी नहीं टला है इसलिए सावधानियां बरतते रहना जरूरी है।
कोरोना बचने के लिए दो गज शारीरिक दूरी, जहां-तहां नहीं थूकने, मॉस्क या गमछा से मुंह कवर करने, समय-समय पर अपने हाथ धोने एवं दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने की अपील के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने की वाराणसी एवं देशवासियों से अपील की। श्री मोदी ने संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत इस जिले के करीब 100 धार्मिक, सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद कर लॉकडाउन के दौरान उनके द्वारा जरूरतमंदों की मदद करने के उनके अनुभवों जानकारी हासिल की। इसके बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोरोना संकट काल में 80 करोड़ गरीबों मुफ्त राशन, उज्ज्वला योजना के तहत तीन माह तक मुफ्त रसोई गैस, जनधन खातों के माध्यम से आर्थिक मदद, छोटे कारोबारियों को आसान शर्त पर लोन समेत अनेक तरीके से मदद दी जा रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को कोरोना वायरस से बचने के लिए एहतियाती उपाय करने और इस महामारी से पीड़ितों मरीजों को समुचित चिकित्सा सेवा देने के लिए सराहना की। श्री मोदी ने लॉकडाउन के दौराना जरूरतमंदों एवं कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराने के वालों को असाधारण काम करने वाला बातते हुए उनकी हौसला आफजायी की। उन्होंने कहा कि लोगों ने सिर्फ सेवा ही नहीं, बल्कि अपने जान की भी परवाह नहीं की। यह एक असाधारण कार्य जो बाबा विश्वनाथ एवं मां अन्नपूर्णा की प्ररेरणा से ही संभव हो रहा है। उन्होंने महान संत कबीर दास के दोहे का उल्लेख करते हुए लोगों को समाज सेवा करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा, “सेवक फल मांगे नहीं, सेब करे दिन रात”। अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि सेवा करने वाला सेवा का फल नहीं मांगता, दिन रात निःस्वार्थ भाव से सेवा करता है। दूसरों की निस्वार्थ सेवा के हमारे यही संस्कार हैं, जो इस मुश्किल समय में देशवासियों के काम आ रहें है।” श्री मोदी ने संबोधन की शुरुआत ‘हर-हर महादेव’ के जयकारे से करते हुए स्थायनीय बोली में कहा, “काशी के पुण्य धरती के आप सब पुण्यात्मा लोगन के प्रणाम हौ !” उन्होंने कहा कि वह जरूरतमंदों की सेवा करने वालों से जानकारी नहीं बल्कि उनके आशीर्वाद लेने के लिए आज संवाद किया है।

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