भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने के लिए सरकार का बड़ा कदम
भारतीय सेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार ने आज घोषणा किया कि उसमें बड़ा सुधार किया जाएगा। इस सुधार में तकरीबन 57000 अधिकारियों और अन्य की फिर से तैनाती के साथ.साथ संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित करना शामिल है। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद शायद पहली बार सेना में इस तरह की बड़ी और ‘दूरगामी प्रभाव’ वाली सुधार प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
सुधार पहल की सिफारिश लेफ्टिनेंट जनरल डी बी शेकटकर ‘सेवानिवृत्त’ की अध्यक्षता वाली समिति ने की थी। समिति को सेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने और सशस्त्र बलों के रक्षा खर्च का पुर्नसंतुलन स्थापित करने की शक्ति दी गई थी ताकि ‘टीथ टू टेल रेशियो’ को बढ़ाया जा सके।
‘टीथ टू टेल रेशियो’ से आशय हर लड़ाकू सैनिक (युद्ध) के लिए रसद और समर्थन कर्मी (टेल) की मात्रा से है। जेतली ने कहा कि समिति ने सेना में ढांचागत बदलाव के लिए 99 सिफारिशें की थीं जिनमें से 65 सिफारिशों को रक्षा मंत्रालय ने सभी हितधारकों के साथ सलाह.मशविरे के बाद स्वीकार कर लिया।
उन्होंने कहा कि सुधारों को लागू किया जाना अब शुरू हो चुका हैए जबकि रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 31 दिसंबर 2019 तक सुधार की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। सेना में तकरीबन 12 लाख कर्मी हैं और यह दुनिया की अग्रणी थल सेनाओं में से एक है। जेटली ने कहा, ‘इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, सेना की लड़ाकू क्षमता के बदलते वातावरण में विभिन्न कार्यों में सेना का कैसे सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल किया जा सके।’
मंत्रालय ने कहा कि क्षमता में सुधार के लिए सशस्त्र बलों की विभिन्न शाखाओं में असैनिकों की फिर से तैनाती की जाएगी। सेना सूत्रों ने बताया कि 31000 असैनिक कर्मचारियों को फिर से तैनात किया जाएगा। इन्हें नए फॉर्मेशन में भी तैनात किया जाएगा।