कोरोना गाइडलाइन का पालन पाबंदी से करें : धारीवाल
-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कोरोना के बढ़ते कहर के बीच राज्य सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन पाबंदी के साथ करने की आमजन से अपील की है वही अवहेलना करने वालों के खिलाफ प्रशासनिक अधिकारियों को सख्ती करने के भी निर्देश दिए हैं। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने दूरभाष पर जिला कलेक्टर सहित चिकित्सा अधिकारियों से बातचीत कर मौजूदा दौर में बढ़ते कोरोना के कहर के बीच जागरूकता अभियान को जारी रखने अस्पताल में व्यवस्थाओं को सुचारू और संसाधनों को लेकर फीडबैक लिया और आश्वस्त किया कि रोगियों के इलाज को लेकर संसाधनों में कोई कमी नही होने देंगे अस्पताल प्रशासन द्वारा संसाधनों की जरूरतों को लेकर सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है इस महामारी में सरकार लगातार चिकित्सा व्यवस्थाओं में इजाफा कर रही है ऐसे में अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त रखकर यहां पहुंच रहे रोगियों को मुकम्मल इलाज मिले साथ ही होम आइसोलेट मरीजों को भी भरोसे के साथ इलाज की व्यवस्थाओं को और दुरुस्त किया जाए साथ ही कोरोना टेस्ट में भी विस्तार करने के निर्देश दिए। मंत्री धारीवाल ने नगर निगम के अधिकारियों से भी बातचीत कर सैनिटाइजेशन जारी रखने के निर्देश दिए साथ ही निगम द्वारा चलाए जा रहे हैं जागरूकता अभियान को जन जन तक पहुंचा कर आमजन को अभियान का हिस्सा बनाने के ही आदेश दिए हैं। मंत्री धारीवाल ने कोरोना जागरूकता को लेकर व्यापार संघ और सैमसंग संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं जागरूकता अभियान की सराहना करते हुए व्यापार जगत से अपील की है कि वह बाजारों में गाइडलाइन की पालना उपभोक्ताओं से भी मुस्तेदी से करवाने की अपील की है साथ ही कोरोना को मात दे चुके लोगो से इस संकट की घड़ी में प्लाज्मा डोनेशन के प्रोटोकॉल के तहत प्लाज्मा डोनेट कर मानवता का संदेश देने का आव्हान किया।
- रैनबसेरो ओर आश्रय स्थलों पर व्यवस्थाएं हो सुचारू
कोटा में भी हो रही तेज सर्दी के चलते नगर निगम की ओर से शहर में बनाए गए अस्थाई रैन बसेरों एवं आश्रय स्थलों पर सर्द रातें गुजारने आने वाले मजदूर तबके सहित अन्य लोगों को पूरी तरह से राहत मिले इसको लेकर भी यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रैन बसेरों में सर्दी से बचाव के पुख्ता इंतजाम किए जाएं साथ ही कोरोना गाइडलाइन की भी पालना रैन बसेरों पर हो। समय-समय पर अधिकारी रेन बसेरा आश्रय स्थलों का निरीक्षण करें व्यवस्थाओं को चेक करें, और जहाँ भी कमियां नजर आये उसको दुरुस्त करवाये।