सामाजिक

# मंजिल उन्ही को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है

अभी कुछ दिन पहले ही 12वीं के नतीजे आये हैं। जाहिर है कुछ छात्र-छात्रओं के बहुत अच्छे नम्बर आये है पर कुछ के कम नम्बर हैं। अगर आपको लगता है की अच्छे नंबर ही सफलता का पैमाना है तो आज मिलते हैं एक ऐसे युवा अनंत गुप्ता से जिन्होंने कक्षा 12 में 70% नंबर हासिल किये लेकिन आज वह एक सफल फिल्म प्रोडक्शन कम्पनी के फाउंडर डारेक्टर हैं। ’अ न्यू डाइमेंशन’ नामक इनकी कम्पनी जो फिल्म निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी है, उसकी टैगलाइन है, ‘द क्रिएटिव वांडरर्स’ जो अपने काम को पूरी तरह से चरितार्थ करती है। 32 वर्षीय अनंत की आज बड़ी बड़ी कम्पनिया क्लाइंट हैं जिसमें वीएलसीसी, जीएमआर, सैमसंग, कैरियर, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, मर्सिडीस जैसी प्राइवेट कंपनियां है तो इंडियन रेलवेज, डिपार्टमेंट ऑफ वीमेन एंड चाइल्ड जैसे सरकारी मंत्रालय भी इनके ग्राहक हैं।
अनंत बताते हैं कि कॉलेज के समय से ही उनकी फिल्म निर्माण के क्षेत्र में रूचि थी। इन्होने अपनी पहली फिल्म सन 2006 में अपने ग्रेजुएशन में ही बनायी थी। फिल्म का नाम था ‘अस एंड देम’। तेरह मिनट की ये फिल्म एचआईवी पोजिटिव लोगों की परेशानियों पर आधारित थी जिसे पोर्ट ऑफ स्पेन में और केन्या एड्स एनजीओ कंसोर्टियम यानि केनको ने स्क्रीन भी किया था। ये फिल्म वहां इतनी पसंद की गयी कि इसे यूएन और वर्ड बैंक ने भी अपने पास रखा। यहाँ तक की बीबीसी के तत्कालीन कंट्री हेड एंड्रू वाइटहेड ने भी इसकी बहुत सराहना की। 20 साल की उम्र मं अनंत ने कॉल सेंटर में काम करने वाले युवाओं की परेशानियों पर आधारित अपना कांसेप्ट 20 कंपनियों के सीईओ के सामने रखा था जिसे बहुत सराहा गया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी अनंत गर्व से बताते हैं कि मैंने कुछ समय मीडिया मॉनिटरिंग एजेंसी में काम किया लेकिन मैं बचपन से ही अपना खुद का काम करने का सपना देखा करता था। कम्पनी बनाने के बाद मेरे पहले क्लाइंट के रूप में पेप्सी थी जो मेरे लिए निश्चित रूप से बड़ी सफलता थी। वे कहते हैं कि मैंने अकेले अपनी कम्पनी शुरू की थी पर आज मैं 10 लोगों की टीम को साथ लेकर काम करता हूँ जिसमे नित नए लोग जुड़ते जा रहे हैं। मीडिया में उनके अनुभव को देखते हुए सीबीएसई ने उन्हें मीडिया स्टडीज की कोर्स कमेटी का मेंबर नियुक्त कर दिया था, साथ ही सीबीएसई के 2014 के नेशनल केम्पेन ‘उड़ान’ का कंटेंट भी मुख्य रूप से इन्होंने ही बनाया था। छात्रों को वे एक ही सन्देश देते हैं कि ईश्वर ने हर किसी को प्रतिभावान बनाया है इसलिए अपनी प्रतिभा को कभी भी कमतर मत आंको और अपने कॉन्फिडेंस को हमेशा मजबूत रखों। वे यहाँ तक भी कहते हैं कि अगर कोई युवा उनसे भी जुड़ना चाहे तो उनकी कम्पनी में उसका स्वागत है। सपने देखने और उन्हें पूरा करने की ताकत और काबलियत अगर किसी में है तो उसे आसमान छूने से कोई नहीं रोक सकता।

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