वंचित परिवारों को कोवेस्ट्रो इंडिया और हैबिटाट फॉर ह्यूमेनिटी की तरफ से मिला इको-सेंसेटिव घर
नई दिल्ली। उम्मीद की आवाज पहल के दूसरे वर्ष के तहत जर्मन पॉलिमर मैटेरियल लीडर ने दिल्ली के वंचित परिवार को आग और भूकंप प्रतिरोधी घर सौंपे, ये घर आधुनिक निर्माण सामग्री और प्रौद्योगिकी के उपयोग से बनाए गए है। कोवेस्ट्रो, पॉलीमर बेस्ड सामग्रियों का वैश्विक लीडर, ने हैबिटाट फॉर ह्यूमेनिटी के साथ मिल कर नई दिल्ली में वंचित परिवार को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील (इको-सेंसेटिव) घर सौंपे।
कोवेस्टर द्वारा समर्थित अद्वितीय अभियान उम्मीद की आवाज के तहत ये घर दिए गए. इस पहल के लिए कंपनी ने हैबिटाट फॉर ह्यूमेनिटी के साथ भागीदरी की। ये भागीदारी देश में स्थायी और सस्ते आवास को बढ़ावा देने के लिए की गई है। 2017 में, कंपनी ने दो इसी तरह के घर नई दिल्ली के जरूरतमंद परिवारों को दिया था।
इंडियन इन्सुलेशन फोरम की सदस्य और इस पहल की प्रमुख प्रायोजक कोवेस्ट्रो इंडिया ने दिल्ली की नागरिक और घर से वंचित सुश्री मुन्नी देवी को ऊर्जा कुशल और इको-सेंसेटिव घर उपलब्ध कराने के लिए अत्याधुनिक तकनीक व उन्नत सामग्री प्रदान की। पर्यावरण-संवेदनशील घर हल्के, तेजी से निर्माण के लायक है ऐसी सामग्री का उपयोग करते है जो इसे भूकंप और आग प्रतिरोधी बनाता है। सही इन्सुलेशन से ऐसे घर ऊर्जा भी बचाते है, ये दिल्ली के कठोर मौसम में तापीय सहजता प्रदान करते है।
ऐसे घर का उपयोग एक पेपर हनी कंब स्ट्रक्चर की तरह होता है जो भार अक्षमता को बढाता है। इस संरचान के बीच में पॉलीयुरेथेन फोम और दो सीमेंट बोर्ड फिक्स किए जाते है। फेसिंग को केमिकल से मजबूत बनाया जाता है और ये आग से सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये मौसम और दीमक प्रतिरोध भी होते है। पॉलीयुरेथेन फोम इन्सुलेशन प्रदान करता है, ये गर्मी कम करने में मदद करता है और घर को तापीय रूप से आरामदायक बनाता है। पेपर हनी कंब संरचना को पर्यावरण-अनुकूल बनाती है।
उम्मीद की आवाज पहल के भागीदारों की सराहना करते हुए कोवेस्ट्रो इंडिया के प्रबंध निदेशक अजय दुर्रानी ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण सही इन्सुलेशन सामग्री का उपयोग करना आज की आवश्यकता है, जो ऊर्जा की खपत और कार्बन पदचिह्न को कम करने में सहायता करती है। एक ऐसे देश में, जहां यह अनुमान लगाया गया है कि निकट भविष्य में कई शहर रहने के लायक नहीं होंगे, हमारी पहल उम्मीद की आवाज का लक्ष्य कम से कम कुछ परिवारों को टिकाऊ आवास के माध्यम से मदद करना है। कोवेस्ट्रो लगातार इस लक्ष्य के लिए अपने उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के साथ योगदान करने का प्रयास कर रहा हैं। ये समाज को लाभ पहुंचाते हैं और पर्यावरण पर दुष्प्रभाव कम करते है। कोवेस्ट्रो मेक इन इंडिया पर जोर देते हुए बेहतर सामग्री और तकनीक का उपयोग करके भारत के उज्ज्वल कल के लिए अपनी प्रतिबद्धता दर्शाता है।
हैबिटाट फॉर ह्यूमेनिटी इंडिया के सीनियर डाय्रेक्टर प्रोग्राम, सुनील पडले ने कहा कि हम इस परियोजना के लिए कोवेस्ट्रो के साथ सहयोग कर के उत्साहित हैं, जिसका उद्देश्य वंचित परिवारों को नवीन आवास उपलब्ध कराना है। भारत की आवासीय चुनौती को हल करने में प्री-फैब प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। भारत सरकार के 2022 तक सभी के लिए आवास विजन के लिए हैबिटाट लगातार काम कर रहा है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह तकनीक गरीबों के लिए सुलभ और सस्ती बने।
घर की चाबी लेते हुए मुन्नी देवी ने कहा कि मैं इस घर के लिए कोवेस्ट्रो इंडिया और हैबिटाट फॉर ह्यूमेनिटी का धन्यवाद करती हूं। अपने सिर पर आश्रय मिलना एक सपना है। ऐसे घर में रहना जो आपके प्रियजनों को गर्मियों से सुरक्षित रखता है, एक आशीर्वाद है। शैलेंद्र अग्रवाल, बिल्डिंग मटेरियल टेक्नोलॉजी प्रमोशन काउंसिल के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि आपदा प्रतिरोधी और ऊर्जा कुशल घर, जिसे तेजी से बनाया जा सकता है, आज की जरूरत है, उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि कोवेस्ट्रो ने मार्केटिंग प्रभाव के बजाय सामाजिक प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया है।
कोवेस्ट्रो लंबे समय से अपने वैश्विक भागीदार हैबिटाट फॉर ह्यूमेनिटी के साथ सस्ते घरों के निर्माण में लगी हुई है। 2016 में, कोवेस्टर ने राजस्थान हाउसिंग बोर्ड और पोदार एडवाइजरी डिविजन के साथ पीआईआर पैनल का उपयोग कर घर बनाने के लिए भागीदरीकी थी। इसके तहत ऐसे घर बनाए गए जो ऊर्जा कुशल थे और 7 रिक्टर पैमाने तक भूकंप का सामना कर सकते है, इस तरह के इनोवेशन हमें ऐसे उत्पादों को समझने में मदद करते है, जो कोवेस्ट्रो बाजार की जरूरतों के आधार पर हमारे समक्ष ला सकता हैं।