खेल

सर्वाधिक होनहार खिलाड़ियों की पहचान के लिए ‘चैम्पियंस आॅफ टूमाॅरो’ नामक एक पहल

नई दिल्ली। टाटा टी जागो रे 2.0 ने पूर्व-सक्रियता पर जागरूकता उत्पन्न की है। इसके अंतर्गत ‘चैम्पियंस आॅफ टूमाॅरो’ नामक एक पहल की गई है, ताकि भारत के सर्वाधिक होनहार खिलाड़ियों की पहचान की जा सके और उन्हें अपनी कुशलता निखारने का अवसर दिया जा सके। 50 दिवसीय देशव्यापी प्रतियोगिता में 6 शहरों के लगभग 500 विद्यालयों के 3000 खिलाड़ियों ने भाग लिया और अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। ‘चैम्पियंस आॅफ टूमाॅरो’ के ग्रैंड फिनाले का आयोजन टाटा टी जागो रे 2.0 ने एथलेटिक्स फेडरेशन आॅफ इंडिया (एएफआई) के साथ मिलकर किया, जिसका समापन दिल्ली में हुआ। देश के विभिन्न भागों से 12 सबसे होनहार खिलाड़ियों का चयन आज किया गया, जो लाॅफबोरो यूनिवर्सिटी में आठ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये यूनाइटेड किंगडम जाएंगे।
भारत के प्रसिद्ध सामाजिक मंच टाटा टी ‘जागो रे’ ने वर्ष 2017 में जागो रे 2.0 लाॅन्च किया था, जिसका थीम था ‘अलार्म बजने से पहले जागो रे’, जो कि व्यवहारिक परिवर्तन पर केन्द्रित था। नागरिकों में ‘पूर्व-सक्रियता’ की प्रवृत्ति विकसित करने और अर्थपूर्ण प्रयासों वाले ब्राण्ड के तौर पर जागो रे 2.0 ने ‘चैम्पियंस आॅफ टूमाॅरो’ की रचना की। यह भारत में 16 वर्ष से कम आयु के सबसे होनहार खिलाड़ियों को पहचानने के लिये एक मंच है, ताकि उन्हें अपनी कुशलता निखारने का अवसर दिया जा सके और भविष्य का चैम्पियन बनाया जा सके।
फिनाले के अवसर पर टाटा ग्लोबल बेवरेजेस में भारत और मध्य पूर्व के क्षेत्रीय प्रेसिडेन्ट श्री सुशांत दास ने कहा, ‘‘‘पूर्व-सक्रियता वर्तमान में जरूरी है और जागो रे 2.0 प्रत्येक व्यक्ति को पूर्व-सक्रिय होने के लिये प्रोत्साहित करता है, ताकि वह परिवर्तन ला सकें। हमने ‘चैम्पियंस आॅफ टूमाॅरो’ को लाॅन्च कर इस दिशा में पहला कदम बढ़ाया है। हम चाहते है कि युवा खिलाड़ियों के विकास के लिये एक मंच निर्मित किया जाए और भारत में एक मजबूत खेल संस्कृति की नींव रखी जाए। यदि माता-पिता पढ़ाई की तरह शारीरिक शिक्षा पर भी ध्यान दें, तो भारत की खेल प्रतिभा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुँच सकती है।’’

 

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