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आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने ओपीडी स्वास्थ्य बीमा में बदलाव के लिए लाॅन्च किया अनूठा समाधान

नई दिल्ली। देश की अग्रणी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में से एक आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने स्वास्थ्य बीमा से जुडा एक ऐप -‘आईएल टेककेयर‘ लाॅन्च किया है। यह ऐप अग्रणी हैल्थकेयर प्लेटफाॅर्म ‘प्रेक्टो‘ के सहयोग से लाॅन्च किया गया है। अपनी तरह का यह अनूठा साॅल्यूशन आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के सभी ग्राहकों का आउटपेशेंट (ओपीडी) संबंधी सारा खर्च कवर करेगा।
ऐप अपनी प्रमुख स्वास्थ्य आवश्यकताओं के संबंध में ग्राहकों की महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसमें परेशानी रहित, वास्तविक समय के दावे का प्रमाणीकरण जैसे डॉक्टर परामर्श, चिकित्सा परीक्षण, फार्मेसी खर्च आदि शामिल हैं। यह उपयोगकर्ता को विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ कैशलेस नेटवर्क का उपयोग करने की क्षमता भी प्रदान करता है। ऐप इस प्रकार ग्राहकों की एक महत्वपूर्ण समस्या को दूर करता है जिसमें उन्हें ओपीडी संबंधी खर्च का भुगतान अपनी जेब से करना पडता था।
‘आईएल टेककेयर‘ ऐप प्रेक्टो की ‘ट्रिनिटी‘ टैक्नोलाॅजी के साथ काम करता है और इससे ग्राहकों को उन डाॅक्टरों के यहां कैशलैस विजिट करने की सुविधा मिलती है जो अकेले ही अपना क्लीनिक चलाते हैं। आईएल टेककेयर ऐप उपयोगकर्ताओं को चिकित्सा परीक्षणों के लिए एक नेटवर्क डायग्नोस्टिक्स केंद्र बुक करने और ऐप पर परिणाम प्राप्त करने की अनुमति देता है, जो स्वचालित रूप से आॅनलाइन मेडिकल रिकॉर्ड बन जाता है। वे छूट की दरों पर दवाएं भी खरीद सकते हैं और उन्हें दुकान से भी ले सकते हैं या अपने घर पर भी हासिल कर सकते हैं।

ऐप के जरिए ग्राहक की ओपीडी जर्नी
ऐप व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड (पीएचआर) को वास्तविक समय में देखने की सुविधा के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं के लिए लाभ, बिलिंग और लेनदेन को भी सुविधाजनक बनाता है। यह मोबाइल या ईमेल के माध्यम से सभी लेन-देन के लिए एक-बारीय पासवर्ड (ओटीपी) के साथ आता है और परिवार के सदस्यों के लिए मल्टीपल एक्सेस बिंदु प्रदान करता है। यह ऐप नियामक की उचित सहमति वाले ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ श्री भार्गव दासगुप्ता ने कहा, ‘आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में, हम नए समाधानों को पेश करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो हमारे ग्राहकों के लिए जीवन को आसान बनाते हैं। हमारा ‘आईएल टेककेयर‘ ऐप भी इसी दिशा में उठाया गया एक और कदम है जो स्वास्थ्य देखभाल के एक बड़े और वर्तमान उपेक्षित पहलू को पूरा करता है – परामर्श, निदान और दवाइयांे से जुडा ओपीडी का खर्चा। इस अनूठे समाधान के साथ, हम ग्राहकों की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा कर रहे हैं ताकि सस्ती आउट पेशेंट सुविधा और उपचार का लाभ उठाया जा सके। हम एक महत्वपूर्ण समाधान पेश करने के लिए प्रेक्टो के साथ सहयोग करते हुए प्रसन्न हैं, जिससे हमारे ग्राहकों को क्लिनिक में चिकित्सक परामर्श के लिए कैशलैस अनुभव प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी।‘

प्रेक्टो की ट्रिनिटी टैक्नोलाॅजी
प्रेक्टो की नई ट्रिनिटी तकनीक रोगियों को हर रोज स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतों जैसे चिकित्सक से परामर्श, दवा खरीद, ऑनलाइन परामर्श के साथ ही नैदानिक परीक्षणों के लिए एक पेपर रहित और कैशलैस अनुभव प्राप्त करने में सहायता करेगा। आईएल टेककेयर में ट्रिनिटी के एकीकरण के साथ, ग्राहक ऐप के जरिए बुकिंग कराते हुए या सीधे ही आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के पैनल में शामिल क्लिनिक्स पर जा सकते हैं। सिस्टम उन्हें स्वचालित रूप से पहचान लेगा और पारदर्शिता में सुधार के लिए लेनदेन की पुष्टि करेगा।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड को निर्धारित परीक्षण, उपचार और दवाइयां निर्धारित करने में मदद करने के लिए ट्रिनिटी ने डॉक्टरों से स्ट्रक्चर्ड डिजिटल नुस्खे के निर्बाध हस्तांतरण को सक्षम बनाया है जो दावों के मामले में वास्तविक समय में फैसला करने की सुविधा प्रदान करता है और डॉक्टरों के लिए आवधिक निपटान सुनिश्चित करेगा। ट्रिनिटी के साथ, देश भर में डॉक्टरा और क्लीनिक अब आईसीआईसीआई लोम्बार्ड इंश्योरेंस को प्रेक्टो के सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्वीकार कर सकते हैं।
प्रेक्टो के संस्थापक और सीईओ श्री शशांक एनडी ने कहा, ‘प्रेक्टो उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्य सेवा के अनुभव को सरल बनाने के लिए काम कर रहा है। आज हम हमारी ट्रिनिटी तकनीक का शुभारंभ कर रहे हैं जो ग्राहकों को अपने नजदीकी क्लीनिक पर एक पेपरलेस और कैशलेस परामर्श अनुभव प्राप्त करने में मदद करती है। साथ ही यह तकनीक डॉक्टर समुदाय को अपने रोगियों के साथ बेहतर, अधिक निर्बाध अनुभव प्रदान करने में भी मदद करेगी। कनेक्टेड हैल्थकेयर प्लेटफाॅर्म बनाने के हमारे प्रयासों में ट्रिनिटी एक महत्वपूर्ण कदम है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के साथ हम उनके ग्राहकों को ट्रिनिटी तकनीक लाने पर प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं।‘
स्वास्थ्य सेवा के बाजार में बढ़ोतरी और सेवा वितरण के नए मॉडल दरअसल भारतीय स्वास्थ्य बीमा उद्योग को चला रहे हैं, जो कि 2021 तक 20 प्रतिशत तक सीएजीआर के साथ 500 बिलियन तक पहुंचने के लिए तैयार है। ऐसी स्थिति में आउट पेशेंट कवरेज की कमी इस क्षेत्र के विकास के लिए एक प्रमुख अवरोधक कारक है, जिसमें दो-तिहाई चिकित्सा खर्च जेब के बूते से बाहर होता है। अनुमान के मुताबिक आकार के मामले में स्टैंडअलोन आउट पेशेंट की देखभाल मौजूदा स्वास्थ्य बीमा बाजार के 6 गुना होगी। ड्रग्स, डायग्नॉस्टिक्स, परामर्श और परीक्षण मुख्यतः ऐसे खर्च हैं, जिन्हें वहन करना बहुत मुश्किल होता है। भारत में आउटपेशेंट खर्चों को अपनी निजी आय या बचत से पूरा किया जाता है और इसीलिए विभिन्न चिकित्सा सेवाओं के लिए ओपीडी रोगियों की भुगतान करने की क्षमता का मुद्दा उठाया जाता है। वास्तव में, विशेषज्ञों के मुताबिक करीब-करीब 3.5 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे है क्योंकि वे अपनी क्षमता से बाहर जाकर खर्च करते हैं, और अगर ओपीडी के खर्चों को हटा दिया जाए तो यह आंकडा 0.5 फीसदी तक आ सकता है।

 

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