शिक्षा

ई-बुक नहीं बुक पढ़ें

आधुनिक तकनीक ने जहां एक ओर हमारे जीवन को आसान बना दिया है, वहीं दूसरी ओर इसकी वजह से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा हो रही हैं। रात में आईपैड, लैपटॉप या ई-रीडर पर किताबें पढ़ने से नींद की गुणवत्ता कम हो जाती है। इससे सोने के लिए तैयार होने में लगने वाले वक्त और नींद के कुल समय पर नकारात्मक असर पडता है।
हाल ही में अमेरिका में हुए इस शोध की प्रमुख एक यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर एना मारिया का कहना है कि इस शोध के लिए कुछ लोगों पर कई हफ्ते तक नजर रखी गई। इसमें से आधे लोगों को रात में सोने से पहले ई-बुक और आधे लोगों को सामान्य किताब पढ़ने के लिए कहा गया।
इसके बाद इन लोगों में नींद वाले हॉर्मोन मेलाटोनिन के स्तर, नींद की गहराई और अगली सुबह उनकी सजगता के स्तर की जांच की गई। शोध में पाया गया कि जो लोग रोज ई-बुक पढ़ते हैं, वे कई घंटे कम सोते हैं और उनमें रैपिड आई मूवमेंट स्लीप का समय भी कम हो जाता है। गौरतलब है कि नींद की इसी अवस्था में यादें संरक्षित होती हैं। इसलिए ज्यादा समय तक ई-बुक पढ़ने से स्मरणशक्ति कमजोर होती है और डिमेंशिया का भी खतरा बढ़ जाता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर आप पढ़ने की शौकीन हैं तो ई-बुक के बजाय किताबों के साथ वक्त बिताएं। अगर किसी वजह से ई-बुक पढ़ना जरूरी हो तो भी रात में सोने से पहले ई-बुक पढ़ने से बचें।

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