शिक्षा

अधिक अंक प्राप्त करने के उपाय

– सक्सेस गुरु ए. के. मिश्रा
डायरेक्टर (चाणक्य आई.ए.एस. एकेडमी)
निबंध का संघीय सिविल सेवा मुख्य परीक्षा तथा राज्य स्तरीय सिविल सेवा मुख्य परीक्षाओं के अनिवार्य प्रश्न-पत्रों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसमें अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर पाना न केवल आसान है, बल्कि इसमें अधिक अंक प्राप्त कर अपना चयन सुनिश्चित भी किया जा सकता है। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में निबंध के अनिवार्य प्रश्न-पत्र के लिए 200 अंक निर्धारित होते हैं। प्रश्न-पत्र में दिए गये 6 विषयों में से किसी एक पर निबंध लिखना होता है, इस एक निबंध के लिए ही तीन घंटे का समय होता है।
मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे या इसमें शामिल होने वाले अधिकांश परीक्षार्थी प्रायः यह सोचते हैं कि चूंकि इस प्रश्न-पत्र के लिए तीन घंटे का समय होता है, इसलिए इसमें एक ही निबंध, यानी एक ही विषय पर काफी लिखना होगा और ऐसा न कर पाने की स्थिति में उन्हें इसमें अधिक अंक नहीं मिल पायेगा। लेकिन ऐसा सोचना उनकी गलतफहमी ही कहा जायेगा। यह सही है कि मात्र एक निबंध के लिए तीन घंटे का समय काफी होता है, लेकिन इस परीक्षा के संयोजकों ने जान-बूझकर इस प्रश्न-पत्र के लिए इतना समय रखा है- यह उनकी चतुराई ही कही जायेगी। इस भ्रम में पड़कर अधिकांश परीक्षार्थी किसी विषय पर अंधाधुंध लिखते चले जाते हैं, जबकि किसी-किसी परीक्षार्थी को लिखने के लिए शब्द ही नहीं मिलते और वह यह सोचकर परेशान हो जाता है कि वह इस प्रश्न-पत्र में तीन घंटे कैसे काटे।

निर्देशों पर अवश्य ध्यान दें :
दरअसल निबंध प्रश्न-पत्र के लिए लिखने से ज्यादा जरूरी है- योजना बनाना। नियोजित रणनीति के बिना निबंध लिखना आपको इस प्रश्न-पत्र में बहुत अच्छा अंक नहीं दिला सकता। प्रायः अधिकांश परीक्षार्थी इस प्रश्न-पत्र को गंभीरता से नहीं लेते. उन्हें लगता है कि निबंध लिखना बहुत आसान है और इसके लिए न तो अधिक पढने की और न ही कोई रणनीति बनाने की ही जरूरत है, लेकिन वे यहीं चूक करते हैं, जिसके कारण उन्हें इस प्रश्न-पत्र में या तो काफी कम या फिर औसत अंक ही प्राप्त हो पाते हैं। लेकिन इस प्रश्न-पत्र पर बस थोड़ा-सा ध्यान दिया जाये तो यह आपकी स्थिति को काफी ऊपर तक पहुंचा सकता है। सिविल सेवा में चयनित होने के लिए एक-एक अंक काफी महत्तव रखता है। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के संदर्भ में निबंध की तैयारी करते समय या किसी भी विषय पर निबंध लिखते समय पाठ्यक्रम में दिए गये निम्न निर्देशों को हमेशा ध्यान में रखें:
1. अपने विचारों को क्रमबद्ध करते हुए निबन्ध के विषय से निकटता बनाये रखें।
2. अपनी बात संक्षेप में लिखें।
3. प्रभावशाली एवं सटीक अभिव्यक्तियों के लिए श्रेय दिया जायेगा।
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में रखे गये निबंध प्रश्न-पत्र के माध्यम से परीक्षक यह जानने की कोशिश करता है कि परीक्षार्थी किसी विषय पर अपने विचारों को क्रमबद्ध ढंग से पेश करने और अपनी बात निबंध के विषय पर ही केंद्रित रख पाने में सक्षम है या नहीं। परीक्षक यह भी जानना चाहता है कि परीक्षार्थी अपनी बात संक्षेप में किस प्रकार कह पाता है। इसके अलावा परीक्षक यह भी देखता है कि परीक्षार्थी ने जो निबंध लिखा है, उसमें वह अपनी भाषा की सरलता-सहजता से उसे प्रभावित करता है या नहीं। परीक्षार्थी किसी बात को घुमा-फिराकर लिखने की बजाय सीधे-सीधे लेकिन प्रभावशाली ढंग से लिख पाता है या नहीं। आइये इन तीनों मुद्दों का अलग-अलग विश्लेषण करें।

विषय से निकटता एवं क्रमबद्धता :
यह किसी भी निबंध का अनिवार्य गुण है। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में तो इसकी अवहेलना करना और भी भारी पड़ सकता है। मुख्य परीक्षा में निबंध लिखते समय इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप कहीं अपने विषय से भटक तो नहीं रहे हैं। इस बात को हमेशा अपने दिमाग में रखें। आप अपनी बात को समझाने के लिए उदाहरणों का प्रयोग तो करें, लेकिन वे भी विषय से पूर्णतया संबंधित ही होने चाहिए। ऐसी स्थिति तभी हो सकती है जबकि आपने विषय को अच्छी तरह से समझ लिया हो। विषय को न समझ पाने की स्थिति में अभ्यर्थी इधर-उधर की बातों से पन्ने भरते हैं। ऐसा हरगिज न करें। आप निबंध लिखते समय क्रमबद्धता का भी पूरा-पूरा ध्यान रखें. ऐसा न हो कि लिखते समय आप भूमिका से सीधे निष्कर्ष पर आ जायें। पढ़ने वाले को आपके लिखे निबंध में एक सहज प्रवाह मिलना चाहिए। ऐसा न लगे कि उसे कहीं कुछ समझने में दिक्कत हो रही है।

अपनी बात संक्षेप में कहना :
मुख्य परीक्षा दे रहे अभ्यर्थियों में आम तौर पर यह गलतफहमी होती है कि निबंध के प्रश्न-पत्र में अपनी बात काफी विस्तार से कहनी चाहिए-उनके इस ख्याल को इस बात से भी बल मिलता है कि इस प्रश्न-पत्र के लिए तीन घंटे का लम्बा समय मिलता है, लेकिन परीक्षार्थियों को इससे दिग्भ्रमित नहीं होना चाहिए। उन्हें अपनी बात अनावश्यक विस्तार में न जाकर संक्षेप में लिखनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि किसी बात को पूरा करने के लिए जितना आवश्यक है, उतना ही लिखना चाहिए। तीन घंटे का समय होने के बावजूद आपने यदि किसी विषय पर एक-डेढ़ घंटे में ही अपना निबंध पूरा कर लिया है तो इसमें चिन्ता वाली कोई बात नहीं है। इसके बाद बचे हुए समय में आप अपने निबंध को दोहरायें-उसे अनावश्यक विस्तार देने की कोशिश न करें।
चूंकि परीक्षक का मंतव्य भी यह जानना होता है कि आप किसी बात को प्रभावशाली ढंग से संक्षेप में किस प्रकार कह या लिख पाते हैं- जिससे उसकी अर्थवत्ता भी प्रभावित न हो, इसलिए आप अपने भीतर यह कला अवश्य विकसित करें।

प्रभावशाली एवं सटीक अभिव्यक्ति :
निबंध लिखने का मुख्य उद्देश्य होता है – अभिव्यक्ति कौशल को परखना, इससे भाषा और लेखन शैली दोनों का ही पता चलता है। आप किसी विषय पर कितने प्रभावशाली ढंग से अपने विचार व्यक्त कर पाते हैं, यह भाषा पर आपकी पकड़ और आपकी परिपक्व सोच पर निर्भर करता है। प्रभावशाली लेखन के लिए सरल भाषा और छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करें। किसी बात को घुमा-फिराकर कहने के बजाय सीधा-सीधा लिखें।

अच्छी तैयारी का तरीका :
चूंकि निबंध प्रश्न-पत्र में 160-170 तक अंक प्राप्त किया जा सकता है, इसलिए इसकी तैयारी व्यवस्थित तरीके से करें. इस बात को हमेशा याद रखें कि ‘निबंध’ एक ऐसी विधा है, जिसे रट कर न तो अच्छा लिखा जा सकता है और न ही परीक्षक को प्रभावित करके अधिक अंक ही प्राप्त किया जा सकता है। मुख्य परीक्षा में भी ऐसे ही विषयों पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, जो आपकी मौलिकता और आपके अपने विचार को प्रदर्शित करे। मुख्य परीक्षा की दृष्टि से निबंध की तैयारी के लिए कोई एक तरीका या शार्टकट उपाय नहीं है, बल्कि इसके लिए आपको खुले दिमाग से अध्ययन करना चाहिए। आपको अखबारों, पत्रिकाओं आदि का नियमित अध्ययन करके अपने विचारों को विकसित करना चाहिए। समाचार पत्रों के संपादकीय और संपादकीय लेख पढ़ने की आदत डालें। भाषा और अभिव्यक्ति क्षमता पर अच्छी पकड़ बनाने के लिए लिखने का नियमित अभ्यास करें-इससे परीक्षा भवन में आपको लिखते समय रूकना या अटकना नहीं पड़ेगा।

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