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ग्लैमर देखकर फिल्म इंडस्ट्री में न आएं : यामी गौतम

‘मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि एक्टिंग करूंगी। बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी थी। हमेशा अव्वल आती थी, तो लगता था उसी में कुछ करके करियर बनाऊंगी। लेकिन कहते हैं जो आपकी किस्मत में लिखा होता है वही मिलता है। शायद एक्टिंग ही मेरी डेस्टिनी थी, इसलिए मैं यहां तक पहुंची।’ यामि शुक्रवार को शहर में एक स्टोर की लांचिंग में शिरकत करने आईं थीं।
यामी कहती हैं, मैंने कभी एक्टिंग की कोई फॉर्मल क्लास नहीं ली और न ही मुझे कभी उसकी कोई ज़रूरत महसूस हुई। अपने आप ही रोल मिलते गए और मैं करती गई। मेरे पिता पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में हैं तो हो सकता है उनसे ही मुझे थोड़ा बहुत मिला हो, लेकिन मेरा मानना है फॉर्मल कोचिंग मिलने से निश्चित ही आपकी प्रतिभा में निखार आता है।
यामी कहती हैं, लोगों को लगता है फिल्मी दुनिया ग्लैमर से भरी हुई है। बस एक बार कैसे भी उसमें घुस जाओ। इसी ग्लैमर के पीछे भागते हुए वे एक्टिंग की फील्ड में आ तो जाते हैं लेकिन सफल नहीं हो पाते। इसलिए काम वो करें जिसके लिए आपके अंदर जुनून हो। जब तक आपके अंदर पैशन नहीं होगा आप अच्छा काम नहीं कर पाएंगे न ही सीख पाएंगे और एक्टिंग में तो पैशन ही सबसे ज़रूरी है।
हर फिल्म में अलग-अलग स्टार्स के साथ काम करने का अपना अलग अनुभव होता है। हर बार कुछ अलग सीखने को मिलता है। अभी तक जिनके साथ भी काम किया बहुत ही अच्छा अनुभव रहा, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मुझे ऋतिक रोशन के साथ काम करना सबसे अच्छा लगता है।
विक्की डोनर के साथ फिल्मी दुनिया में प्रवेश करने वाली यामी से जब पूछा गया कि आपको अपना कौन सा रोल सबसे अच्छा लगा तो जवाब आया किसी को भी अपनी की गई हर फिल्म अच्छी लगती है, लेकिन मुझे लगता है मेरा सबसे अच्छा रोल काबिल फिल्म में था। यामी कहती हैं, कई बार लोग फैशन को बिना सोचे समझे फॉलो करने लगते हैं। खासकर कपड़ों के मामले में, जो गलत है। मैं बिल्कुल भी फैशन में यकीन नहीं करती। फैशन आता जाता रहता है। आपको वही पहनना चाहिए जो आप पर सूट करे और आप जिसमें कम्फर्ट फील करें। पद्मावती विवाद पर यामी का कहना था बिना किसी फिल्म को देखे उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करना गलत है। लोगों को किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले फिल्म को देखना चाहिए।
टेलीविजन और फिल्म इंडस्ट्री दोनों में काम कर चुकी यामी का मानना है दोनों ही क्षेत्रों का अपना-अपना महत्व है। किसी को भी कम नहीं आंका जा सकता। यामी ने हिंदी फिल्मों में काम करने के साथ ही छह अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी काम किया है। वे कहती हैं किसी भी फिल्म में काम करने के पहले मैं यह देखती हूं कि उसका डायरेक्टर कौन है और कहानी क्या है। क्योंकि फिल्म का हिट होना उसकी कहानी पर बहुत ज्यादा डिपेंड करता है और साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि उसमें मेरा किरदार किस तरह का है।
आईएएस देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है और वह जॉब भी काफी चैलेंजिंग है, लेकिन मुझे विश्वास है कि अगर मैं एक्टर नहीं बनती तो आईएएस ज़रूर बनती।

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