फिल्म समीक्षा – ‘‘सुई धागा’’
फिल्म के कलाकार : वरुण धवन, अनुष्का शर्मा, रघुबीर यादव, नमित दास, गोविंद पांडेय
फिल्म का निर्देशक : शरत कटारिया
फिल्म के निर्माता : मनीष शर्मा, आदित्य चोपड़ा
अवधि : 2 घंटा 4 मिनट
रेटिंग : 3.5/5
निर्देशक शरत कटारिया की फिल्म ‘‘सुई-धागा’’ फैमिली, ड्रामा फिल्म है। उन्होंने पहले ‘दम लगा के हईशा’ का निर्देशन किया था। फिल्म उन कारीगरों की कहानी को दर्शाती है जो सिलाई, कढ़ाई, बुनाई में महारत रखते हैं। यह पहली बार है जब वरूण धवन और अनुष्का शर्मा एक साथ नज़र आए हैं। क्योंकि यह एक फैमिली ड्रामा फिल्म है इसलिए इसमें आपको सारे इमोशन देखने को मिलेंगे। फिल्म आम आदमी की ज़िंदगी के संघर्ष को दिखाती है।
फिल्म की कहानी : फिल्म में मध्य प्रदेश के चंदेरी इलाके को दिखाया गया है जहां दर्जी मौजी (वरुण धवन) अपनी पत्नी ममता (अनुष्का शर्मा), बीमार मां और बाप के साथ रहता है। एक ऐसी जोड़ी बनकर जिसके बीच में प्यार है लेकिन वह एक दूसरे के लिए समय नहीं निकाल पाते। मौजी किसी दूसरे के यहां काम करता है, जहां हमेशा उसका मजाक उड़ाया जाता है। दोनों बड़े ही संघर्ष के बाद एक सिलाई मशीन हासिल करते हैं और उस मशीन से नाईटी सिल कर अस्पताल में सस्ते दामों पर बेचते हैं। उन पैसों से मौजी अपनी बीमार मां का ईलाज करवाना चाहता है लेकिन वो पैसे काफी नहीं होते हैं इसलिए मौजी की भाभी का भाई सामने आकर मदद करने की बात करता है और मौजी और ममता की नौकरी किसी फैक्ट्री में आठ हज़ार रू. सैलरी पर लगवा देता है। अगले दिन मौजी अपनी ममता के साथ फैक्ट्री अपनी मशीन लेकर पहंुचता है लेकिन उसकी मशीन रख ली जाती है और उसे फैक्ट्री के मशीन पर काम करने के लिए बोला जाता है। बहुत चालाकी से फैक्ट्री की मलकिन मौजी से उसके डिजाईन लेकर उसे अपनी कंपनी का लेबल लगाकर बेचती है। जब मौजी को पता चलता है तो वा गुस्से में आकर लड़ाई करता है जिसके बाद उसे फैक्ट्री से धक्का देकर निकाल दिया जाता है। उसके बाद दोनों पति-पत्नी यह फैसला लेते हैं कि वो अपना ब्रांड बनाकर फैशन शो में हिस्सा लेंगे। इसके बाद की कहानी को जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
फिल्म की कहानी ऐसी है जिससे आप खुद को जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। फिल्म में वरुण धवन और अनुष्का दोनों ने काफी अच्छा काम किया है साथ ही साथ अनुष्का साधारण साड़ी के साथ देसी लुक में काफी ओरिजनल लगती हैं। दोनों ने अपने आप को मिडल क्लास के संघर्षमयी व्यक्ति के किरदार में पूरी से ढाल लिया है। फिल्म में रघुबीर यादव, वरुण धवन के पिता के रोल में नजर आए हैं और नमित दास व गोविंद पांडेय का अभिनय भी तारीफ के लायक है।
फिल्म क्यों देखें : फिल्म देखने लायक है। फिल्म की कहानी काफी हद तक आपको अपनी कहानी सी लगेगी।