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 टेलीविजन कलाकारों के लिये नवरात्रि का मतलब है डांस और खाना

कृष्णा भारद्वाज तेनाली रामा
‘’नवरात्रि मां ‘दुर्गा’ की शक्ति और पवित्रता का प्रतीक है। मैं खुद महिलाओं की बेहद इज्ज त करता हूं, इसलिये मेरे लिये यह महिलाओं का त्यो हार है। मुझे डांस से बेहद लगाव है, इसलिये डांसिंग एक ऐसी चीज है, जिसे मैं हर नवरात्रि के दौरान करता हूं। गुजरात में यह बड़े पैमाने पर मनाया जाता है और इस त्योसहार के दौरान मुझे लोगों से मिलना-जुलना पसंद है। यदि मुझे मौका मिलता है तो मैं निश्चित रूप से ‘गरबा पांडाल’ जाऊंगा और किसी भी आम इंसान की तरह डांस करूंगा।‘’

निया शर्मा ‘तेनाली रामा’ की शारदा
‘’मैं धार्मिक परिवार से ताल्लु क रखती हूं, इस वजह से मुझे कई सारे रस्मोंऊदृरिवाजों और परंपराओं के बारे में पता है। मेरे पेरेंट्स नवरात्रि के दौरान उपवास रखते आये हैं और बचपन में मुझे इस त्योुहार को पारंपरिक रूप में मनाना अच्छाप लगता था। हमारे पड़ोसी मुझे ‘कन्यौ भोजन’ के लिये बुलाया करते थे। मैं उन सारे तोहफों के लिये वाकई बहुत उत्सापहित रहा करती थी। उन चीजों को मिस करती हूं। मैं हमेशा ही प्रसाद बनाना चाहती थी, इसलिये इस बार यह कुछ नया होगा।‘’

आमिर दल्वी ‘अलादीन-नाम तो सुना होगा’ के दुष्ट वजीर
‘’कॉलेज के दिनों में मैं अपने दोस्तोंद के साथ नवरात्रि पांडालों में जाया करता था और जब तक पूरी तरह थक नहीं जाते थे डांडिया खेलते थे। मैं इस साल इसे दूसरे शहर में मनाना चाहता हूं, खासतौर से गुजरात के किसी शहर में, क्योंकि वहां त्योाहार की रौनक कुछ अलग ही तरह की होती है। नवरात्रि मनाये काफी लंबा अरसा हो गया और इस साल यह अलग होने वाला है क्योंककि इसे मैं किसी खास के साथ मनाने वाला हूं। इस त्यो हार के लिये मेरा प्लारन तैयार है।’’

निखिल खुराना कॉमेडी शो, ‘जीजाजी छत पर हैं’ के पंचम
‘’मेरे लिये नवरात्रि बेहद खास है। यह मुझे उस समय की याद दिलाता है जब हमारे घर पर कई सारी छोटी-छोटी बच्चियां ‘कन्याि भोजन’ के लिये आया करती थीं। मैं उनके पैर धोया करता था, उन्हें खाना खिलाता था और उनके साथ गेम्से खेलता था। इससे हमारे घर काफी उत्सािह भर जाता था। मुंबई में होने के कारण पिछले दो सालों से मैं ऐसा नहीं कर पा रहा हूं और मैं कह सकता है कि इसे मैं बहुत मिस करता हूं। हालांकि, इस साल मैं मुंबई से बाहर जगहों पर जाने वाला हूं और गरबा खेलकर व डांस करके नवरात्रि को अलग तरह से मनाने वाला हूं। यदि संभव हो पाया तो मैं इस पल को अपनी भावी जीवनसाथी के साथ बांटना चाहूंगा।‘’

शुभांगी गोखले शो ‘बीचवाले-बापू देख रहा है’ की रितु आंटी
‘’भारत में नवरात्रि को बंगाली और गुजराती बड़े ही अलग तरह से मनाते हैं। यह बात मुझे आकर्षित करती है। मैं इस त्योंहार को दूर से देखना पसंद करती हूं और दूसरे लोगों को डांस करते हुए देखकर खुश होती हूं, खासतौर से अपनी बेटी को। इस साल मैं गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने वाली हूं, जोकि मंदिरों और पांडालों के बाहर खड़े रहते हैं। मुझे वाकई इस बात की उम्मीरद है कि मैं भूखों को खाना खिला पाऊंगी और इस नवरात्रि उन्हें खुशी दे पाऊंगी।‘’

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