प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में न्यू इंडिया कॉन्क्लेव को सम्बोधित किया
नई दिल्ली। न्यू इंडिया कॉन्क्लेव का आयोजन कल विज्ञान भवन, नई दिल्ली में किया गया। इसमें पिछले कुछ महीनों के सबसे बड़े गैर-सरकारी रूरल आउटरीच प्रोग्राम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह मंच कई साझीदारों को एक साथ लेकर आया जिन्होंने ग्रामीण और शहरी भारत के बीच की दूर को पाटने की रणनीतियों पर ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया ताकि ग्रामीण भारत को देश के ग्रोथ इंजन के तौर पर सशक्त बनाया जा सके। इस राष्ट्रव्यापी पहल की अगुवाई वाई4डी फाउंडेशन ने अग्रणी भारतीय सीमेंट आपूर्तिकर्ता डालमिया सीमेंट और प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठनों- अवनी फाउंडेशन और आगा खान रूरल सपोर्ट प्रोग्राम के साथ मिलकर की।
इस कॉन्क्लेव की शुरूआत माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू के भाषण से हुई। उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद महात्मा गांधी के आवाह्न ‘चलो गांव की ओर’ को याद किया, जो कि एक विचारपूर्ण सलाह थी, क्योंकि देश का अधिकांश हिस्सा गांवों में बसता था। उन्होंने पाया कि भारत की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जबकि देश मुख्य रूप से उद्योग, संगठित क्षेत्रों और शहरी आबादी पर केन्द्रित है। उन्होंने ग्रामीण और शहरी भारत की दूरी को कम करने पर जोर दिया और कृषि तथा उद्योग पर समान रूप से ध्यान केन्द्रित करने की बात कही, ताकि भारत अगले 10 से 15 वर्षों में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सके।
उन्होंने रोजगार, शिक्षा, मनोरंजन, आर्थिक उन्नति और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिये गांव से शहर जाने वाले लोगों की बात भी कही और इसलिए ग्रामीण भारत में इन 5 ई’ज का निर्माण करने की जरूरत है। उनके अनुसार कृषि को लाभप्रद बनाना अनिवार्य है, ताकि किसानों के बच्चे अन्य व्यवसायों के बजाय खेती को चुनें। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के मद्देनजर, सरकार ने कई योजनाएं शुरू की गई हैंय हालांकि, किसान को उसके उत्पादन का सही मूल्य मिले, यह सुनिश्चित करने के लिये देश को बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
श्री नायडू ने यह भी कहा कि उनकी राय में लोन में छूट देना लंबी अवधि का समाधान नहीं हैं। इसके बजाय किसान को सही अधोसंरचना, सही मूल्य, प्रोत्साहन और उत्पाद के विपणन में सहयोग प्रदान करना अधिक महत्वपूर्ण है। इसी प्रकार, लोकवादी योजनाएं, जैसे निशुल्क बिजली भी छोटी अवधि का समाधान हैं। उन्होंने कौशल विकास, शोध व वैज्ञानिक उन्नति के साथ ही महिलाओं को समान अवसर प्रदान कर उनके सशक्तिकरण के महत्व पर जोर दिया।
यह कॉन्क्लेव गांवों के बदलाव को सभी का व्यवसाय बनाने की भावना को महत्व देता है। केपीएमजी और वाई4डी की एक रिपोर्ट कहती है कि ग्रामीण भारत की वृद्धि और विकास से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और राष्ट्रीय आर्थिक विकास में सकारात्मक योगदान मिलेगा। भारत की अधिकांश जनसंख्या (69 प्रतिशत) गांवों में रहती है और इनमें से अधिकांश लोग गरीब हैं, इसलिये ग्रामीण विकास राष्ट्र निर्माण के लिये महत्वपूर्ण है, जिसके बिना देश की प्रगति नहीं हो सकती।
अपने प्रथम वर्ष में ही वाई4डी ने देश के 50,000 गांवों तक पहुँचने का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया। कॉन्क्लेव ने एक मंच निर्मित किया, ताकि सफल ग्रामीण युवाओं के प्रयासों को पुरस्कृत किया जाए और उनकी सफलता पर प्रकाश डाला जाए। इनमें आदर्श गांव, ग्रामीण उद्यमी, समुदाय के साथ कार्यरत एनजीओ शामिल हैं, सभी का लक्ष्य बहुगुणित साझीदारों को ग्रामीण विकास में योगदान के लिये प्रेरित करना है। फोरम ने निजी क्षेत्र की क्षमता को ग्रामीण आवश्यकताओं पर मापने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें गठबंधन के क्षेत्र आते हैं, जैसे सलाह, शोध, नीतिगत स्तर पर सहयोग और निजी निवेश तथा धनराशि जुटाना।
प्रधानमंत्री ने न्यू इंडिया कॉन्क्लेव की पहल की प्रशंसा करने के साथ शुरुआत की और अपने आशीर्वाद के साथ सरकार द्वारा सहयोग देने का वचन दिया। देश बदलाव से गुजर रहा है और पिछले चार वर्षों में देश ने 21वीं सदी में नई ऊँचाइयों पर पहुँचने के लिये प्रगति की है। उन्होंने दोहराया कि भारत अब फ्रैजाइल फाइव में नहीं है। आज हम विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं।
भारत में गरीबी तेजी से कम हो रही हैय पिछले 2 वर्षों में 5 करोड़ लोग गरीबी से मुक्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार केवल सहयोग दे सकती है। उन्होंने बदलाव और नये भारत के निर्माण का श्रेय युवाओं को दिया, जो यंग इंडिया हैं। भारत के युवाओं में बदलाव की इच्छा है। पिछले 4 वर्षों में 3 करोड़ से अधिक बच्चों को टीके लगाये गये हैं, 1.75 लाख किलोमीटर सड़कें बनीं और 18000 गांवों में बिजली पहुँची। अक्टूबर 2017 के बाद से 85 लाख घरों में बिजली पहुँची, 4 करोड़ 65 लाख गरीबों को गैस कनेक्शन दिये गये, इन सभी में भारत के युवाओं का प्रयास और प्रतिबद्धता झलकती है।
प्रधानमंत्री ने कॉन्क्लेव के समापन सत्र को सम्बोधित किया और कॉन्क्लेव की टैगलाइन ‘अब हमारी बारी’ की प्रशंसा की, जो युवाओं और देश के लिये उपयुक्त है। श्री मोदी ने कहा कि न्यू इंडिया में सभी के लिये अवसर हैं- सब कुछ संभव हैय सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है- प्रधानमंत्री ने कहा कि इस उत्साह से भारत की वृद्धि होगी। कई लोग जिन्होंने जीवन में बहुत कुछ अर्जित किया है और जो देश के लिये पुरस्कार जीत रहे हैं, वह भारत के छोटे शहरों से आते हैं। 10वीं और 12वीं की परीक्षा में टॉप करने वाले, पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करने वाली हिमा दास असम के एक छोटे से गांव से आती हैं, यह इसका उदाहरण है। यह लोग न्यू इंडिया का प्रतिनिधित्व करते हैं।
न्यू इंडिया कॉन्क्लेव का लक्ष्य उभरते ग्रामीण क्षेत्र के आकर्षक अवसरों के प्रति कॉर्पोरेट्स और अन्य साझीदारों का नजरिया बदलना है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव हो। एक दिवसीय कॉन्क्लेव में देश के ओपिनियन लीडर्स ने ग्रामीण भारत के अवसरों और संभावनाओं पर चर्चा की। चर्चा के विषय थे, ‘‘युवाओं की भागीदारी और ग्रामीण विकास’’, ‘‘ग्रामीण भारत में कुशलता की आवश्यकता और व्यवसाय के अवसर’’ और ‘‘ग्रामीण भारत में स्थायी विकास’’। पैनल चर्चाओं में विभिन्न पृष्ठभूमियों के वक्ता थे, जैसे चेन्नई मेट्रो के प्रबंध निदेशक श्री पंकज कुमार बंसल, भारतीय ओलम्पियन श्री योगेश्वर दत्त, आदि, जिन्होंने यह चर्चा की कि ग्रामीण भारत के लाभ के लिये मौजूदा सरकारी योजनाओं में किस प्रकार सुधार किये जा सकते हैं।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कई श्रेणियों में राष्ट्रीय विजेताओं को पुरस्कृत किया, जैसे आधुनिक किसान, आदर्श गांव, गांव मित्र, प्रेरक युवा, ग्रामीण उद्यमी और डालमिया दिल जोड़े देश जोड़े पुरस्कार।
इन श्रेणियों के उपविजेताओं को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस ने पुरस्कृत किया। राज्यों के विजेताओं को युवा मामलों के मंत्री कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ और मेघालय के गृहमंत्री श्री जेम्स संगम ने पुरस्कृत किया। इस कॉन्क्लेव को राज्य सभा सांसद डॉ. अनिल जैन ने भी सम्बोधित किया।
डालमिया सीमेंट न्यू इंडिया कॉन्क्लेव का प्रमुख सहभागी और आयोजन भागीदार रहा है। डालमिया सीमेंट शहरी और ग्रामीण युवाओं को सही आधार और सही शिक्षा देकर उनके लिये रोजगार के अवसर निर्मित करने में संलग्न रहा है, ताकि देश में सकारात्मक बदलाव हो सके। डालमिया भारत ग्रुप के प्रबंध निदेशक श्री पुनीत डालमिया ने कहा, ‘‘डालमिया सीमेंट विगत कई वर्षों से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों और ग्रामीण अधोसंरचना निर्माण के माध्यम से युवाओं को सशक्त करने में आगे रहा है। यदि किसानों और युवाओं को प्रौद्योगिकी से जोड़ा जाए और मूलभूत अधोसंरचना प्रदान की जाए, तो ग्रामीण भारत में बड़ी संभावनाएं हैं। न्यू इंडिया कॉन्क्लेव अपनी तरह की पहली पहल है, जो परिवर्तन लाने वाली और राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने वाली युवा ग्रामीण प्रतिभा को पहचान देती है। डालमिया सीमेंट ग्रामीण प्रतिभा की खोज और राष्ट्रनिर्माण में उसके सहयोग के लिये वाई4डी के साथ भागीदारी कर प्रसन्न है।’’
न्यू इंडिया कॉन्क्लेव के उद्घाटन संस्करण की सफलता पर टिप्पणी करते हुए वाई4डी फाउंडेशन के प्रेसिडेन्ट श्री प्रफुल्ल निकम ने कहा, ‘‘इस पहल को मिले प्रतिसाद से हम प्रसन्न हैं। हमारा मानना है कि यह पहल देश के लाखों ग्रामीणों का जीवन बदलेगी। आने वाले वर्षों में, हमारा लक्ष्य एक ऐसे मंच का निर्माण करना है, जो अचीवर्स को उनका कार्य प्रदर्शित करने का अवसर देगा, ताकि वह अन्य लोगों के लिये भी प्रेरणा बन सकें।’’