शिक्षा

इंस्टिट्यूट ऑफ लेजर एंड एस्थेटिक मेडिसिन ने कॉस्मेटोलॉजी और एस्थेटिक मेडिसिन पर एक अनूठी कार्यशाला का आयोजन किया

नई दिल्ली। आईएलएएमईडी  (www.ilamed.org) विश्व में व्यावसायिक शिक्षा के ऐसे गिने-चुने संस्थानों में से एक है, जो कॉस्मेटोलॉजी और एस्थेटिक मेडिसिन में प्रशिक्षण और हैण्ड्स-ऑन कोर्स प्रदान करते हैं। आईएलएएमईडी ने हाल ही में चंडीगढ़ में ‘‘कॉस्मेटोलॉजी एंड एस्थेटिक मेडिसिन’’ पर एक अनूठी कार्यशाला का आयोजन किया।
आईएलएएमईडी के संस्थापक एवं निदेशक डॉ. अजय राणा के अनुसार, ‘‘आज चंडीगढ़ में एक अन्य महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन कर हम अत्यंत प्रसन्न हैं। कॉस्मेटोलॉजी का विकास स्वास्थ्य एवं सौंदर्य विज्ञान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस क्षेत्र में पहले ही उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी विकास हो चुके हैं और अभी कई होना बाकी है। ग्राहकों में भी व्यक्तिपरक कॉस्मेटिक समाधानों की रूचि बढ़ रही है। इधर एस्थेटिक मेडिसिन भारत में उछाल पर है, क्योंकि एस्थेटिक केयर की मांग वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। प्रशिक्षित कर्मियों की स्थायी आवश्यकता है और आईएलएएमईडी देश भर में इन कार्यशालाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में आवश्यक ज्ञान और प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।’’
आईएलएएमईडी का पाठ्यक्रम विश्वस्तरीय है और यह अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीक प्रदान करता है और उन्हें अत्यंत प्रतिस्पर्द्धी पेशेवर बनाता है। अपने कॅरियर को शुरू करने के इच्छुक नवागंतुकों के अलावा अपने अभ्यास को विस्तृत करने की इच्छा रखने वाले फिजिशियंस या कॉस्मेटोलॉजिस्ट्स के लिये यह प्रोग्राम आदर्श हैं।
कार्यशाला में भाग लेने वालों में से कुछ प्रतिभागियों की प्रतिपुष्टियाँ निम्नानुसार हैं :

  • पिछले 3 वर्षों से डेंटल सर्जन के रूप में कार्यरत जम्मू के डॉ. चरणप्रीत ने कहा, ‘‘कॉस्मेटोलॉजी में ज्ञान बढ़ाना चाहते हैं। आईएलएएमईडी ऐसा संस्थान है, जो व्यावहारिक ट्रेनिंग और संपूर्ण अध्ययन सामग्री प्रदान करता है। आईएलएएमईडी फ्रेशर्स और अभ्यासरत, दोनों के लिये सबसे बड़ा मंच है।’’
  • प्रैक्टिशनर, सोनोलॉजिस्ट और सोनोलॉजिस्ट असोसिएशन ऑफ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश के डॉ. सुरिंदर सिंह सूर्या ने कहा, ‘‘जब मुझे आईएलएएमईडी के कोर्सेज के बारे में पता चला, तब मैं तुरंत तैयार हो गया, क्योंकि मुझे त्वचा या कॉस्मेटोलॉजी का ज्ञान नहीं है। यह कोर्स करने से पहले हम जागरूक नहीं थे, लेकिन बाद में विश्व स्तरीय तकनीकों का बोध हुआ। कोर्स का कंटेन्ट बेहतरीन है और जिस तरह डॉ. अजय ने हमें पढ़ाया, वह तो लाजवाब था।’’

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