शिक्षा

ISB ग्रेजुएट्स ने करियर में छुए नए मुकाम : 2024 की पीजीपी क्लास हुई स्नातक, मोहाली और हैदराबाद कैंपस में हुए समारोह

नई दिल्ली। इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस (आईएसबी) के मोहाली और हैदराबाद कैंपस से 2024 के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (पीजीपी) ke 866 विद्यार्थी ग्रेजुएट हुए हैं। ग्रेजुएशन समारोह का आयोजन आज मोहाली में हुआ और शुक्रवार को हैदराबाद कैंपस में हुआ था।
हैदराबाद में इस समारोह की मुख्य अतिथि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच थीं। मोहाली के समारोह की मुख्य अतिथि प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की चीफ एग्ज़िक्यूटिव ऑफिसर रुक्मणी बैनर्जी थीं। इस समारोह में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट फॉर फैमिली बिज़नेस (पीजीपी एमफैब), एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम इन पब्लिक पॉलिसी (एएमपीपीपी), एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम फॉर हैल्थकेयर (एएमपीएच), और डॉक्टोरल स्तर के फैलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (एफपीएम) तथा एग्ज़िक्यूटिव फैलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (ईएफपीएम) में ग्रेजुएट होने वाले 145 विद्यार्थियों को भी उपाधि प्रदान की गई।
हर साल की तरह, पीजीपी 2024 में ग्रेजुएट होने वाले बैच में इंजीनियरिंग (49 प्रतिशत) और नॉन-इंजीनियरिंग (51 प्रतिशत) विद्यार्थियों का मिला-जुला समूह था, जिन्हें दो साल से लेकर 24 साल तक का कार्यानुभव था। इस बैच में 40 प्रतिशत लड़कियां या महिला छात्र थीं।
इस साल प्लेसमेंट के लिए 394 कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिन्होंने नौकरी के १,206 ऑफर दिए। कई विद्यार्थियों को एक से ज्यादा ऑफर मिले। इस सफल प्लेसमेंट सीज़न की नींव कंपनियों द्वारा लगभग 350 प्रि-प्लेसमेंट वार्ताओं, लीडरशिप सेशन, सेमिनार, और कार्यशालाओं ने रखी थी। इस बार 71 प्रतिशत विद्यार्थी अपने मौजूदा कार्य के प्रोफाईल से आगे बढ़ते हुए एक उद्योग से दूसरे उद्योग में प्रवेश कर गए, वहीं 75 प्रतिशत विद्यार्थियों ने अपने कार्य में परिवर्तन किया। 20 से अधिक कंपनियों ने 10 से ज्यादा ऑफर दिए।
आईएसबी में सबसे बड़े दो नियोक्ताओं में कंसल्टिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर थे, जिन्होंने 50 प्रतिशत से ज्यादा ऑफर दिए। कंपनियों ने प्रोडक्ट मैनेजमेंट, सेल्स एवं बिज़नेस डेवलपमेंट, और डिजिटल मार्केटिंग एवं ट्रांसफॉर्मेशन के पदों के लिए भी बड़े ऑफर दिए। नियोक्ताओं में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) और मोबिलिटी कंपनियाँ भी थीं। बैंकिंग, फाईनेंशल सर्विसेज़ एवं इंश्योरेंस (बीएफएसआई) सेक्टर से लगभग 10 प्रतिशत ऑफर दिए गए, जबकि 25 अंतर्राष्ट्रीय ऑफर विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के लिए दिए गए।
एक्सेंचर और डेलॉयट ने ट्रिपल-डिजिट में ऑफर दिए, जबकि नगारो, मैककिंसे और नवी टेक्नोलॉजीज़ में से प्रत्येक ने 20 से ज्यादा विद्यार्थियों की भर्ती की।
इसी प्रकार, बीसीजी, ओला, मेरिलिटिक्स, टीवीएस मोटर कंपनी, नाईका, जेनपैक्ट, यूनिलिवर, और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ कुछ अन्य कंपनियाँ थीं, जिन्होंने डबल डिजिट में भर्तियाँ कीं।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, इंडिया सोदबीज़, ब्लेनहेम शैल्कॉट इंडिया, स्ट्राईड वेंचर्स, टारगेट, डब्लूईएच वेंचर पार्टनर्स, पीआई इन्वेस्टमेंट एडवाईज़र्स, और टाटा स्टील ने पहली बाद यहाँ से नियुक्तियाँ कीं।
आईएसबी के डीन मदन पिल्लुतला ने अपने संबोधन में स्नातकों को दो मुख्य सलाहें दीं: “सबसे पहले, अपने विशेषाधिकार और नियामतों का उपयोग कम भाग्यशाली लोगों की सेवा करने के लिए करें। हमारे देश में असमानता बनी हुई है, और आप इन मुद्दों को हल करने में मदद कर सकते हैं। दूसरा, नागरिक असहमति की आदत डालें। दयालुता और सहानुभूति के साथ विभिन्न विचारों को अपनाएं।”
उन्होंने आगे कहा, “ग्रेजुएशन स्वचिंतन का समय भी है। इस बारे में सोचें कि पाँच, 10 या उससे भी अधिक वर्षों में सफलता का आपके लिए क्या अर्थ है। कई पूर्व आईएसबी छात्र अपने परिवर्तन का श्रेय आईएसबी में बिताए समय को देते हैं, और मेरा मानना है कि आपके लिए भी यही सच होगा।”
आईएसबी द्वारा विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता, एक्स्ट्रा-करिकुलर गतिविधियों, और असाधारण नेतृत्व के लिए पुरस्कृत कर सम्मानित भी किया गया।
दोनों कैंपसों में 2024 की पीजीपी क्लास के गोल्ड मैडलिस्ट निपुण बंसल रहे। अंतरा चौधरी को आईएसबी-परमेश्वर गोदरेज अवार्ड से सम्मानित किया गया, जो उस विलक्षण छात्रा को दिया जाता है, जो ग्रेजुएट होने वाले पीजीपी क्लास में सामाजिक मुद्दों के प्रति गहन प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती है।

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