शिक्षा

लक्ष्य आपकी रुचि के अनुसार होगा तो आप निस्संदेह अपने लक्ष्य को पा सकेंगे

-सक्सेस गुरु ए.के. मिश्रा
डायरेक्टर, (चाणक्य आई ए एस एकेडमी)
किसी ने सच कहा कि सफल व्यक्ति को सभी पूजते हैं या यूं कहें कि उन्हें एक सम्मानित दर्जा प्राप्त है। वैसे तो सफलता को एक लक्ष्य की उपलब्धि के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। हालांकि सिर्फ एक लक्ष्य को प्राप्त करना ही हमारा मकसद नहीं है। वास्तव में यह एक कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है। एक बार जब आप एक लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं, तो आप अगले लक्ष्य की तरफ अग्रसर हो जाते हैं। इस प्रकार सफलता हमारे जीवन की यात्रा बन जाती है। बेशक, लक्ष्य की स्थापना या निर्धारण हमारे लिए बहुत मायने रखते हैं, इसका हमारे जीवन में काफी महत्व है। अधिकांशतः हम अपने लक्ष्य के बारे में निर्णय नहीं ले पाते हैं या हम यह नहीं तय कर पाते हैं कि हम क्या चाहते हैं? जब तक आपका लक्ष्य निर्धारित नहीं होगा आप अपने को प्रेरित नहीं कर सकते हैं। खास बात तो यह है कि आप अपने जुनून के बल पर तभी आगे बढ़ सकते हैं तब आप का उद्देश्य तय होगा, अगर आप का लक्ष्य आपकी रुचि के अनुसार होगी तो आप निसंदेह अपने लक्ष्य को पा सकेंगे क्योंकि आप का पैशन ही आपको आगे ले जाएगा और आप जरूर सफल होंगे। उदाहरण के तौर पर अगर आप अपने जीवन में आईएएस ऑफिसर बनना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों और अवसरों के बारे में जान लेना चाहिए। बिना इसके आप अपने लक्ष्य में कामयाब नहीं हो सकते हैं। अपनी आत्मशक्ति और आत्मबल के आधार पर ही आप अपने को कामयाब बना सकते हैं। अगर आपका लक्ष्य पहले से निर्धारित होगा तो आप अपने जीवन में जरूर कामयाब होंगे, जिसमें किसी भी तरह का संदेह नहीं हो सकता है। आपकी जागरूकता ही आपकी चेतना को जगाती है। पूर्ण जागरूकता ही आपकी सफलता को आश्वस्त कर सकती है, यह आपके मन में एक प्रकाश की शुरूआत है। यह स्पष्टता के साथ एक कदम सच्चाई पर आधारित है, यह आपकी जागरूकता है कि आप वर्तमान में रहकर अपने भविष्य को संवारते हैं। इसे हम चेतना कह सकते हैं, भूतकाल में जीना या भविष्य के बारे में सपने देखना, जागरूकता नहीं हो सकती है।
मेरा मानना है कि व्यक्ति को हमेशा वर्तमान में जीना चाहिए। किसी ने सच कहा है कि यसटरडे इज हिस्ट्री, टूमारो अ मिस्टी, टूडे इज अ गिफ्ट। अतः निस्संदेह वर्तमान में जीना ही जागरूकता है। कहा जाता है अगर आज हमारा वर्तमान सही है तो निस्संदेह हमारा भविष्य भी उज्ज्वल होगा। उदाहरण के तौर पर हम सोच सकते हैं कि अगर हम सडक पार कर रहे हैं और उस दौरान अगर हम भूतकाल या वर्तमान के बारे में सोचेंगे तो निस्संदेह हम किसी दुर्घटना को आमंत्रित कर सकते हैं, इसलिए जरूरी है कि हम वर्तमान में जिए और वर्तमान में अपने हर मौके के फायदे उठाए। मेरा मानना है कि जो वर्तमान में जीता है वह पूरी ताकत के साथ अपने भविष्य की योजनाएं बनाता है और अपनी पूरी लगन के साथ अपने लक्ष्य के लिए काम करता है। जिस प्रकार इंसान रोड पा करते समय अगर ध्यान नहीं देगा तो वह अपने को असुरक्षा से नहीं बचा पाएगा ठीक इसी प्रकार अगर आप आईएएस बनना चाहते हैं तो आपको परीक्षा के तीनों चरणों को गंभीरता से समझने की जरूरत है। बिना तीनों चरण को समझें आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं, विभिन्न मुद्दों को गंभीरता से समझें। अगर आप वर्तमान में जीएंगे तो प्रश्रों का उत्तर पूरी तत्परता से देंगे, अगर आप परीक्षा के परिणाम के बारे में सोचेंगे तो आप अच्छा प्रदर्शन परीक्षा में नहीं कर सकते हैं। अगर आप भूतकाल या भविष्य काल में जीएंगे तो आपको मानसिक तनाव हो जाता है आप अपने काम पर ध्यान नहीं दे पाते हैं क्योंकि आपका सारा ध्यान आगे और पीछे में ही भटक कर रह जाता है और आप मौजूदा दौर के काम से भटक जाते हैं। मेरा मानना है कि वर्तमान में जीने वाला व्यक्ति अपने काम को पूरी लगन और आत्मबल के साथ पूरा करता है. जिससे उसके कामयाब होने के चांस कई गुना ज्यादा हो जाते हैं। जैसा कि भगवत गीता में भी में कहा गया है कि कर्म करो, फल की इच्छा छोड़ दो अर्थात् अपने वर्तमान में जीते हुए कर्म करते जाओ और उसके फल के लिए कुछ मत सोचो, फल देना भविष्य का काम है, जो प्रभु करते हैं।
बहरहाल जब भी आप अपने लक्ष्य के बारे में सोचें तो सबसे पहले आप में साकारात्मक सोच होनी चाहिए और साथ ही अपनी मंजिल के लक्ष्य को भी समझना होगा। यदि आप प्रसाशनिक सेवा में जाना चाहते हैं तो आप अपनी पूरी लगन और मेहनत के साथ परीक्षा के विभिन्न चरणों को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी करें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि आप चयनकर्ताओं की उम्मीदों पर खरे उतरें। अगर आप अपने को चयनकताओं के अनुसार प्रस्तुत करेंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी, इसमें कोई भी संदेह नहीं है कि आपकी सफलता को कोई भी रोक सकता है। इस दौरान जरूरी है कि आप अपने सोच को सदा सकारात्मक बनाएं। मेरा मानना है कि अपनी कुशल रणनीति के आधार पर आप अपनी सफलता को सुनिश्चित कर सकते हैं, लेकिन केवल रणनीति बनाने से सफलता नहीं मिलती है, बल्कि आप अपनी बनाई रणनीति को ईमानदारी से फॉलो करें।
कोई भी कार्य करने से पहले हमें वैसा ही माहौल उत्पन्न करना चाहिए और उसके अनुसार काम करना चाहिए। इसके अलावा अपनी मेहनत हमेशा राइट वे में करनी चाहिए, जिससे हमें सफलता के दरवाजें आसानी से खुलते हुए नजर आएंगे। अगर आप अपने जीवन में सफल लोगों से मिलेंगे तो देखेंगे कि उनकी सोच ही सकारात्मक होती है और वह किसी भी कार्य को हमेशा सकारात्मक ही लेते हैं इसमें सफलता के चांस ज्यादा ही बढ़ जाते हैं। इस तरह से जो लोग अपनी असफलता और सफलता के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानते हैं वह सकारात्मक सोच वाले होते हैं क्योंकि वे अपनी असफलता को किसी अन्य के माथे नहीं मढ़ते हैं। वैसे तो ज्यादातर देखा गया है कि आलसी और गैर जिम्मेदार लोग सदा अपनी जिम्मेदारियों को दूसरे के सिर डालकर अपने को स्वतंत्र करते हैं और जीवन भर यही कहते हैं कि मैं इस व्यक्ति की वजह से सफल नहीं हो पाया जो कि पूरी तरह गलत है।
इसके अलावा कुछ भारी दोषारोपण अपनी परिस्थितियों पर कर देते है। कभी-कभी यह भी होता है कि कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती है ऐसे में कुछ लोग हतेात्साहित हो जाते है। लेकिन जो अपने करियर के चोटी पर पहुंचता है वह अपनी असफलता का कारण ढंूढता है और जल्द से जल्द उसे समाप्त करना चाहता है। ऐसे लोग जीवन मे कभी भी पीछे नहीं रहते हैं वे सदा दिन-प्रतिदिन सफलता की सीढ़ी चढ़ते रहते हैं। एक बार जब आप अपना उद्देश्य तय कर लें तो आप अपने आत्मवल और आत्मविश्वास को कभी-भी डगमगाने नहीं दें। अपनी इस जीवन यात्रा को पूरे उत्साह के साथ शुरू करें और फिर देखें आपको सफलता जरूर मिलेगी। मेरा मानना है कि लोग अपने उद्देश्य को तय तो कर लेते हैं, लेकिन उनके उत्साह में दिन-प्रतिदिन गिरावट देखने को मिलती है जिससे उनकी सफलता का स्तर गिरता हुआ प्रतीत होता है, इसलिए जरूरी है कि वर्तमान में जीओ और अपने सभी कदम सोच समझ कर उठाओ। अगर आप वर्तमान में जीओगे, तो आप को न तो भूतकाल का भय होगा और न ही भविष्य में आने वाले परीक्षा के परिणाम का डर। वर्तमान में जिओ और भविष्य को उज्जवल बनाओ।

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