राजनीति

राजीव सक्सेना ने कोर्ट को बताया, सरकारी गवाह बनने के लिए मुझ पर कोई दवाब नहीं

नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील मामले के आरोपित और दुबई की यूएचवाई नामक कंपनी के निदेश सक्सेना ने गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि सरकारी गवाह बनने के लिए उस पर कोई दबाव नहीं है। इसके लिए उसे कोई पेशकश भी नहीं की गई है और न ही वह ऐसा चाहता है। कोर्ट के समक्ष अपने बयान दर्ज कराते हुए राजीव सक्सेना ने कहा कि उसने सरकारी गवाह बनने का फैसला काफी सोच विचार के बाद लिया है। उसके बयान दर्ज होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने कहा कि वो इस मामले पर अपना दवाब दाखिल करेंगे। पिछले 25 फरवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को नियमित जमानत दी थी। राजीव सक्सेना ने स्वास्थ्य वजहों से जमानत की मांग की थी। पिछले 14 फरवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को अंतरिम जमानत दी थी। पिछले 12 फरवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को 18 फरवरी तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था। कोर्ट ने राजीव सक्सेना का एम्स में मेडिकल परीक्षण कराने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान राजीव सक्सेना ने कहा कि उसे ल्युकेमिया की बीमारी है। उसे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है। पिछले 31 जनवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को ईडी हिरासत में भेजा था। कोर्ट ने राजीव सक्सेना को अपने वकील से मिलने की छूट देते हुए कहा था कि आधा घंटा सुबह और आधे घंटे शाम में उनके वकील मिल सकते हैं। सुनवाई के दौरान राजीव सक्सेना की वकील गीता लूथरा ने हिरासत का विरोध किया था और कहा था कि राजीव सक्सेना को ल्युकेमिया की बीमारी है। वो रात को सो नहीं पाता है। उन्हें शांत वातावरण में रखने की जरूरत है नहीं तो उनकी तबीयत और खराब हो सकती है। गीता लूथरा ने कहा था कि जिस तरीके से राजीव सक्सेना को भारत लाया गया वो गैरकानूनी है। गीता लूथरा ने कहा था कि 4 अप्रैल,2018 को हमने कोर्ट को बताया था कि वे जांच करने के लिए हमेशा तैयार हैं। इसका ईडी के वकील डीपी सिंह ने विरोध करते हुए कहा था कि राजीव सक्सेना जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अगर राजीव सक्सेना को हिरासत के दौरान किसी मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत होगी तो वो उपलब्ध कराई जाएगी। हम एम्स के डॉक्टरों की मदद ले रहे हैं। राजीव सक्सेना को कोई असुविधा नहीं होगी। राजीव सक्सेना को प्रत्यर्पित कर 31 जनवरी को भारत लाया गया था जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी की सुबह ही गिरफ्तार किया था। उल्लेखनीय है कि राजीव सक्सेना की पत्नी शिवानी सक्सेना हैं जिन्हें पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले 11 जनवरी को 15 दिनों के लिए दुबई जाने की अनुमति दी थी। ईडी ने शिवानी को 17 जुलाई 2017 को चेन्नई से गिरफ्तार किया था। शिवानी मैट्रिक्स होल्डिंग्स के अलावा दुबई की यूएचवाई नामक कंपनी की भी डायरेक्टर है। रिश्वत देने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड से जो 58 मिलियन यूरो की जो रकम आयी थी वो दो तीन कंपनियों से होकर आयी थी। इन कंपनियों में शिवानी की यूएचवाई और मैट्रिक्स होल्डिंग भी शामिल थीं। राजीव और शिवानी को ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट में मनी लाउंड्रिंग के मामले में आरोपित बनाया है।

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