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राजस्थान : 34 प्रतिशत से अधिक वोट मिले पर एक भी सीट नहीं जीत पाई कांग्रेस

जयपुर। राजस्थान में 2014 की तुलना में मत प्रतिशत में 3.84 प्रतिशत बढ़ोतरी के बावजूद कांग्रेस राज्य में लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाई वहीं उसने दिसंबर में 100 विधानसभा सीटों के साथ सरकार बनाई थी। राज्य में लोकसभा की 25 सीटे हैं और बृहस्पतिवार को आए परिणामों के अनुसार भाजपा का मत प्रतिशत तुलनात्मक रूप से 3.53 प्रतिशत व कांग्रेस का 3.88 प्रतिशत बढ़ा। राज्य के 58.47 प्रतिशत मतदाताओं ने भाजपा को जबकि 34.24 प्रतिशत मतदाताओं ने कांग्रेस को वोट दिए। दोनों पार्टियों को मिले वोटों में 24.23 प्रतिशत का अंतर रहा लेकिन भाजपा की झोली में 24 सीटें गयीं तो कांग्रेस खाली हाथ रही। इससे पहले 2014 के चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीटें उसने जीतीं थी। इस बार भाजपा 24 सीटों पर ही चुनाव लड़ी। एक सीट उसने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के लिए छोड़ी जहां से पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने जीत दर्ज की। भारतीय जनता पार्टी को 2014 के चुनाव में 54.94 प्रतिशत मत और कांग्रेस को 30.36 प्रतिशत मत मिले थे। अन्य पार्टियों की बात की जाए तो बहुजन समाज पार्टी ने इस चुनाव में राज्य में 1.07 प्रतिशत मत हासिल किए हैं। वहीं भाकपा को 0.12 प्रतिशत व माकपा को 0.09 प्रतिशत मत मिले। प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में आठ व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नौ चुनावी सभाएं कीं। राज्य में मोदी लहर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 25 में से 21 उम्मीदवार दो लाख या इससे अधिक मतों के अंतर से जीते हैं। राज्य की दो सीटों दौसा व करौली धौलपुर पर ही जीत का अंतर एक लाख मतों से कम का रहा है। सबसे बड़ी जीत की बात की जाए तो भीलवाड़ा सीट पर भाजपा के सुभाष चंद्र बहेड़िया ने कांग्रेस के रामपाल शर्मा को 612000 मतों से हराया। इसी तरह चित्तौड़गढ सीट पर भाजपा प्रत्याशी चंद्रप्रकाश जोशी ने 576247 मतों व राजसमंद में दीया कुमारी ने 551916 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उदयपुर, पाली, गंगानगर व अजमेर सीट पर जीत का अंतर चार लाख मतों से अधिक का रहा।

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